
दिल्ली भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अध्यक्ष Virendra Sachdeva ने आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता अरविंद केजरीवाल और सत्येंद्र जैन पर कड़ा हमला बोला है। सचदेवा ने दोनों नेताओं को घोटालों के मास्टरमाइंड करार दिया। उनका यह बयान दिल्ली में 571 करोड़ रुपये की सीसीटीवी परियोजना में भ्रष्टाचार के आरोपों के संदर्भ में आया है। दिल्ली सरकार की एंटी करप्शन ब्रांच (ACB) ने सत्येंद्र जैन के खिलाफ इस मामले में FIR दर्ज की है। आरोप है कि जैन ने 16 करोड़ रुपये के जुर्माने को माफ करने के बदले 7 करोड़ रुपये की घूस ली।
सत्येंद्र जैन ने ली 7 करोड़ रुपये की घूस
Virendra Sachdeva ने अपने बयान में कहा, “अरविंद केजरीवाल और सत्येंद्र जैन दोनों इस घोटाले के मास्टरमाइंड हैं। 2017-18 में दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए 517 करोड़ रुपये का एक ठेका दिया गया था, लेकिन जब कंपनी ने कैमरे लगाने में देरी की, तो उस पर 16 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया। इसके बाद, उस समय के मंत्री सत्येंद्र जैन ने 7 करोड़ रुपये की घूस लेकर उस जुर्माने को शून्य करवा दिया। सत्येंद्र जैन दोषी पाए गए थे, लेकिन अरविंद केजरीवाल ने जांच में रुकावट डाली।”

अरविंद केजरीवाल भी होंगे आरोपित
Virendra Sachdeva ने आगे कहा, “अब इस मामले में जांच शुरू होनी चाहिए, क्योंकि एंटी करप्शन ब्रांच ने सत्येंद्र जैन के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है। मुझे यकीन है कि सत्येंद्र जैन के साथ-साथ अरविंद केजरीवाल भी इस मामले में आरोपित होंगे।” उनका यह बयान उस समय आया जब दिल्ली की एंटी करप्शन ब्रांच ने सत्येंद्र जैन के खिलाफ 571 करोड़ रुपये की सीसीटीवी परियोजना में कथित भ्रष्टाचार को लेकर FIR दर्ज की थी।

#WATCH | Delhi BJP president Virendraa Sachdeva says, "Arvind Kejriwal and Satyendar Jain are the masterminds of the scams. A contract of Rs 517 crore was given to install CCTV cameras in Delhi. When the company delayed installing CCTV cameras, a penalty of Rs 16 crore was… pic.twitter.com/Wpq1eEu7lY
— ANI (@ANI) March 19, 2025
क्या है पूरा मामला?
दिल्ली सरकार की एंटी करप्शन ब्रांच ने पूर्व लोक निर्माण विभाग (PWD) मंत्री और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सत्येंद्र जैन के खिलाफ 571 करोड़ रुपये की सीसीटीवी परियोजना में भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है। दिल्ली पुलिस के जॉइंट कमिश्नर (ACB) मधुर वर्मा ने मंगलवार को यह जानकारी दी कि FIR दर्ज करने से पहले इस मामले में सक्षम प्राधिकरण से अनुमति प्राप्त की गई थी। वर्मा ने बयान में कहा, “जैन पर आरोप है कि उन्होंने भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) पर 16 करोड़ रुपये का जुर्माना माफ किया, जो सीसीटीवी कैमरे लगाने में देरी के लिए लगाया गया था। यह माफी allegedly 7 करोड़ रुपये की घूस लेने के बाद दी गई।”
सीसीटीवी परियोजना में गड़बड़ी और जांच
वर्मा ने आगे कहा कि कई शिकायतों के बाद यह बात सामने आई कि सीसीटीवी परियोजना को गलत तरीके से लागू किया गया था और कई कैमरे तब काम नहीं कर रहे थे जब उन्हें सौंपा गया था। बयान में कहा गया कि मामला एक समाचार रिपोर्ट पर आधारित है, जिसमें यह दावा किया गया कि सत्येंद्र जैन को सीसीटीवी परियोजना के नोडल अधिकारी के रूप में बेल और उसके ठेकेदारों से 7 करोड़ रुपये की घूस मिली थी। इसके बदले में जुर्माना माफ कर दिया गया था। वर्मा ने यह भी बताया कि शिकायत में यह आरोप भी था कि जुर्माना माफ करने के अलावा, BEL को 1.4 लाख अतिरिक्त कैमरों का ऑर्डर भी दिया गया था।
इस आरोप के आधार पर ACB ने दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी है, जिनमें PWD और BEL से संबंधित दस्तावेज शामिल हैं। वर्मा ने कहा कि इस मामले में आपराधिक साजिश के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसमें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 (लोक सेवक को घूस देने से संबंधित अपराध) और धारा 13(1)(a) (लोक सेवक द्वारा आपराधिक दुराचार) के तहत कार्रवाई की गई है। इसके अलावा, पूरी साजिश का पता लगाने के लिए एक व्यापक जांच शुरू की गई है।
AAP का प्रतिक्रिया
इस मामले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता अतिशी ने इसे “राजनीतिक प्रतिशोध” का मामला बताया। उन्होंने कहा कि यह FIR सिर्फ AAP के खिलाफ राजनीतिक हमला करने की एक साजिश है, और वे इसे एक राजनीतिक हथियार के रूप में देख रहे हैं।
दिल्ली में सीसीटीवी परियोजना में कथित भ्रष्टाचार के मामले ने एक बार फिर राजनीति में गर्मा-गर्मी को जन्म दिया है। जबकि बीजेपी ने इसे आम आदमी पार्टी और उसके नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार का बड़ा उदाहरण बताया है, वहीं AAP इसे राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा मानती है। अब इस मामले में आगे की जांच और निष्कर्ष का इंतजार है, क्योंकि इससे जुड़े कई सवाल और आरोप सामने आ रहे हैं।

