Congress leader Hussain Dalwai: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर राज्य में राजनीतिक तापमान बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस और उसके सहयोगी लगातार भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को निशाना बना रहे हैं। इस बीच, महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हुसैन दलवाई ने RSS पर विवादित बयान दिया है, जिसने राजनीति में हड़कंप मचा दिया है।
RSS पर गंभीर आरोप
हुसैन दलवाई ने गुरुवार को RSS को आतंकवादी संगठन बताते हुए यह दावा किया कि संघ लोगों को हिंसा सिखाता है। उन्होंने कहा, “RSS एक आतंकवादी संगठन है। वे बच्चों को झूठ बोलने की शिक्षा देते हैं और हिंसा सिखाते हैं। यह पूरी तरह से गलत है। वे बच्चों को बताते हैं कि देश का विभाजन महात्मा गांधी के कारण हुआ था, और इस कारण लोग डरते हैं।” दलवाई ने RSS पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह संगठन समाज में नफरत फैलाता है और हिंसा को बढ़ावा देता है।
RSS के खिलाफ तर्क
हुसैन दलवाई ने आगे कहा कि “RSS एक खतरनाक संगठन है और मैं इसका प्रमाण दे रहा हूं। पहला प्रमाण यह है कि जनसंघ के संस्थापक की हत्या की गई थी। इस हत्या की जांच के लिए बलराज माधोक की अगुवाई में एक समिति बनाई गई थी। माधोक ने तीन महीने तक विभिन्न जगहों पर यात्रा की और रिपोर्ट तैयार की। उन्होंने वाराणसी सहित कई अन्य स्थानों पर भी जाकर जानकारी जुटाई, लेकिन उस रिपोर्ट को छिपा लिया गया।” दलवाई ने दावा किया कि माधोक ने इस रिपोर्ट के बारे में अपनी किताब में विस्तार से बताया है।
महात्मा गांधी की हत्या में RSS का हाथ?
हुसैन दलवाई ने RSS पर महात्मा गांधी की हत्या में शामिल होने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “RSS महात्मा गांधी की हत्या के लिए जिम्मेदार है। आज तक उन्होंने इस पर माफी नहीं मांगी है। वे यह नहीं कहते कि गांधीजी की हत्या हमारी गलती थी।” उनका यह बयान न केवल RSS के खिलाफ तीखा हमला था, बल्कि गांधीजी की हत्या से जुड़े विवादों को भी ताजा कर दिया है।
हिन्दू धर्म और RSS
दलवाई ने अपने बयान में यह भी कहा कि “RSS के प्रवक्ता मुझ पर आरोप लगाते हैं कि मैंने हिन्दुओं को हत्यारा कहा है। बिल्कुल नहीं, मैं यह नहीं कह सकता कि हिन्दू आतंकवादी होते हैं। हिन्दू वह होता है जो भारत की पूरी परंपरा का पालन करता है, जो महाराष्ट्र की परंपरा को मानता है, जैसे तुकाराम और ज्ञानेश्वर महाराज। हम महात्मा फुले, बाबा साहब अंबेडकर, महात्मा गांधी और शिवाजी महाराज की श्रद्धा करते हैं।” यह बयान इस बात पर जोर देता है कि हिन्दू धर्म और RSS की विचारधारा में अंतर है।
कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों के लिए यह बयान
हुसैन दलवाई का यह बयान कांग्रेस पार्टी और विपक्षी दलों के लिए एक नई रणनीति का हिस्सा हो सकता है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस और उसके सहयोगी बीजेपी और RSS पर हमला करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। हुसैन दलवाई का यह बयान निश्चित रूप से पार्टी के अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं को प्रेरित करेगा, जो महाराष्ट्र में बीजेपी और RSS की बढ़ती ताकत को चुनौती देने के लिए अधिक सक्रिय हो सकते हैं।
प्रतिक्रिया और विवाद
इस बयान के बाद RSS और बीजेपी के नेताओं की तरफ से तीव्र प्रतिक्रियाएं आ सकती हैं। RSS को लेकर इस तरह के आरोपों पर संगठन ने कई बार अपने रुख का स्पष्ट किया है, लेकिन हुसैन दलवाई के बयान ने इस मुद्दे को फिर से तूल दे दिया है। इससे पहले भी RSS के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने कई बार मोर्चा खोला है, लेकिन इस बार दलवाई ने बयान की तीव्रता को बढ़ाते हुए एक नया मोड़ दिया है।
हुसैन दलवाई का यह बयान महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया विवाद खड़ा कर सकता है। उन्होंने RSS पर आतंकवादी संगठन होने के आरोप लगाकर राजनीतिक दृष्टिकोण से इस मुद्दे को फिर से गर्म कर दिया है। अब यह देखना होगा कि इस बयान का चुनावी राजनीति पर क्या असर पड़ता है और क्या यह कांग्रेस की राजनीतिक रणनीति को सशक्त करता है या विरोधियों के लिए एक नया अवसर बनता है।