
Diabetes: हर किसी का सपना है कि वह लंबे समय तक जीए और अच्छे स्वास्थ्य में रहे। हाल ही में एक अध्ययन में दावा किया गया है कि हम अपनी उम्र को 7,300 दिन यानी लगभग 20 साल तक बढ़ा सकते हैं। इसके लिए हमें अपनी दिनचर्या को बदलना होगा। इसका मतलब है कि हमे सक्रिय रहकर, नियमित रूप से 40 मिनट तक स्ट्रेचिंग, रक्त संचार बढ़ाने वाली वर्कआउट्स करनी चाहिए, ताकि शरीर पसीने के द्वारा पूरी तरह से डिटॉक्स हो सके और शरीर के अंग और महत्वपूर्ण ऑर्गन सक्रिय रहें। लोग अपनी उम्र बढ़ाने के लिए योग, प्राणायाम, ध्यान, पावर एक्सरसाइज और ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थों का सेवन कर रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इसे ‘बायोहैकिंग’ नाम दिया है और इन दिनों बायोहैकिंग का क्रेज सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में देखा जा रहा है।
कोरोना के बाद स्वास्थ्य के प्रति गंभीरता में वृद्धि
कोविड-19 महामारी के बाद से लोग अपनी सेहत को लेकर अधिक गंभीर हो गए हैं। जहां पहले कोविड से पहले महज 7% लोग स्वास्थ्य चेकअप कराते थे, अब 17% लोग नियमित रूप से चेकअप करवाने लगे हैं। हालांकि, यह प्रतिशत अभी भी बहुत कम है। लोगों को और अधिक जागरूक होने की आवश्यकता है क्योंकि बदलते समय के साथ बीमारियां भी अपने रूप बदल रही हैं और इनका असर भी लोगों पर अलग तरीके से हो रहा है। एक उदाहरण के रूप में टाइप-2 डायबिटीज़ को लें, जो पहले 60 वर्ष से ऊपर के लोगों को प्रभावित करता था, फिर यह 40 वर्ष से ऊपर के लोगों में फैलने लगा और अब तो 12 साल के बच्चों में भी यह बीमारी देखी जा रही है।

बच्चों में टाइप-2 डायबिटीज़ का तेजी से बढ़ना
आजकल बच्चों में जीवनशैली से जुड़ी बीमारियाँ, खासकर टाइप-2 डायबिटीज़ का प्रसार हो रहा है। यह समस्या 9 से 14 वर्ष के बच्चों में सबसे ज्यादा देखी जा रही है। बच्चों के स्वास्थ्य का सबसे बड़ा दुश्मन मोटापा है। ऐसे में यह जरूरी है कि बच्चों को सही आहार और शारीरिक गतिविधियों के बारे में जागरूक किया जाए।

डायबिटीज़ के लक्षण
टाइप-2 डायबिटीज़ के लक्षणों में शामिल हैं:
- अत्यधिक प्यास लगना
- बार-बार पेशाब आना
- अत्यधिक भूख लगना
- वजन घटना
- चिड़चिड़ापन
- थकावट
- कमजोरी
- धुंधला दिखना
शुगर लेवल की स्थिति
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सामान्य शुगर स्तर:
- खाने से पहले: 100 से कम
- खाने के बाद: 140 से कम
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प्रिडायबिटीज़ (Pre-diabetes):
- खाने से पहले: 100-125 mg/dl
- खाने के बाद: 140-199 mg/dl
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डायबिटीज़:
- खाने से पहले: 125 mg/dl से अधिक
- खाने के बाद: 200 mg/dl से अधिक
डायबिटीज़ के कारण
डायबिटीज़ के कारणों में प्रमुख हैं:
- तनाव
- असमय भोजन
- जंक फूड का सेवन
- कम पानी पीना
- समय पर नींद न लेना
- शारीरिक गतिविधियों का अभाव
- मोटापा
- आनुवांशिक शुगर असंतुलन
सर्दियों में शुगर के मरीजों के लिए विशेष ध्यान देने योग्य बातें
सर्दियों में डायबिटीज़ के मरीजों को अपनी आहार-व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। सर्दियों में शरीर को गर्म रखना महत्वपूर्ण है, लेकिन साथ ही उच्च कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए। इसके अलावा, आधे घंटे तक व्यायाम करना, सूरज की धूप में बैठना और अपनी डाइट में ताजे और हेल्दी खाद्य पदार्थों का सेवन करना भी महत्वपूर्ण है।
डायबिटीज़ के उपचार के तरीके
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व्यायाम: डायबिटीज़ के मरीजों को सप्ताह में 150 मिनट तक व्यायाम करना चाहिए। इससे डायबिटीज़ का खतरा 60% तक घट सकता है। प्रतिदिन 20-25 मिनट तक व्यायाम करना बेहद फायदेमंद है।
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चीनी का सेवन: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हमें रोजाना 5 ग्राम से अधिक चीनी का सेवन नहीं करना चाहिए, यानी सिर्फ एक चम्मच। हालांकि, लोग इस सलाह की अवहेलना करते हुए तीन गुना अधिक चीनी का सेवन करते हैं। यदि आप अपने शुगर लेवल को नियंत्रित करना चाहते हैं, तो चीनी के सेवन को कम करें।
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प्राकृतिक उपचार:
- खीरा, करेला और टमाटर का जूस: ये डायबिटीज़ को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
- गिलोय का काढ़ा: गिलोय को उबालकर उसका काढ़ा पीने से शरीर को डिटॉक्स होता है और शुगर कंट्रोल होता है।
- मंडूकासन और योगमुद्रासन: यह योग आसन शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
- कपालभाति: प्रतिदिन 15 मिनट कपालभाति प्राणायाम करने से शुगर के स्तर को कम किया जा सकता है।
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लिवर और पाचन तंत्र को सुधारें: सर्दियों में ताजे गन्ने का सूप, जूस और सब्ज़ियाँ खाने से शरीर का पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है और यह शुगर को भी नियंत्रित करता है।
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पानी पीना: डायबिटीज़ के मरीजों को हमेशा गुनगुना पानी पीना चाहिए। यह शरीर को हाइड्रेटेड रखने के साथ-साथ शुगर के स्तर को भी नियंत्रित करता है।
लंबी और स्वस्थ जिंदगी जीने के लिए बायोहैकिंग एक प्रभावी तरीका हो सकता है। इसके माध्यम से हम न केवल अपनी उम्र बढ़ा सकते हैं, बल्कि जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों जैसे डायबिटीज़, मोटापा और तनाव से भी बच सकते हैं। योग, प्राणायाम, सही आहार और नियमित शारीरिक गतिविधियां हमें स्वस्थ रखने के सबसे प्राकृतिक और प्रभावी उपाय हैं। यदि हम अपने जीवन में इन आदतों को अपनाते हैं, तो हम न केवल अपनी उम्र बढ़ा सकते हैं, बल्कि एक खुशहाल और स्वस्थ जीवन भी जी सकते हैं।

