
भारत के वरिष्ठ भाजपा नेता और राजनीति के दिग्गज Lal Krishna Advani की तबियत एक बार फिर बिगड़ गई है। 14 दिसंबर को उन्हें दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि, अस्पताल में दाखिल होने के बाद उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है। अस्पताल की ओर से एक मेडिकल बुलेटिन जारी किया जा सकता है, जिसमें उनके स्वास्थ्य के बारे में और जानकारी दी जाएगी।
लाल कृष्ण आडवाणी की उम्र और स्वास्थ्य समस्याएं
Lal Krishna Advani की उम्र 97 वर्ष है। पिछले 4-5 महीनों में उनकी स्वास्थ्य स्थिति में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिला है, जिसके चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा है। इससे पहले अगस्त महीने में भी उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था। हालात को देखते हुए आडवाणी जी के परिवार और पार्टी के नेताओं ने उनका पूरा ख्याल रखा है और उनकी स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।

आडवाणी जी के स्वास्थ्य में गिरावट इस बात की पुष्टि करती है कि वे लंबे समय से विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं। उनके स्वास्थ्य के कारण वे सार्वजनिक कार्यक्रमों में शामिल नहीं हो पा रहे हैं, लेकिन उनका राजनीतिक योगदान और देश के प्रति उनकी सेवाएं आज भी याद की जाती हैं।

Lal Krishna Advani के संघर्षों से भरा जीवन
लाल कृष्ण आडवाणी का जीवन संघर्षों और उपलब्धियों से भरा हुआ है। वह भारतीय राजनीति के सबसे प्रमुख चेहरों में से एक रहे हैं और भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के संस्थापक नेताओं में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। आडवाणी जी ने 1942 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़कर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। उन्होंने भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव लाने के लिए कई सालों तक संघर्ष किया। उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण के कारण उन्हें भारतीय राजनीति का महान नेता माना जाता है।
भारत रत्न से सम्मानित लाल कृष्ण आडवाणी
इस वर्ष, 2024 में, भारत सरकार ने उन्हें देश का सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से नवाजा था। हालांकि, स्वास्थ्य कारणों के चलते वह इस विशेष अवसर पर राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हो पाए। उनकी तबियत खराब होने के कारण उन्हें यह सम्मान उनके घर पर ही प्रदान किया गया था। यह एक दुर्लभ उदाहरण है जब किसी नेता को उनके घर पर ही इस प्रकार का सम्मान दिया गया।
भारत रत्न के सम्मान से उनकी देशभक्ति और राजनीतिक जीवन की महत्ता को और भी स्वीकार किया गया। आडवाणी जी के योगदान को राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जाता है, और उनके नेतृत्व में भाजपा ने कई अहम राजनीतिक लड़ाइयां लड़ी हैं।
प्रधानमंत्री मोदी का आडवाणी जी के प्रति प्यार और सम्मान
लाल कृष्ण आडवाणी के स्वास्थ्य को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनकी स्थिति की खबर लेते रहे हैं। 8 नवंबर को जब आडवाणी जी का जन्मदिन था, प्रधानमंत्री मोदी उनके घर गए और उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर एक फोटो भी साझा की थी जिसमें वे आडवाणी जी को गुलदस्ता देते हुए नजर आ रहे थे। फोटो के कैप्शन में उन्होंने लिखा था, “आडवाणी जी के आवास पर जाकर उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं।”
प्रधानमंत्री मोदी का यह कदम आडवाणी जी के प्रति उनके सम्मान और स्नेह को दर्शाता है। राजनीति के इस दिग्गज नेता ने भारतीय जनता पार्टी को न सिर्फ राजनीतिक सफलता दिलाई, बल्कि देश के समाज और संस्कृति को भी नए दृष्टिकोण से जोड़ा।
लाल कृष्ण आडवाणी का राजनीतिक जीवन
लाल कृष्ण आडवाणी का राजनीतिक करियर शानदार और प्रेरणादायक रहा है। वह भारतीय जनता पार्टी (BJP) के तीन बार राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं। उनका कार्यकाल पार्टी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण था, और उनके नेतृत्व में भाजपा ने कई चुनावों में सफलता प्राप्त की।
आडवाणी जी का सबसे बड़ा योगदान 1990 के दशक में राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान देखा गया। यह आंदोलन भारतीय राजनीति में एक बड़ा बदलाव लेकर आया और भाजपा की चुनावी रणनीतियों को नई दिशा दी। उनके नेतृत्व में भाजपा ने भारतीय राजनीति में एक मजबूत विपक्ष के रूप में अपनी पहचान बनाई।
आडवाणी जी को 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के रूप में भी सेवा देने का अवसर मिला। उनके कार्यकाल में भारतीय राजनीति में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए और आंतरिक सुरक्षा से लेकर विदेश नीति तक, कई मुद्दों पर उन्होंने अपनी गहरी छाप छोड़ी।
पाकिस्तान में जन्मे लाल कृष्ण आडवाणी
लाल कृष्ण आडवाणी का जन्म 8 नवंबर 1927 को पाकिस्तान के कराची में हुआ था। विभाजन के समय उनका परिवार भारत आ गया और फिर उन्होंने भारत में अपने जीवन की शुरुआत की। आडवाणी जी का व्यक्तिगत जीवन भी प्रेरणादायक रहा है। विभाजन के समय उनके परिवार को जो कठिनाईयों का सामना करना पड़ा, उसने उन्हें देश और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को और भी बेहतर तरीके से निभाने के लिए प्रेरित किया।
भाजपा के लिए आडवाणी जी का योगदान
आडवाणी जी ने भाजपा के संस्थापक नेताओं में से एक के रूप में भारतीय राजनीति में एक अहम स्थान बनाया। उन्होंने पार्टी की विचारधारा को आकार देने में मदद की और उसे एक मजबूत और राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित पार्टी के रूप में स्थापित किया। भाजपा का आज जो आकार और स्थान है, उसमें आडवाणी जी की भूमिका को कभी नहीं भुलाया जा सकता।
आडवाणी जी का भविष्य और भाजपा का मार्गदर्शन
हालांकि आडवाणी जी का स्वास्थ्य इन दिनों कमजोर हो गया है, लेकिन उनका राजनीतिक योगदान और भाजपा के प्रति उनकी सेवाएं हमेशा याद रखी जाएंगी। वे आज भी पार्टी के मार्गदर्शक और आदर्श के रूप में मौजूद हैं। भाजपा के लिए उनके विचार और दृष्टिकोण आज भी प्रेरणा देने का कार्य करते हैं।
लाल कृष्ण आडवाणी भारतीय राजनीति के उस चमकते सितारे के रूप में जाने जाते हैं, जिन्होंने देश के राजनीतिक परिदृश्य को न सिर्फ बदलने का काम किया, बल्कि भारतीय जनता पार्टी को भी एक नई दिशा दी। आज उनकी तबियत में गिरावट आ रही है, लेकिन उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा। भारतीय राजनीति में उनके संघर्ष और नेतृत्व के बिना भाजपा का वर्तमान स्वरूप संभव नहीं होता।

