
Asaduddin Owaisi On Waqf Properties: आज (21 जनवरी, 2025, मंगलवार) लखनऊ में वक्फ बोर्ड संशोधन अधिनियम पर मुस्लिम समुदाय से सलाह लेने के लिए एक जॉइंट पार्लियामेंटरी (JPC) बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल हुए। बैठक के बाद, उन्होंने ABP न्यूज से खास बातचीत की और कई मुद्दों पर अपनी राय दी।
योगी सरकार के वक्फ संपत्ति पर दावे पर ओवैसी का पलटवार

वक्फ संपत्तियों को लेकर योगी सरकार के दावे पर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “उत्तर प्रदेश सरकार के कानून के तहत वक्फ संपत्तियां बोर्ड के पास हैं। अब आप उस कानून की प्रक्रिया को सही मानते हैं या सरकार के दावे को।” उन्होंने स्पष्ट किया कि वक्फ कानून केवल वक्फ को नष्ट करने के उद्देश्य से है, कुछ और नहीं।

वक्फ बोर्ड के बारे में ओवैसी का क्या कहना था?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वक्फ बोर्ड की तुलना भूमाफिया से की थी। इस पर ओवैसी ने कहा, “वक्फ बोर्ड एक वैधानिक संस्था है, और यह उस कानून के तहत बनती है जिसे संसद में पास किया गया है। मैं इस बयान की निंदा करता हूं।”
सम्भल और शामली घटनाओं पर ओवैसी का बयान
सम्भल घटना पर ओवैसी ने कहा, “आप न्यायिक आयोग से क्यों सवाल कर रहे हैं? कल पुलिस कस्टडी में मारे गए लड़के के बारे में क्यों नहीं बात करते? और आज पुलिस ने एक मुठभेड़ में चार लोगों को मार डाला, जिनमें तीन को पीठ में गोली मारी गई।” इसके साथ ही ओवैसी ने शामली मुठभेड़ पर कहा, “यह कानून का राज नहीं, बल्कि बंदूकों का राज है। कहां है अदालत, कहां है न्यायालय? सिर्फ गोली मार देने की नीति लागू है।”
उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) पर ओवैसी का बयान
उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) पर ओवैसी ने कहा, “यह किस प्रकार का UCC है? यह केवल मुसलमानों के लिए बनाया जा रहा है। यह मुसलमानों को परेशान करने के लिए किया जा रहा है।” ओवैसी ने इस कदम को मुसलमानों के खिलाफ एक और साजिश करार दिया।
वक्फ बोर्ड का महत्व और ओवैसी का पक्ष
असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ बोर्ड के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह बोर्ड मुस्लिम समुदाय की संपत्तियों का प्रबंधन करता है, और इसका उद्देश्य मुसलमानों के धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों की रक्षा करना है। उन्होंने बताया कि वक्फ संपत्तियों का समुचित इस्तेमाल और उनकी सुरक्षा समाज के हित में है।
वक्फ कानून और सरकार के कदम
ओवैसी ने सरकार के वक्फ कानून के बारे में कहा कि यह कानून पूरी तरह से वक्फ संपत्तियों के लिए एक गंभीर खतरा है। उनका मानना है कि यह कानून वक्फ की संपत्तियों को कमजोर करने और उसका दुरुपयोग करने का एक प्रयास है। ओवैसी ने कहा कि इस कानून को मुस्लिम समुदाय की भलाई के लिए नहीं, बल्कि उन्हें नुकसान पहुँचाने के लिए लाया गया है।
सरकार के दावे और ओवैसी का विरोध
ओवैसी ने सरकार के उन दावों को भी खारिज किया जिसमें वक्फ संपत्तियों का नियंत्रण सरकार के हाथों में देने की बात कही गई थी। उनका कहना था कि यह मुस्लिम समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार वक्फ बोर्ड के कामकाज में दखल देकर उसकी स्वतंत्रता को छीनना चाहती है।
सम्भल और शामली मुठभेड़ पर ओवैसी की तीखी प्रतिक्रिया
सम्भल और शामली मुठभेड़ों के बाद ओवैसी ने पुलिस की कार्रवाई पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उनका कहना था कि पुलिस के इस प्रकार के कृत्य कानून के शासन के खिलाफ हैं और यह मुसलमानों को विशेष रूप से निशाना बनाने की साजिश है। ओवैसी ने कहा कि यह समय की जरूरत है कि सरकार इन घटनाओं पर गंभीरता से विचार करे और निर्दोषों की जान की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
मुसलमानों के अधिकारों की रक्षा के लिए ओवैसी का संघर्ष
असदुद्दीन ओवैसी ने मुसलमानों के अधिकारों की रक्षा के लिए लगातार संघर्ष करने का वचन दिया। उन्होंने कहा कि उनका दल हमेशा मुसलमानों के अधिकारों के लिए आवाज उठाएगा, चाहे वह वक्फ संपत्तियों का मामला हो, पुलिस के द्वारा किए गए अत्याचार हों, या फिर अन्य किसी तरह का उत्पीड़न हो। ओवैसी ने अपने बयान में यह भी कहा कि उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे केवल मुसलमानों के हित में नहीं, बल्कि पूरे समाज के हित में हैं।
असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ बोर्ड और सरकार के मुद्दों पर अपने विचार स्पष्ट रूप से रखे और योगी सरकार के दावों को खारिज किया। उन्होंने बताया कि सरकार का वक्फ कानून मुस्लिम समुदाय के खिलाफ एक साजिश है, और इसे रोकने के लिए उनका संघर्ष जारी रहेगा। साथ ही, ओवैसी ने पुलिस मुठभेड़ों और उत्तराखंड में प्रस्तावित यूनिफॉर्म सिविल कोड पर भी अपनी चिंताएं जताई, जो उनके अनुसार मुसलमानों के लिए एक उत्पीड़न का रूप है।

