Mahli Beardman: सामान्य तौर पर तो ऐसा नहीं होता, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज माहिल बियर्डमैन की कहानी कुछ अलग है। 14 साल की उम्र में एक मामूली सी घटना ने उनकी पूरी ज़िंदगी बदल दी। अगर वह कूड़ेदान का हिस्सा नहीं बनते तो शायद कभी अपने मेंटॉर डेनिस लिली से नहीं मिलते और ना ही ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय टीम की जर्सी पहनने का मौका मिलता।
टीम में जगह और डेब्यू का इंतजार
माहिल बियर्डमैन को भारत के खिलाफ टी20 सीरीज के लिए ऑस्ट्रेलिया की टीम में चुना गया है। यह दूसरी बार है जब उन्होंने सीनियर टीम में जगह बनाई है। इससे पहले 2024 में इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज के लिए रिजर्व प्लेयर बने थे, लेकिन खेल नहीं सके। अब उम्मीद है कि भारत के खिलाफ टी20 सीरीज में उनका इंटरनेशनल डेब्यू हो सकता है। 20 साल के माहिल, जो 6 फुट 2 इंच लंबे हैं, अपनी तेज़ गेंदबाज़ी के लिए जाने जाते हैं।
कूड़ेदान और करियर की शुरुआत
माहिल की कहानी उस दिन शुरू हुई जब वे 14 साल के थे। उस वक्त उनकी गेंदबाजी की रफ्तार 130 किलोमीटर प्रति घंटे थी, जो उस उम्र के लिए बहुत खास थी। एक दिन वे अपने दोस्त के घर के बाहर क्रिकेट खेल रहे थे और उनकी तेज गेंदें बार-बार दोस्त के घर के बाहर रखे कूड़ेदान में जा रही थीं। दोस्त के पिता को लगा कोई जानबूझकर कूड़ेदान में कचड़ा फेंक रहा है, तो उन्होंने तत्कालीन अधिकारी रॉड डुग्गन को इस बारे में सूचित किया। रॉड डुग्गन ने माहिल की प्रतिभा को पहचान कर डेनिस लिली को उनकी जानकारी दी। यहीं से माहिल की मुलाकात अपने मेंटॉर डेनिस लिली से हुई और उनकी ट्रेनिंग शुरू हुई।
20 महीने पहले भारत को दिया था बड़ा झटका
मेंटॉर की मदद से माहिल ने अपनी गेंदबाजी और भी निखारी। 2023 में उन्होंने लिस्ट ए क्रिकेट में डेब्यू किया। कुछ ही महीनों बाद उन्हें अंडर-19 वनडे वर्ल्ड कप के लिए चुना गया। फरवरी 2024 में खेले गए फाइनल में उन्होंने 15 रन देकर भारत के तीन विकेट लिए और मैन ऑफ द मैच रहे। उस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 79 रन से हराकर 14 साल के इंतजार के बाद अंडर-19 वर्ल्ड कप जीत लिया था।
अब टीम इंडिया के सामने 140 प्लस रफ्तार का खतरा
20 महीने बाद, अब 20 साल के माहिल बियर्डमैन फिर से भारत के सामने हैं। इस बार वो सीनियर टीम के लिए तैयार हैं। उनके साथ अंडर-19 टीम के साथी सैम कॉन्स्टस और हरजस सिंह ने हाल ही में सुर्खियां बटोरी हैं। माहिल की रफ्तार अब 140 किलोमीटर प्रति घंटे से ऊपर है और वह टीम इंडिया के लिए एक बड़ा खतरा साबित हो सकते हैं।
माहिल बियर्डमैन की कहानी ये बताती है कि कभी-कभी छोटी-छोटी घटनाएं ही बड़े सपनों की शुरुआत बन जाती हैं। एक कूड़ेदान ने उनकी किस्मत ही बदल दी और उन्हें विश्व क्रिकेट के मंच तक पहुंचाया।


