Saroj Khan: बॉलीवुड के सिनेमा जगत में अपनी अनूठी कोरियोग्राफी के कारण अमिट छाप छोड़ने वाली मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान का योगदान कभी नहीं भुलाया जा सकेगा। उनका नाम आते ही सबसे पहले उनकी बेहतरीन कोरियोग्राफी की यादें ताजा हो जाती हैं, जिनसे सजे गाने आज भी दर्शकों के दिलों में गूंजते हैं। चाहे वह माधुरी दीक्षित के साथ “धक धक करने लगा” हो, या करीना कपूर के साथ “तुमसे मिलके”, सरोज खान की कोरियोग्राफी ने भारतीय सिनेमा को एक नई दिशा दी।
लेकिन उनके कोरियोग्राफी के साथ-साथ उनकी सख्त और अनुशासित शैली भी हमेशा चर्चा का विषय रही है। उनका यह सख्त रवैया उनके अद्वितीय व्यक्तित्व का हिस्सा था, लेकिन इसके पीछे का कारण हाल ही में मशहूर कोरियोग्राफर टेरेंस लुईस ने उजागर किया है, जिनके अनुसार सरोज खान का सख्त व्यवहार केवल स्वाभाविक नहीं था, बल्कि यह एक रणनीति थी, जिसे उन्होंने बॉलीवुड जैसे पुरुष प्रधान इंडस्ट्री में खुद को स्थापित करने के लिए अपनाया।
सरोज खान का संघर्ष और सख्त रवैया
सरोज खान की कोरियोग्राफी और उनका अनुशासन दोनों ही बॉलीवुड इंडस्ट्री में खास थे। वे जानती थीं कि किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने के लिए सिर्फ टैलेंट ही पर्याप्त नहीं होता, बल्कि उसे कड़ी मेहनत और अनुशासन के साथ जोड़ने की जरूरत होती है। बॉलीवुड में अपनी जगह बनाने के लिए वे हर कदम पर खुद को साबित करने की कोशिश करतीं, और यही कारण था कि उनका रवैया कभी-कभी सख्त नजर आता था।
हाल ही में टेरेंस लुईस ने एक पॉडकास्ट में इस सख्त रवैये के बारे में बात की। उन्होंने कहा, “सरोज जी का सख्त व्यवहार उनके स्वाभाव का हिस्सा नहीं था, बल्कि यह एक प्रतिक्रिया थी, जो उन्होंने पुरुष प्रधान इंडस्ट्री में अपने स्थान को पक्का करने के लिए अपनाई।” उनका यह रवैया न केवल उनके खुद के लिए, बल्कि उन सभी महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गया जिन्होंने इस इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने का सपना देखा था।
महिला कोरियोग्राफरों का संघर्ष
टेरेंस लुईस ने यह भी कहा कि इंडस्ट्री में महिला कोरियोग्राफर्स को पुरुषों की तुलना में कहीं ज्यादा सख्त और कठोर होना पड़ता है। “महिलाओं को बार-बार यह साबित करना पड़ता है कि वे किसी से कम नहीं हैं,” उन्होंने कहा। दरअसल, महिलाओं के लिए बॉलीवुड जैसे पुरुष प्रधान क्षेत्र में काम करना बहुत चुनौतीपूर्ण होता है। उनका मानना था कि अगर महिलाएं इस इंडस्ट्री में खुद को साबित करना चाहती हैं, तो उन्हें पुरुषों की तरह मजबूत और कठोर होना पड़ता है।
सरोज खान का अनुशासन और कड़ी मेहनत
सरोज खान का अनुशासन और उनकी कड़ी मेहनत ने उन्हें इंडस्ट्री में एक स्थायी स्थान दिलाया। वे अपने शिष्यों से उत्कृष्टता की उम्मीद करती थीं और उन्हें भी हर कदम पर अपनी मेहनत और लगन से साबित करने की आवश्यकता होती थी। उनके सख्त रवैये के बावजूद, उनके शिष्य हमेशा उनके काम को सराहते थे और उन्हें एक सशक्त और प्रेरणादायक कोरियोग्राफर मानते थे।
सरोज खान की कोरियोग्राफी: बॉलीवुड की पहचान
सरोज खान ने न केवल बॉलीवुड को बेहतरीन डांस नंबर दिए, बल्कि उन्होंने एक नई डांस शैली की शुरुआत की, जो आज भी लोकप्रिय है। उनके द्वारा कोरियोग्राफ किए गए गाने जैसे “धक धक करने लगा”, “तुमसे मिलके”, और “याही मोहब्बत है” ने बॉलीवुड में एक नई पहचान बनाई। उनकी कोरियोग्राफी को हमेशा उनकी तकनीकी निपुणता और गहरी सोच के लिए सराहा गया।
सख्ती का कारण: महिलाओं के लिए अपनी जगह बनाना
टेरेंस लुईस के अनुसार, सरोज खान का सख्त रवैया उनके अंदर की ताकत का प्रतीक था। उनका यह रवैया सिर्फ उनके स्वभाव का हिस्सा नहीं, बल्कि एक सुरक्षा कवच था, जिसे उन्होंने पुरुष प्रधान इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने के लिए अपनाया था। उन्होंने इसे अपनी ताकत के रूप में इस्तेमाल किया और यह साबित किया कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं।
सरोज खान का योगदान: अनमोल धरोहर
आज भी सरोज खान की कोरियोग्राफी बॉलीवुड के दिलों में जिंदा है। उनकी कड़ी मेहनत और अनुशासन ने बॉलीवुड को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। उन्होंने भारतीय सिनेमा को अपने असाधारण डांस नंबरों से भरपूर किया, और उनका योगदान बॉलीवुड की कोरियोग्राफी में हमेशा याद रखा जाएगा। उनके द्वारा स्थापित की गई कड़ी मेहनत और अनुशासन की मिसाल आज भी उन सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो इस इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाना चाहते हैं।
सरोज खान का सख्त रवैया और अनुशासन न केवल उनके लिए, बल्कि बॉलीवुड इंडस्ट्री में महिलाओं के लिए एक प्रेरणा बने। उन्होंने साबित किया कि अगर किसी महिला को इस पुरुष प्रधान इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनानी है, तो उसे न केवल अपनी कला में श्रेष्ठता दिखानी होगी, बल्कि खुद को भी मजबूत और कठोर बनाना पड़ेगा। सरोज खान का योगदान हमेशा बॉलीवुड की कोरियोग्राफी में अनमोल रहेगा, और उनका संघर्ष और समर्पण सभी के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बने रहेंगे।