
Manipur CM on CRPF: मणिपुर में हिंसा का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब हिंसा का एक और मामला जिरिबाम जिले से सामने आया है, जिसमें आठ लोग मारे गए हैं। इस हमले को सरकार ने एक आतंकवादी हमला बताया है। हालांकि, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने समय पर हस्तक्षेप कर कई लोगों की जान बचाई।
आतंकवादियों का राहत शिविर पर हमला करने का था मंसूबा
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने इस हमले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि ’10 कुकि आतंकवादी’ जिरिबाम के बोरोबेखरा राहत शिविर में घुसने की कोशिश कर रहे थे, जहां 115 आंतरिक रूप से विस्थापित लोग रह रहे थे, लेकिन सीआरपीएफ ने उनके मंसूबे को नाकाम कर दिया।

बीरेन सिंह ने कहा कि ये आतंकवादी 11 नवम्बर को बोरोबेखरा गांव में केंद्रीय बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए। इस मुठभेड़ में एक सीआरपीएफ जवान भी घायल हुआ है।

आठ लोगों की मौत, सीआरपीएफ की तैनाती ने कई जानें बचाईं
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अगर सीआरपीएफ की तैनाती नहीं होती, तो कई निर्दोष नागरिकों की जान जा सकती थी। कुकि आतंकवादी रॉकेट लॉन्चर, AK-47 और कई अत्याधुनिक हथियारों से लैस थे। उन्होंने पुलिस कैम्प पर हमला किया और दो लोगों को मौके पर ही मार डाला।
आतंकवादी राहत शिविर में घुसने की कोशिश कर रहे थे, जहां 115 मणिपुरी नागरिक, जिनमें मेइती समुदाय के लोग शामिल थे, शरण लिए हुए थे। लेकिन सीआरपीएफ के समय पर हस्तक्षेप के कारण कई जानें बच गईं। मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस हमले में आठ निर्दोष लोग मारे गए। इस हमले में दो लोग मारे गए और छह लोग, जिनमें तीन छोटे बच्चे भी शामिल थे, का अपहरण कर उन्हें बेरहमी से मार डाला गया।
AFSPA लागू करने की मांग
इस बीच, मणिपुर के दस कुकि विधायक ने राज्य के पूरे क्षेत्र में AFSPA (आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल पावर्स एक्ट) लागू करने की मांग की है। इन विधायकों में राज्य की सत्तारूढ़ बीजेपी-नेतृत्व वाली गठबंधन के सात विधायक भी शामिल हैं। इन विधायकों का कहना है कि AFSPA लागू करने से लूटी हुई बंदूकों की वापसी में मदद मिलेगी और स्थिति को नियंत्रित किया जा सकेगा।
इम्फाल घाटी में भी AFSPA के पुनः कार्यान्वयन की मांग को लेकर प्रदर्शन किए गए। वहीं, राज्य के पांच जिलों में कर्फ्यू में राहत दी गई है।
AFSPA की फिर से तैनाती
यह बता दें कि आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल पावर्स एक्ट (AFSPA) को मणिपुर के छह पुलिस थाना क्षेत्रों में पुनः लागू किया गया है। इन क्षेत्रों में जिरिबाम भी शामिल है, जो इस समय हिंसा से प्रभावित है। AFSPA के तहत सुरक्षा बलों को राज्य में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए विशेष शक्तियां प्राप्त होती हैं।
मुख्यमंत्री की अपील
मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने इस घटनाक्रम के बाद राज्यवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आतंकवादियों और असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है और किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार इस हिंसा को खत्म करने के लिए मिलकर काम कर रही हैं, और जल्द ही हालात को नियंत्रित कर लिया जाएगा।
मणिपुर में हो रही हिंसा के बीच केंद्रीय बलों की तैनाती ने कई जानें बचाई हैं, लेकिन इस हमले में हुई मौतों ने राज्य को एक बार फिर से शांति की आवश्यकता का अहसास दिलाया है। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की यह अपील महत्वपूर्ण है कि सभी नागरिक मिलकर शांति बनाए रखें और हिंसा की इस दौर को समाप्त करने में प्रशासन का सहयोग करें।
राज्य में AFSPA को लेकर जारी विवाद और कुकि विधायकों की मांग ने इस मसले को और तूल दे दिया है। अब देखना यह होगा कि केंद्र और राज्य सरकार किस दिशा में कदम उठाती है और मणिपुर में शांति व्यवस्था कैसे बहाल होती है।

