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Manipur Violence: मणिपुर में हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है। हाल ही में, मणिपुर के पूर्वी इम्फाल जिले के लमलई विधानसभा क्षेत्र में कुछ संदिग्ध व्यक्तियों ने सुरक्षा बलों और गांववालों पर बम और गोलियों से हमला किया। इस हमले ने पूरे क्षेत्र में फिर से डर और असुरक्षा की स्थिति पैदा कर दी है।
संदिग्धों का हमला
सूत्रों के अनुसार, पहाड़ी इलाकों से आए सशस्त्र हमलावरों ने लमलई विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में हमला किया। हमलावरों ने न केवल सुरक्षा बलों पर गोलियां चलाईं, बल्कि उन्होंने कई शक्तिशाली बम भी गांववालों और सुरक्षा बलों पर फेंके। इस हमले के बाद, क्षेत्र में भारी गोलाबारी हुई और स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई।
सेना और पुलिस की जवाबी कार्रवाई
हमले के बाद, भारतीय सेना, सीमा सुरक्षा बल (BSF) और पुलिस ने हमलावरों का मुंहतोड़ जवाब दिया। इसके परिणामस्वरूप, सेनासाबी, सबुंगखोक खुनो और थमनपोकपी में भारी गोलीबारी हुई। अधिकारियों ने कहा कि इस संघर्ष के दौरान आसपास के गांवों में भी दहशत फैल गई। फायरिंग के कारण किसानों को अपने खेतों तक पहुंचने में समस्या हो रही है, क्योंकि पहाड़ी इलाकों से निचले इलाकों की ओर गोलियां चल रही हैं।
अतिरिक्त बलों की तैनाती
पुलिस ने स्थिति को काबू में करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की है। हालाँकि, इसके बावजूद स्थिति नियंत्रण से बाहर होती जा रही है। इलाके में अस्थिरता बढ़ने के कारण, अधिकारियों को सुरक्षा बढ़ाने के लिए और कदम उठाने पड़ रहे हैं।
मणिपुर में लगातार हिंसा
इस घटना से एक दिन पहले शनिवार को, मणिपुर के बिश्नुपुर जिले में आतंकवादियों ने एक महिला को खेत में काम करते हुए गोली मारकर हत्या कर दी थी। यह घटना मणिपुर में बढ़ती हिंसा की एक और कड़ी के रूप में सामने आई है।
आगजनी और हत्या की घटनाएं
गुरुवार रात को, आतंकवादियों ने मणिपुर के जिरिबाम जिले में छह घरों को आग लगा दी। इस आगजनी में 31 साल की एक महिला जलकर मर गई। इस प्रकार की घटनाएं मणिपुर में हिंसा की बढ़ती लहर को दर्शाती हैं, जिससे लोगों में असुरक्षा की भावना और भी बढ़ रही है।
मणिपुर में हिंसा का व्यापक प्रभाव
मणिपुर में हिंसा की शुरुआत मई 2023 में हुई थी, जब घाटी के मैतेई समुदाय और पहाड़ी इलाकों के कुकी समुदाय के बीच संघर्ष तेज हो गया था। अब तक इस हिंसा में 200 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। हिंसा के कारण हजारों लोग अपने घरों से बेघर हो गए हैं, और राज्य में अस्थिरता की स्थिति बन गई है।
संकट बढ़ता जा रहा है
मणिपुर की स्थिति दिन-प्रतिदिन और अधिक बिगड़ती जा रही है। हिंसा के कारण राज्य के आम नागरिकों का जीवन भी कठिन हो गया है। किसानों को अपने खेतों में काम करने में परेशानी हो रही है, और आसपास के क्षेत्रों में लगातार गोलाबारी और बम धमाके हो रहे हैं। यह हिंसा मणिपुर में साम्प्रदायिक तनाव को और बढ़ा रही है, और राज्य की सरकार और सुरक्षा बलों के लिए स्थिति को नियंत्रित करना एक बड़ी चुनौती बन गई है।
मणिपुर में हिंसा की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जिससे राज्य की सुरक्षा स्थिति बेहद गंभीर हो गई है। अब तक सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं और हजारों लोग विस्थापित हो चुके हैं। सरकार और सुरक्षा बलों द्वारा की जा रही कार्रवाई के बावजूद, हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। अब देखने वाली बात यह होगी कि राज्य में शांति और स्थिरता बहाली के लिए क्या और कदम उठाए जाते हैं।