
Jay Shah’s Son in Mahakumb: 2023 के महाकुंभ में भारतीय राजनीति और धार्मिक आस्थाओं का मिलाजुला नज़ारा देखने को मिला, जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उनके बेटे व आईसीसी चेयरमैन जय शाह, 27 जनवरी को प्रयागराज पहुंचे। इस अवसर पर अमित शाह और जय शाह का पूरा परिवार उनके साथ था, जिसमें उनके नवजात पोते को भी शामिल किया गया। यह परिवार महाकुंभ में धार्मिक आस्था और सम्मान के प्रतीक रूप में आए थे।
अमित शाह और पोते का आशीर्वाद से मिलन

महाकुंभ के विशेष अवसर पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें जय शाह अपने नवजात बेटे को संतों के पास ले जाते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस वीडियो में अमित शाह भी संतों के पास खड़े नजर आ रहे हैं, और दादा (अमित शाह), पिता (जय शाह), और पोता, तीनों भगवा कपड़ों में सजे हुए थे। इसके बाद, अमित शाह ने अपने पोते को हाथ में उठाकर संतों से उसे आशीर्वाद दिलवाया। यह दृश्य विशेष रूप से धार्मिक आस्था और पारिवारिक बंधन को दर्शाता था।

जय शाह का महाकुंभ में परिवार के साथ आना
जय शाह और उनके परिवार ने महाकुंभ के पवित्र स्नान में भाग लिया और संतों से आशीर्वाद लिया। इस दौरान उनके साथ उनकी पत्नी और दो बेटियाँ भी थीं, जो इस यात्रा का हिस्सा बनीं। महाकुंभ के इस आयोजन में परिवार की उपस्थिति को धार्मिक महत्व दिया गया।
अयोध्या यात्रा और राम मंदिर निरीक्षण
इससे पहले, 26 जनवरी को पूरा परिवार अयोध्या में था, जहां जय शाह ने सबसे पहले हनुमानगढ़ी में दर्शन किए और पूजा अर्चना की। इसके बाद उन्होंने रामलला के दर्शन किए और श्रद्धालुओं के साथ “जय श्री राम” के नारे भी लगाए। जय शाह ने अयोध्या में चल रहे राम मंदिर निर्माण कार्य का भी निरीक्षण किया और वहां के प्रगति का जायजा लिया। अयोध्या यात्रा ने इस परिवार की धार्मिक प्रतिबद्धता को और भी पुख्ता किया।
अमित शाह और योगी आदित्यनाथ का संगम स्नान
महाकुंभ के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ संगम पर स्नान किया। यह कार्यक्रम बहुत ही धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व का था। अमित शाह के साथ इस अवसर पर जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि और योग गुरु बाबा रामदेव भी मौजूद थे। इस दौरान, संतों ने मंत्रोच्चार के बीच अमित शाह को आचमन कराया और उन्हें आशीर्वाद दिया। इसके बाद, अमित शाह ने परिवार के साथ संगम पर पूजा भी की और वहां धार्मिक अनुष्ठान में भाग लिया।
महाकुंभ की धार्मिक और राजनीतिक अहमियत
महाकुंभ का आयोजन भारतीय राजनीति और धर्म के एक अद्वितीय संगम के रूप में देखा जाता है। यह एक ऐसा अवसर है जब धार्मिक लोग, संत, और राजनीतिक नेता सभी एक साथ आकर इस पवित्र आयोजन का हिस्सा बनते हैं। इस आयोजन में भाग लेना न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और धर्म का भी सम्मान करता है।
अमित शाह और उनका परिवार इस बार महाकुंभ में शामिल होकर इस आयोजन की धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता को और भी बढ़ा रहे हैं। उनके इस कदम को एक सकारात्मक संदेश के रूप में देखा जा रहा है, जो भारतीय धार्मिक विविधता और एकता का प्रतीक है।
महाकुंभ 2023 में अमित शाह और उनके परिवार की उपस्थिति ने न केवल धार्मिक महत्व को दर्शाया, बल्कि यह भी साबित किया कि भारतीय राजनीति में भी धार्मिक आस्था और समाजिक समरसता का अहम स्थान है। इस अवसर पर उनका पोते से आशीर्वाद लेना और अयोध्या में राम मंदिर का निरीक्षण करना इस बात का प्रतीक था कि भारतीय नेता भी अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़े रहते हैं।

