
Earthquake in Assam: के मोरीगांव जिले में गुरुवार तड़के भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.0 मापी गई। भूकंप गुरुवार रात 2:25 बजे आया, जिसका केंद्र जमीन से 16 किलोमीटर की गहराई में था। इस भूकंप के झटके गुवाहाटी समेत असम के कई अन्य इलाकों में भी महसूस किए गए।
रिक्टर स्केल पर 5.0 तीव्रता का भूकंप कितना खतरनाक?
भूकंप की तीव्रता 5.0 होने का मतलब है कि यह मध्यम स्तर का भूकंप था। ऐसे भूकंप से घरों के अंदर रखे सामान हिल सकते हैं, दीवारों से खड़खड़ाने की आवाज आ सकती है और हल्की-फुल्की क्षति हो सकती है। हालांकि, कोई बड़ी क्षति की खबर सामने नहीं आई है।

असम में भूकंप आना आम बात, खतरा हमेशा बना रहता है
असम भूकंप प्रभावित इलाकों में शामिल है। राज्य भारत के सबसे अधिक भूकंप संभावित क्षेत्रों में आता है और इसे सिस्मिक जोन V में रखा गया है। इस जोन को सबसे अधिक खतरे वाले क्षेत्र के रूप में जाना जाता है, जहां तीव्र और विनाशकारी भूकंप आने की संभावना बनी रहती है।

An earthquake with a magnitude of 5.0 on the Richter Scale hit Morigaon, Assam at 2.25 am today
(Source – National Center for Seismology) pic.twitter.com/iowhZjOJHk
— ANI (@ANI) February 26, 2025
इतिहास में आए विनाशकारी भूकंप
असम में पहले भी कई बड़े भूकंप आ चुके हैं, जिन्होंने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई थी। साल 1950 में असम-तिब्बत भूकंप आया था, जिसकी तीव्रता 8.6 थी। यह दुनिया के सबसे शक्तिशाली भूकंपों में से एक था। इसके अलावा, 1897 में शिलांग में 8.1 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसने असम और आसपास के क्षेत्रों को बुरी तरह प्रभावित किया था।
कुछ दिन पहले बंगाल की खाड़ी में आया था भूकंप
इससे पहले, मंगलवार को बंगाल की खाड़ी में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। यह भूकंप सुबह 6:10 बजे आया था, जिसकी तीव्रता 5.1 मापी गई थी। कोलकाता और पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में इसके झटके महसूस किए गए थे। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, यह भूकंप पुरी के पास दर्ज किया गया था और इसका केंद्र 91 किलोमीटर की गहराई में था।
कोलकाता में भी मची थी हलचल
भूकंप के झटकों के कारण कोलकाता में कुछ समय के लिए हलचल मच गई थी। लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए थे, हालांकि किसी प्रकार की क्षति या हताहत होने की कोई खबर नहीं आई थी। बंगाल की खाड़ी में आने वाला यह भूकंप भले ही ज्यादा नुकसानदायक नहीं था, लेकिन इसने लोगों को सावधान रहने का संकेत जरूर दिया।
भूकंप से बचाव के लिए क्या करें?
असम और पूर्वोत्तर भारत के लोग अक्सर भूकंप के झटकों को महसूस करते हैं, ऐसे में उन्हें हमेशा सतर्क रहने की जरूरत होती है। भूकंप के दौरान और बाद में कुछ सुरक्षा उपायों का पालन करके जान-माल की क्षति से बचा जा सकता है।
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भूकंप के समय क्या करें?
- अगर आप घर के अंदर हैं तो टेबल या मजबूत फर्नीचर के नीचे छिप जाएं।
- दीवारों, खिड़कियों और कांच से दूर रहें।
- लिफ्ट का इस्तेमाल न करें, सीढ़ियों का सहारा लें।
- अगर आप बाहर हैं तो खुले मैदान की ओर चले जाएं, बिजली के खंभों और इमारतों से दूर रहें।
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भूकंप के बाद क्या करें?
- किसी भी क्षतिग्रस्त इमारत में जाने से बचें।
- मोबाइल नेटवर्क बाधित हो सकता है, इसलिए अफवाहों पर ध्यान न दें।
- अगर गैस लीक हो रही हो तो तुरंत घर से बाहर निकल जाएं।
असम में भूकंप को लेकर सरकार अलर्ट
भूकंप के लगातार झटकों को देखते हुए असम सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह सतर्क हो गया है। अधिकारियों को जरूरी एहतियात बरतने और किसी भी आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।
भूकंप की बढ़ती घटनाएं चिंता का विषय
बीते कुछ महीनों में पूर्वोत्तर भारत और बंगाल की खाड़ी में भूकंप की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि टेक्टोनिक प्लेटों की हलचल बढ़ने से इस क्षेत्र में भूकंप की संभावना बनी हुई है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस क्षेत्र में बड़े भूकंप की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
असम के मोरीगांव में आए 5.0 तीव्रता के भूकंप ने एक बार फिर से लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी दी है। भले ही यह भूकंप ज्यादा खतरनाक नहीं था, लेकिन असम और पूर्वोत्तर भारत के लिए यह खतरे की घंटी है। सरकार और नागरिकों को मिलकर इस आपदा से निपटने की तैयारी करनी होगी, ताकि भविष्य में किसी भी बड़ी क्षति से बचा जा सके।

