Manipur News: मणिपुर में हिंसा की आग थमने का नाम नहीं ले रही है। दूसरे दिन भी उग्र भीड़ ने चार और विधायकों के घरों को आग के हवाले कर दिया। इनमें तीन बीजेपी के विधायक और एक कांग्रेस के विधायक शामिल हैं। इसके अलावा, प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के पुश्तैनी घर को भी जलाने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षा बलों ने समय रहते उनकी यह कोशिश नाकाम कर दी।
तंग हालात में कर्फ्यू और इंटरनेट बंद
रविवार सुबह मणिपुर की इम्फाल घाटी के सभी पांच जिलों में स्थिति तनावपूर्ण रही। इन जिलों में कर्फ्यू लागू है और सात जिलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। पुलिस ने 23 लोगों को गिरफ्तार किया है, जो हिंसा और आगजनी में शामिल थे। इनके पास से एक .32 पिस्टल, आठ मोबाइल फोन और कई अन्य सामान बरामद किए गए हैं।
मणिपुर में हिंसा क्यों भड़की?
मणिपुर में हिंसा तब भड़क उठी जब राहत शिविर से लापता महिलाओं और बच्चों के शव मिले। प्रदर्शनकारियों ने तीन मंत्रियों और छह विधायकों के घरों को तोड़ा और जलाया। इनमें मुख्यमंत्री के दामाद का घर भी शामिल था। इसके अलावा दो चर्चों और तीन घरों को भी आग के हवाले कर दिया गया।
मिली जानकारी के अनुसार, महिलाएं और बच्चे आतंकवादियों के हमले में मारे गए
सुरक्षा बलों के मुताबिक, महिलाओं और बच्चों को आतंकवादियों ने मारा था। सोमवार को 10 कूकी उग्रवादियों को सीआरपीएफ के साथ मुठभेड़ में मार गिराया गया। इन उग्रवादियों ने एक वृद्ध महिला, उनकी दो बेटियों और तीन छोटे बच्चों को अगवा कर लिया था।
आगजनी के प्रमुख मामले
रविवार को प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक निर्माण मंत्री गोविंदास कोंथोउजम, बीजेपी विधायक वाई. राधाश्याम, बीजेपी विधायक पोन्नम ब्रोजेन और कांग्रेस विधायक टी. लोकेश्वर के घरों को आग के हवाले कर दिया। इस दौरान विधायकों और उनके परिवार के सदस्य घरों में नहीं थे।
मुख्यमंत्री के घर पर हमला नाकाम
शनिवार की रात को प्रदर्शनकारी मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के पुश्तैनी घर की ओर बढ़े, लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें 100-200 मीटर दूर रोक लिया। इसके बाद सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले और रबर बुलेट्स का इस्तेमाल कर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया।
अमित शाह ने रद्द की चुनावी रैलियां और दिल्ली लौटे
मणिपुर में हो रही हिंसा और बढ़ते तनाव के कारण गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र में अपनी चुनावी रैलियां रद्द कर दीं और दिल्ली लौट आए। उन्होंने मणिपुर में स्थिति की समीक्षा करने के लिए गृह मंत्रालय और सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की।
गृह मंत्रालय ने एएफएसपीए लागू करने के निर्देश दिए
गृह मंत्रालय ने मणिपुर के विभिन्न क्षेत्रों में एएफएसपीए (आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर्स एक्ट) लागू करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, हिंसा को रोकने और तनाव को कम करने के लिए सुरक्षा बलों को आवश्यक कदम उठाने को कहा गया है।
अमित शाह सोमवार को करेंगे और बैठक
अमित शाह सोमवार को मणिपुर स्थिति को लेकर एक और बैठक करेंगे। इस बैठक में मणिपुर के अधिकारियों के साथ चर्चा की जाएगी।
केंद्र सरकार की बढ़ती चिंता
मणिपुर में बढ़ते हिंसा के घटनाक्रम ने केंद्र सरकार की चिंता को और बढ़ा दिया है। गृह मंत्री अमित शाह ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए चुनावी रैलियों को रद्द कर दिया और अधिकारियों के साथ बैठक की।
मणिपुर सरकार ने एएफएसपीए हटाने की की मांग
मणिपुर सरकार ने केंद्र से मणिपुर के छह पुलिस थाना क्षेत्रों में एएफएसपीए को हटाने की मांग की है। इन क्षेत्रों में हिंसा और आतंकवाद की घटनाएं बढ़ रही हैं। मणिपुर में हो रही हिंसा और उग्र विरोध प्रदर्शन से स्थिति दिन-ब-दिन विकट होती जा रही है। गृह मंत्रालय और राज्य सरकार मिलकर प्रयास कर रहे हैं, लेकिन इन घटनाओं ने राज्य और केंद्र सरकार के लिए चिंता का सबब बना दिया है।