
Manipur के इम्फाल पश्चिम जिले से प्रतिबंधित संगठन PREPAK (पीआरईपीएके) के दो आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने सोमवार को इस जानकारी को साझा किया। पुलिस ने बताया कि इन दोनों आतंकवादियों की गिरफ्तारी उनकी अवैध उगाही (एक्सटॉर्शन) गतिविधियों में संलिप्तता के आरोप में की गई।
गिरफ्तार आतंकवादियों की पहचान
पुलिस अधिकारी के अनुसार, गिरफ्तार किए गए दोनों आतंकवादियों की पहचान लेइशांगथेम नापोलियन मीतेई (35) और थोकचोम अमुजाओ सिंह (33) के रूप में हुई है। दोनों को रविवार को इम्फाल पश्चिम जिले के सांगाइप्रौ ममांग लेइकाई से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बताया कि उनकी गिरफ्तारी के दौरान तीन मोबाइल फोन और 12 मांग पत्र (डिमांड लेटर्स) बरामद किए गए हैं।

हथियारों और गोला-बारूद की बरामदगी
इस बीच, सुरक्षा बलों ने चुराचांदपुर और तेंगनौपाल जिलों में तलाशी अभियानों के दौरान हथियार और गोला-बारूद बरामद किए हैं। पुलिस के बयान में कहा गया है कि शनिवार को चुराचांदपुर जिले के मुल्लम गांव से एक INSAS राइफल, एक 9 मिमी पिस्तौल और एक सिंगल बैरल राइफल बरामद की गई।

इसके अतिरिक्त, शुक्रवार को तेंगनौपाल जिले के साइवोम गांव से एक 303 राइफल, एक 12 बोर सिंगल बैरल गन, सात इम्प्रूवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइसेस (IEDs), पांच हैंड ग्रेनेड्स और डेटोनेटर बरामद किए गए।
13 दिसंबर को हुई थी पहले भी बड़ी बरामदगी
इससे पहले, 13 दिसंबर को मणिपुर में सुरक्षा बलों ने इम्फाल पूर्व जिले के एक तलाशी अभियान के दौरान स्टारलिंक लोगो वाली एक डिवाइस के साथ स्नाइपर राइफल्स, पिस्तौल, ग्रेनेड्स और अन्य हथियार बरामद किए थे। पुलिस ने बताया कि यह बरामदगी इम्फाल पूर्व से की गई थी।
सुरक्षा बलों की संयुक्त कार्रवाई और IEDs की बरामदगी
भारतीय सेना और मणिपुर पुलिस ने मिलकर इम्फाल पूर्व जिले के विभिन्न स्थानों से पांच इम्प्रूवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइसेस (IEDs) बरामद किए थे, जिनका वजन लगभग 21.5 किलोग्राम था। यह बरामदगी एक संयुक्त ऑपरेशन के दौरान की गई थी।
PREPAK: प्रतिबंधित संगठन
PREPAK, जो कि People’s Revolutionary Party of Kangleipak का संक्षिप्त रूप है, मणिपुर के एक प्रमुख आतंकवादी संगठन के रूप में जाना जाता है। यह संगठन मणिपुर को भारतीय संघ से अलग करने के उद्देश्य से कई सालों से आतंकी गतिविधियाँ चला रहा है। सरकार ने इस संगठन को आतंकवादी घोषित कर दिया है और इसके खिलाफ कई अभियान चलाए गए हैं।
आतंकी गतिविधियों के खिलाफ पुलिस का संघर्ष
मणिपुर में आतंकी गतिविधियाँ पिछले कुछ दशकों से बढ़ी हैं और सुरक्षा बलों के लिए इसे रोकना एक चुनौती बना हुआ है। पुलिस और सेना ने मिलकर राज्य के विभिन्न हिस्सों में ऑपरेशन चलाए हैं, जिनमें आतंकवादियों और उनके साथियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान चलाए गए हैं। पुलिस का कहना है कि यह गिरफ्तारी और हथियारों की बरामदगी मणिपुर में आतंकवादी गतिविधियों पर नियंत्रण पाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
राज्य में बढ़ती सुरक्षा स्थिति
मणिपुर में सुरक्षा स्थिति पिछले कुछ सालों में ज्यादा खराब हुई है, और इस प्रकार की कार्रवाइयाँ राज्य में आतंकवादियों और अवैध गतिविधियों पर काबू पाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं। राज्य के कई हिस्सों में सुरक्षा बलों द्वारा विशेष रूप से चिन्हित क्षेत्रों में लगातार ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं ताकि आतंकवादी गतिविधियाँ और अवैध वसूली जैसी घटनाओं को रोका जा सके।
मणिपुर के निवासियों के लिए सुरक्षा की आवश्यकता
मणिपुर के नागरिकों के लिए यह घटनाएँ सुरक्षा की आवश्यकता को और भी स्पष्ट करती हैं। राज्य में आतंकवादी समूहों द्वारा आतंक फैलाने और उगाही करने के मामलों में वृद्धि हुई है, जिससे स्थानीय लोग भी प्रभावित हो रहे हैं। राज्य सरकार और सुरक्षा बलों द्वारा लगातार की जा रही कार्रवाई से उम्मीद है कि इस तरह की गतिविधियाँ कम होंगी और मणिपुर में शांति स्थापित करने में मदद मिलेगी।
मणिपुर में सुरक्षा बलों द्वारा की गई यह बड़ी सफलता राज्य में आतंकवाद और अवैध गतिविधियों के खिलाफ जारी संघर्ष को दर्शाती है। सुरक्षा बलों द्वारा की गई तलाशी और बरामदगी से यह साबित होता है कि आतंकवादियों के खिलाफ सरकार की कार्रवाई लगातार जारी है। इन गिरफ्तारियों और बरामदगी से मणिपुर की सुरक्षा स्थिति में सुधार हो सकता है और आतंकवादी संगठनों को दबाने में मदद मिल सकती है। राज्य में शांति और सुरक्षा की बहाली के लिए ऐसी कार्रवाइयाँ बेहद आवश्यक हैं, और पुलिस और सेना द्वारा इस प्रकार की सक्रियता से उम्मीद की जाती है कि मणिपुर में आतंकवादियों का नेटवर्क कमजोर होगा।

