B Praak: पंजाबी सिंगर बी प्राक इन दिनों बॉलीवुड में अपनी आवाज का जादू चला रहे हैं। एक से बढ़कर एक हिट गाने दे चुके बी प्राक की फैन फॉलोइंग अब जबरदस्त हो गई है। उनकी आवाज में कुछ ऐसा जादू है कि हर गाना सुपरहिट हो जाता है। बी प्राक का नाम लिखते ही दर्शकों के दिमाग में कई हिट गाने आते हैं, जिनमें ‘तेरा मुस्कुराना’, ‘आज भी’ और ‘दिल दीयां गल्लां’ जैसे गाने शामिल हैं। हालांकि, बी प्राक की सफलता के पीछे एक गहरी दर्दनाक कहानी भी छिपी हुई है, जिससे वे हाल ही में रूबरू हुए। यह कहानी एक पिता के दिल के दर्द की है, जिसने अपनी गोदी में खिलते हुए बेटे को खो दिया और अब वह उस दर्द को हर दिन अपनी पत्नी के साथ जीते हुए आगे बढ़ने की कोशिश कर रहा है।
जीवन के सबसे कठिन पल का सामना करते हुए बी प्राक ने खोया अपना बेटा
बी प्राक ने हाल ही में एक पॉडकास्ट के दौरान अपने जीवन के उस सबसे दर्दनाक दौर के बारे में खुलकर बात की, जब उन्हें अपने बेटे की मौत का सामना करना पड़ा। 2022 में उनके छोटे बेटे का जन्म हुआ था, लेकिन तीन दिन बाद ही वह दुनिया को अलविदा ले गया। बी प्राक के लिए यह सबसे कठिन समय था। उन्होंने अपनी पत्नी मीरा से इस दर्दनाक सच्चाई को छिपाकर रखा क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि उनकी पत्नी इस सदमे को सहन कर पाए। इस दौर में बी प्राक के जीवन ने एक नया मोड़ लिया, जब उन्होंने अपनी पत्नी को इस दुख के बारे में बताया और इस दौरान उनका दिल पूरी तरह से टूट गया।
पत्नी को बेटे की मौत का कैसे बताया?
बी प्राक ने इस पॉडकास्ट में बताया कि बेटे की मौत के बाद उन्हें सबसे बड़ा दुख अपनी पत्नी मीरा को इस बारे में बताने में हुआ। उन्होंने कहा, “मैं समझ नहीं पा रहा था कि मीरा को कैसे बताऊँ। मैं उसे बार-बार यही कहता रहा कि डॉक्टर देख रहे हैं, चिंता मत करो, सब ठीक हो जाएगा। वह NICU में है, लेकिन सच्चाई बताने की हिम्मत मुझे नहीं हो रही थी। अगर मैंने उसे सच बताया होता, तो वह यह सब सहन नहीं कर पाती।” बी प्राक ने यह भी साझा किया कि यह समय उनके लिए बेहद दर्दनाक था क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि मीरा को यह कठिनाई सहनी पड़े।
बेटे का अंतिम संस्कार और पत्नी के सवाल
बी प्राक ने आगे बताया कि बेटे के निधन के बाद वह जब बेटे को दफनाने गए, तो उनका दिल बहुत भारी था। उन्होंने कहा, “इतनी छोटी सी जान का इतना भारी सिर… यह दुनिया का सबसे भारी पल था।” जब वह अस्पताल लौटे और मीरा ने उन्हें देखा, तो उन्होंने बी प्राक से एक सवाल किया, “तुम दफनाने के लिए गए थे, तुमने मुझे क्यों नहीं दिखाया?” बी प्राक का कहना था कि यह सवाल उनके दिल को चीर देने जैसा था, क्योंकि उन्हें एहसास हुआ कि उन्होंने अपनी पत्नी को उस पल का सामना नहीं करने दिया, जबकि उन्हें लगता था कि अगर उन्होंने ऐसा किया होता तो सब कुछ खत्म हो जाता।
बी प्राक ने यह भी बताया कि आज तक मीरा उनसे इस बात को लेकर नाराज हैं, क्योंकि उन्होंने बेटे का चेहरा नहीं दिखाया। इस कश्मकश के बीच बी प्राक का दिल बहुत टूट चुका था, लेकिन उन्होंने सोचा कि अगर वह पत्नी को बेटे का चेहरा दिखा देते, तो वह शायद यह दर्द नहीं सह पातीं।
बी प्राक की आस्था और संघर्ष
बी प्राक ने इस समय को याद करते हुए बताया कि यह दर्द उनके जीवन में आस्था और भक्ति के प्रति उनके दृष्टिकोण को बदलने का कारण बना। वे अक्सर वृंदावन में कृष्ण भक्ति में लीन रहते हैं और अब यह उनकी आत्मा का हिस्सा बन चुका है। बी प्राक ने यह भी कहा कि इस कठिन घड़ी ने उन्हें अपने भीतर शांति और आस्था खोजने की प्रेरणा दी, और उनका मानना है कि यही उनके जीवन को संभालने का तरीका था।
उन्होंने बताया कि इस दुख से उबरने के बाद भी यह जीवन का सबसे कठिन समय था और उन्हें आज भी यह भूलना मुश्किल हो रहा है। लेकिन उनकी आस्था और भगवान की कृपा ने उन्हें इस मुश्किल दौर से उबरने का साहस दिया।
पत्नी मीरा का गुस्सा और उनका दर्द
बी प्राक की पत्नी मीरा भी इस कठिन समय से गुजर रही थीं। वह अपने बेटे को खोने के बाद पूरी तरह से टूट चुकी थीं, और बी प्राक के निर्णय ने उनके दिल में एक सवाल पैदा कर दिया था। मीरा को यह अहसास था कि उनके बेटे का चेहरा देखने का हक वह भी रखती थीं। यह बात मीरा के दिल में आज भी एक दर्द बनकर बैठी है, लेकिन बी प्राक का कहना है कि उन्होंने यह फैसला केवल इस उद्देश्य से लिया था कि उनकी पत्नी इस कष्ट को सहन कर सके।
एक पिता का दिल और एक पत्नी का संघर्ष
बी प्राक की कहानी न केवल एक कलाकार के संघर्ष की है, बल्कि यह एक पिता के दिल के दर्द और एक पत्नी के संघर्ष की भी कहानी है। बेटे के निधन के बाद दोनों ने मिलकर इस कठिन समय का सामना किया और धीरे-धीरे इस दुःख से उबरने की कोशिश की। बी प्राक ने यह स्पष्ट किया कि परिवार और आस्था ही इस मुश्किल घड़ी में उनका सहारा बने।
बी प्राक की यह कहानी न केवल उनके जीवन के संघर्ष की गाथा है, बल्कि यह हमें यह भी सिखाती है कि जीवन में आस्था, प्यार और परिवार के सहयोग से हम किसी भी मुश्किल वक्त का सामना कर सकते हैं। बी प्राक की पत्नी मीरा का दुख और उनका गुस्सा यह दिखाता है कि हर किसी के दिल में एक सवाल और कष्ट होता है, लेकिन हमें साथ मिलकर उसे पार करना होता है। बी प्राक की इस कहानी से यह संदेश मिलता है कि जीवन में दुख तो आएंगे, लेकिन हमें उनसे लड़ने की शक्ति अपनी आस्था और परिवार से मिलती है।