
World Hindi Diwas: विश्व हिंदी दिवस हर साल 10 जनवरी को मनाया जाता है। भारत के 52 करोड़ से अधिक लोग हिंदी बोलते हैं, जो दुनिया के विभिन्न कोनों में बसे हुए हैं। हिंदी भाषा की समृद्धि को बढ़ावा देने में कई लोगों का योगदान है, लेकिन बॉलीवुड के अभिनेता अशुतोष राणा का नाम इस सूची में खास स्थान रखता है। उनकी हिंदी की समझ और शैली ऐसी है कि बड़े-बड़े लेखक भी उनकी सराहना करते हैं।
हिंदी का प्रचार-प्रसार और प्रेरणादायक कविताएं

अशुतोष राणा न केवल एक बेहतरीन अभिनेता हैं, बल्कि वह एक शानदार कवि और लेखक भी हैं। उनकी कविता “हे भारत के राम जागो, मैं तुम्हें जगाने आया हूं” आज भी युवाओं को प्रेरित करती है। उनके शब्दों में हिंदी भाषा की गहराई और भावनाओं की तीव्रता झलकती है।

फिल्मों में हिंदी का प्रभाव
अपने अभिनय करियर में अशुतोष राणा ने हिंदी फिल्मों में कई प्रकार के किरदार निभाए हैं। चाहे ग्रामीण पृष्ठभूमि का कोई पात्र हो या शहरी जीवन का, अशुतोष ने हर चरित्र के साथ न्याय किया है। उनकी हिंदी भाषा की पकड़ और उसका प्रयोग किरदार की गहराई को और प्रभावी बनाता है। उनकी फिल्मों में हिंदी के प्रति प्रेम साफ नजर आता है।
कविता पाठ और साहित्य से जुड़ाव
अशुतोष राणा ने न केवल हिंदी में लिखी गई कविताओं को अपनी आवाज दी है, बल्कि उन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से हिंदी साहित्य को समृद्ध किया है। उनकी आवाज में “रश्मिरथी” जैसे महाकाव्य और हिंदू ग्रंथों की कहानियां सुनने का अनुभव दर्शकों के लिए अविस्मरणीय बन जाता है।
युवाओं के लिए प्रेरणा
अशुतोष राणा की कविताएं और हिंदी भाषा के प्रति उनके प्रेम ने युवाओं को हिंदी की महत्ता को समझने और इसे अपनाने के लिए प्रेरित किया है। वह हिंदी कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं और अपनी कविताओं के माध्यम से लोगों को जोड़ते हैं।
हिंदी को ऊंचाइयों तक ले जाने का प्रयास
अशुतोष राणा ने हिंदी को एक खास स्थान दिलाने में अहम भूमिका निभाई है। उनकी हिंदी भाषा पर मजबूत पकड़ और इसे सम्मान देने की भावना ने उन्हें अन्य अभिनेताओं से अलग पहचान दिलाई है।
अशुतोष राणा न केवल एक अभिनेता हैं, बल्कि हिंदी के सच्चे प्रेमी और समर्थक भी हैं। उनकी कविताएं, उनके संवाद, और उनका हिंदी के प्रति समर्पण उन्हें एक अद्वितीय व्यक्तित्व बनाते हैं। हिंदी भाषा और साहित्य को उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा।

