कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर सियासी हलचल मचा दी है। बुधवार को उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हरियाणा में वोट चोरी का बड़ा आरोप लगाया। राहुल ने कहा कि लगभग 25 लाख वोट चोरी हुए हैं और कांग्रेस की जीत को भाजपा की जीत में बदलने की साजिश रची गई। यह बयान उन्होंने बिहार चुनाव से ठीक पहले दिया जिससे सियासी पारा और बढ़ गया। राहुल ने युवाओं से कहा कि बिहार का भविष्य उनके हाथ में है और उन्हें इस साजिश को पहचानना होगा। अब सवाल उठता है कि क्या राहुल का यह ‘हाइड्रोजन बम’ बिहार की राजनीति में धमाका करेगा या यह केवल चुनावी शोर बनकर रह जाएगा।
कर्नाटक से हरियाणा और अब बिहार तक
राहुल गांधी ने इससे पहले भी कर्नाटक में वोट चोरी के आरोप लगाए थे। इसके बाद उन्होंने बिहार में मतदाता अधिकार यात्रा निकाली जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी इस यात्रा में साथ दिया था। राहुल ने अपनी रैलियों में इस मुद्दे को बार-बार उठाया और कहा कि जनता का वोट लोकतंत्र की ताकत है जिसे छीना जा रहा है। हालांकि, महागठबंधन ने अपने प्रचार में इस मुद्दे को उतनी प्रमुखता नहीं दी जितनी राहुल चाहते थे।
आरजेडी की असहजता और दूरी
तेजस्वी यादव ने बिहार में अपने भाषणों में बेरोजगारी, अपराध, पलायन और महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों पर जोर दिया। आरजेडी के कुछ नेताओं का मानना है कि वोट चोरी के मुद्दे पर अधिक जोर देने से जनता के असली मुद्दे पीछे छूट जाते हैं। पार्टी चाहती थी कि राहुल भ्रष्टाचार और विकास पर हमला करें न कि केवल ‘SIR’ और वोट चोरी के मुद्दे पर अटके रहें। खास बात यह रही कि राहुल ने अपने आरोपों को लेकर चुनाव आयोग में कोई औपचारिक शिकायत भी दर्ज नहीं कराई जिससे विपक्ष ने उनके दावों पर सवाल उठाए।
राहुल के दावे पर सवाल
राहुल गांधी ने दावा किया कि हरियाणा में एक ब्राजीलियन मॉडल ने 22 बार वोट डाला। उन्होंने इसका फोटो भी दिखाया। बाद में एक महिला पिंकी सामने आई और कहा कि उन 22 वोटर कार्डों में से एक कार्ड उनका है और गलती से फोटो गलत छप गया था। यानी कार्ड असली था लेकिन फोटो गलत थी। इससे राहुल के दावे की सच्चाई पर सवाल उठने लगे। विरोधियों ने इसे राहुल की राजनीतिक रणनीति बताया जिसका मकसद बिहार चुनाव से पहले माहौल बनाना था।
बिहार में माहौल बनाने की कोशिश
राहुल गांधी ने हरियाणा के मुद्दे को बिहार से जोड़कर जनता के बीच यह संदेश देने की कोशिश की कि अगर सजग नहीं रहे तो बिहार में भी ऐसा हो सकता है। उन्होंने मंच पर बिहार के एक गांव के लोगों को बुलाकर यह दिखाने की कोशिश की कि वोटर लिस्ट से नाम हटाने जैसी समस्याएं अभी भी मौजूद हैं। राहुल ने इस मुद्दे को भावनात्मक रूप देकर युवाओं से कहा कि लोकतंत्र की रक्षा उनके हाथों में है। अब देखना यह है कि राहुल की यह रणनीति बिहार में कितना असर दिखा पाती है या फिर यह भी पिछले आरोपों की तरह सियासी बयान बनकर रह जाएगी।



