
HMPV In India: भारत में मानव मेटाप्न्यूमोनावायरस (HMPV) के मामलों की रिपोर्ट कई राज्यों से मिल रही है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इस वायरस को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। सरकार ने इस वायरस के प्रति सावधानी बरतने के लिए राज्यों को निर्देश जारी किए हैं। IANS ने डॉ. विकास मित्तल, पल्मोनोलॉजिस्ट और सीके बिर्ला अस्पताल के निदेशक से इस वायरस के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की और जानने की कोशिश की कि क्या यह वायरस खतरनाक है और अगर संक्रमित हों तो इसका कैसे नियंत्रण किया जा सकता है।
HMPV कोई नया वायरस नहीं है: डॉ. मित्तल
डॉ. विकास मित्तल ने कहा, “HMPV कोई नया वायरस नहीं है। यह मुख्य रूप से हल्के श्वसन संबंधी रोगों से जुड़ा हुआ है। हाल ही में कर्नाटका में एक तीन महीने के बच्चे में इस वायरस का संक्रमण पाया गया था। हालांकि, बच्चे को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। इस मामले से यह साफ होता है कि यह वायरस आमतौर पर हल्के लक्षण उत्पन्न करता है। हालांकि, एक साल से कम उम्र के बच्चे, 60 वर्ष से अधिक आयु के लोग, कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोग या जो पहले से कई समस्याओं से जूझ रहे हैं, उन्हें अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। यह लोग उच्च जोखिम समूह में आते हैं।”

एचएमपीवी के लक्षण
डॉ. मित्तल ने बताया, “HMPV के लक्षणों में खांसी, बुखार, नाक में जकड़न और सांस लेने में कठिनाई शामिल हैं। इसके अलावा, गंभीर मामलों में अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता हो सकती है, जिसमें ऑक्सीजन थेरेपी और वेंटिलेशन की जरूरत हो सकती है। हालांकि, यह वायरस सामान्य लोगों के लिए ज्यादा खतरनाक नहीं है और यह कोविड-19 वायरस से ज्यादा खतरनाक नहीं माना जाता है। पहले के संपर्क से बनी आंशिक इम्यूनिटी इसके प्रभाव को कम कर सकती है।”

एचएमपीवी को नियंत्रित करने के उपाय
“एचएमपीवी को जल्दी पहचान और जागरूकता से नियंत्रित किया जा सकता है। वर्तमान डेटा से यह स्पष्ट है कि HMPV एक खतरनाक वायरस नहीं है, इसलिए इस वायरस को लेकर घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। इसे रोकने के लिए, मास्क पहनना और लक्षण दिखाने वाले व्यक्तियों से दूरी बनाए रखना वायरस के फैलने से रोक सकता है,” डॉ. मित्तल ने कहा।
सरकार और राज्य सरकारें सतर्क
हालांकि, इस वायरस को लेकर घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है, फिर भी कई राज्यों ने एचएमपीवी के बढ़ते मामलों के मद्देनजर अलर्ट जारी किया है। इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए विभिन्न सावधानियां बरतने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। डॉक्टरों ने भी इसके लक्षणों के प्रति जागरूक रहने और आवश्यकता पड़ने पर तुरंत चिकित्सीय सलाह लेने की सलाह दी है।
एचएमपीवी और कोविड-19: तुलना
डॉ. मित्तल ने कहा, “एचएमपीवी और कोविड-19 के बीच मुख्य अंतर यह है कि HMPV आमतौर पर हल्के लक्षणों से जुड़ा होता है, जबकि कोविड-19 गंभीर श्वसन समस्याओं का कारण बन सकता है। एचएमपीवी का प्रभाव सामान्यत: हल्का होता है और इससे अधिकांश लोग जल्द ही ठीक हो जाते हैं। हालांकि, कोविड-19 के मुकाबले यह वायरस कम खतरनाक है, फिर भी उच्च जोखिम वाले लोगों को इस वायरस से बचाव के उपायों को अपनाने की जरूरत है।”
निवारक उपाय और सुरक्षा
एचएमपीवी से बचाव के लिए विशेषज्ञों ने कुछ निवारक उपायों की सिफारिश की है:
- मास्क पहनना: सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनने से वायरस के प्रसार को रोका जा सकता है।
- सामाजिक दूरी बनाए रखना: संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाए रखना बहुत जरूरी है।
- स्वच्छता बनाए रखना: हाथों को बार-बार धोना और सैनेटाइजर का उपयोग करना वायरस को फैलने से रोकता है।
- वायरल लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करना: लक्षणों का समय पर इलाज करना जरूरी है।
एचएमपीवी को लेकर घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह आमतौर पर हल्के लक्षण उत्पन्न करता है और सही उपचार से जल्दी ठीक हो सकता है। हालांकि, उच्च जोखिम वाले समूहों के लिए सतर्कता और सावधानी बरतना बहुत जरूरी है। वायरस के प्रसार को रोकने के लिए मास्क पहनने, हाथों की सफाई और सामाजिक दूरी बनाए रखने जैसे उपायों को अपनाना चाहिए। सरकार और स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा दी गई सलाह और दिशा-निर्देशों का पालन करना इस वायरस से बचाव के लिए महत्वपूर्ण है।

