
Breast cancer: स्तन कैंसर महिलाओं में सबसे सामान्य प्रकार का कैंसर है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, 2022 में 2.3 मिलियन महिलाओं में स्तन कैंसर का पता चला था, और इस कैंसर के कारण वैश्विक स्तर पर 6,70,000 मौतें हुईं। स्तन कैंसर महिलाओं में लगभग 99% मामलों में पाया जाता है, जबकि पुरुषों में यह 0.5-1% मामलों में होता है। स्तन कैंसर का मतलब है स्तन में कोशिकाओं का असामान्य रूप से बढ़ना, जो अगर समय रहते पहचान में न आए, तो शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकता है, जो जीवन के लिए खतरा बन सकता है।
अगर स्तन कैंसर का समय रहते पता चल जाए तो उपचार के अवसर बढ़ जाते हैं। इसके लिए नियमित जांच कराना अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे स्तन कैंसर का शुरुआती अवस्था में निदान संभव हो सकता है। आइए जानते हैं, स्तन कैंसर का पता लगाने के लिए कौन-कौन से टेस्ट किए जाते हैं।

1. स्व-निदान:
स्व-निदान कोई मेडिकल टेस्ट नहीं है, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि महिलाएं अपने स्तन में गांठ या निपल डिस्चार्ज का निरीक्षण करें। अगर किसी महिला को अपने स्तन में कोई गांठ या असामान्य बदलाव महसूस हो तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। स्व-निदान स्तन कैंसर के शुरुआती लक्षणों का पता लगाने में सहायक हो सकता है।

2. मैमोग्राफी:
मैमोग्राफी एक प्रकार की एक्स-रे परीक्षा है, जो स्तन के ऊतकों में असामान्य वृद्धि या बदलाव का पता लगाने के लिए की जाती है। यह विशेष रूप से 40 वर्ष से ऊपर की महिलाओं या उन महिलाओं के लिए किया जाता है जो स्तन कैंसर के खतरे में होती हैं। मैमोग्राफी से स्तन कैंसर के शुरुआती लक्षण जैसे गांठ या माइक्रोकैल्सीफिकेशन (सूक्ष्म कैल्सियम जमा) का पता चल सकता है। यह टेस्ट नियमित स्क्रीनिंग के लिए उपयोगी है, क्योंकि यह कैंसर के शुरुआती लक्षणों को पहचानने में मदद करता है।
3. स्तन अल्ट्रासाउंड:
स्तन अल्ट्रासाउंड, मैमोग्राफी में संदिग्ध क्षेत्र को और अधिक जांचने के लिए किया जाता है। यह परीक्षण यह निर्धारित करने में मदद करता है कि जो गांठ दिखाई दे रही है, वह ठोस है (जो कैंसरous हो सकता है) या उसमें तरल पदार्थ है (जो सामान्य रूप से सौम्य होता है)। यह टेस्ट विशेष रूप से तब किया जाता है, जब मैमोग्राफी में कोई असामान्य बदलाव देखा जाता है।
4. चुम्बकीय अनुनाद इमेजिंग (MRI):
स्तन MRI एक और अत्याधुनिक तकनीक है, जिसमें चुंबक और रेडियो तरंगों का उपयोग किया जाता है। यह स्तन कैंसर के जोखिम में रहने वाली महिलाओं (जैसे पारिवारिक इतिहास या आनुवंशिक कारणों से) में कैंसर के फैलाव का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है। MRI उन ट्यूमर का भी पता लगाने में सक्षम है जिन्हें मैमोग्राफी या अल्ट्रासाउंड द्वारा नहीं देखा जा सकता। MRI, विशेष रूप से उच्च जोखिम वाली महिलाओं के लिए अत्यधिक सहायक साबित होता है, क्योंकि यह कैंसर का विस्तृत पता लगाने में मदद करता है।
5. बायोप्सी:
बायोप्सी सबसे निश्चित तरीका है यह पता करने के लिए कि गांठ कैंसरous है या नहीं। इस प्रक्रिया में स्तन के ऊतक का एक छोटा सा नमूना लिया जाता है और उसे माइक्रोस्कोप के नीचे कैंसर कोशिकाओं के लिए जांचा जाता है। अगर MRI या अल्ट्रासाउंड में कोई असामान्य गांठ दिखती है, तो बायोप्सी से यह पुष्टि होती है कि वह गांठ कैंसरous है या नहीं। बायोप्सी से यह भी पता चलता है कि कैंसर किस प्रकार का है और उसका उपचार किस प्रकार किया जाना चाहिए।
निदान के परीक्षणों का महत्व:
स्तन कैंसर के निदान के लिए इन सभी परीक्षणों का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है – कैंसर का जल्दी पता लगाना। जब स्तन कैंसर का समय पर निदान होता है, तो उपचार के परिणाम बेहतर होते हैं। इन परीक्षणों से महिलाओं को यह जानने में मदद मिलती है कि उनके शरीर में कोई असामान्य परिवर्तन हो रहा है या नहीं। इससे ना केवल उपचार के विकल्पों की पहचान होती है, बल्कि भविष्य में कैंसर के पुनः होने के जोखिम को भी कम किया जा सकता है।
नियमित जांच की आवश्यकता:
स्तन कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए यह जरूरी है कि महिलाएं नियमित रूप से स्तन कैंसर के परीक्षण करवाती रहें। यदि स्तन कैंसर का प्रारंभिक चरण में निदान हो जाए तो इसके इलाज की संभावनाएं काफी बढ़ जाती हैं। महिलाएं अपनी स्वास्थ्य देखभाल में नियमित चेक-अप, मैमोग्राफी, अल्ट्रासाउंड और बायोप्सी जैसी प्रक्रियाओं को शामिल कर सकती हैं। यह न केवल स्तन कैंसर के लक्षणों को पहचानने में मदद करता है, बल्कि इससे इलाज के लिए सही समय पर कदम उठाया जा सकता है।
स्तन कैंसर से संबंधित जागरूकता और शिक्षा:
स्तन कैंसर के बारे में सही जानकारी और जागरूकता फैलाना महत्वपूर्ण है। महिलाएं यदि खुद को और अपने शरीर को अच्छे से समझें, तो स्तन कैंसर का प्रारंभिक अवस्था में निदान और उपचार संभव है। इस जागरूकता के लिए विभिन्न अभियानों, कैंसर चेक-अप कैंप्स और स्वास्थ्य सेवाओं द्वारा लोगों को सही जानकारी दी जाती है।
स्तन कैंसर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन यदि इसका समय रहते निदान किया जाए, तो इसे सफलतापूर्वक इलाज किया जा सकता है। इसके लिए आवश्यक है कि महिलाएं अपने शरीर में किसी भी असामान्य परिवर्तन को गंभीरता से लें और समय-समय पर नियमित जांच करवाएं। स्तन कैंसर के परीक्षण जैसे मैमोग्राफी, अल्ट्रासाउंड, MRI, और बायोप्सी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यदि इनका सही समय पर उपयोग किया जाए, तो स्तन कैंसर का इलाज संभव हो सकता है और जीवन को सुरक्षित किया जा सकता है।

