
Delhi: दिल्ली में आज सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय और वर्ल्ड बैंक के सहयोग से “आर्थिक समावेशन कमजोर वर्ग के लिए” विषय पर एक अहम सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार का मुख्य उद्देश्य भारत के सामाजिक सुरक्षा ढांचे को मजबूत और कुशल बनाना है ताकि सबसे वंचित तबके को समय पर सहायता प्राप्त हो सके। यह सेमिनार वैश्विक अनुभवों और सफल अंतरराष्ट्रीय प्रथाओं से प्रेरणा लेते हुए भारत के सामाजिक सुरक्षा वितरण तंत्र को बेहतर बनाने के प्रयास का हिस्सा है।
सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का असर बढ़ाने पर जोर
सामाजिक न्याय मंत्रालय और वर्ल्ड बैंक ने ‘नॉन-क्रेडिट तकनीकी सहायता’ ढांचे के तहत इस कार्यक्रम का आयोजन किया। इस ढांचे के अंतर्गत समाज के कमजोर वर्गों के लिए विशेष तौर पर बनाई गई योजनाओं को मजबूत बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य है कि सबसे वंचित और जरूरतमंद तबकों तक योजनाओं का लाभ बिना किसी विलंब के पहुंचे।


अमित यादव का संबोधन: लोगों के कल्याण के लिए समर्पित
कार्यक्रम की शुरुआत सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग (DoSJE) के सचिव अमित यादव के भाषण से हुई। अपने संबोधन में यादव ने कहा कि हमारा विभाग समाज के सबसे कमजोर वर्गों को समर्पित विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करता है। उन्होंने कहा कि विभाग की मंशा है कि इस जनसंख्या के वर्ग की बेहतर समझ हासिल की जाए और इसके लिए ऐसे लोगों और संगठनों के साथ तालमेल बनाया जा रहा है जो इस क्षेत्र में कार्य करने का अनुभव रखते हैं। साथ ही, यादव ने बताया कि एनजीओ, धार्मिक संगठनों और बुद्धिजीवियों के साथ जुड़ाव को बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि योजनाओं का लाभ उन तक पहुंच सके जिनकी जरूरत सबसे अधिक है। यह सेमिनार इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच की खाई को पाटने पर जोर
इस अवसर पर ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव शैलेश कुमार सिंह और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के सचिव अतुल कुमार तिवारी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आर्थिक असमानताओं को दूर करने के लिए एक समावेशी सामाजिक सुरक्षा ढांचे की आवश्यकता पर बल दिया।
विभिन्न मंत्रालयों की योजनाओं पर विशेष चर्चा
आर्थिक सलाहकार अजय श्रीवास्तव ने मंत्रालय के कुछ प्रमुख कार्यों का अवलोकन प्रस्तुत किया। ग्रामीण विकास मंत्रालय की संयुक्त सचिव स्वाति शर्मा ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के प्रभाव को रेखांकित किया। आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय की निदेशक शालिनी पांडे ने स्वनिधि योजना के शहरी आर्थिक स्थिरता में योगदान पर प्रकाश डाला। कौशल विकास मंत्रालय के उप सचिव अमित मीना ने स्किल अपग्रेडेशन योजनाओं के बारे में जानकारी दी।
अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण और वर्ल्ड बैंक के विचार
वर्ल्ड बैंक के वरिष्ठ अर्थशास्त्री दलाल मूसा, वरिष्ठ सामाजिक सुरक्षा विशेषज्ञ मुदरीस अब्दुलाही मोहम्मद और वरिष्ठ सामाजिक सुरक्षा अर्थशास्त्री अनिका रहमान ने अपने विचार प्रस्तुत किए। उनके दृष्टिकोण से यह स्पष्ट हुआ कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग भारत में सामाजिक सुरक्षा ढांचे को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
ग्रामीण-शहरी असमानता की चुनौतियां और समाधान
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच आर्थिक असमानता एक बड़ी चुनौती रही है। ग्रामीण विकास और कौशल विकास के लिए समर्पित मंत्रालयों के सचिवों ने इस मुद्दे पर चर्चा की और इसे पाटने के उपायों पर जोर दिया। उनके मुताबिक, योजनाओं के लाभार्थियों तक लाभ पहुंचाने के लिए जमीनी स्तर पर उचित तरीके से उनका कार्यान्वयन आवश्यक है।
महिला सशक्तिकरण और युवाओं के लिए अवसर
इस सेमिनार में महिलाओं और युवाओं के लिए भी आर्थिक अवसरों पर ध्यान केंद्रित किया गया। स्वनिधि योजना जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे वे स्वयं आत्मनिर्भर बन सकें और समाज में अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकें। इसी प्रकार, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें उद्योग के लिए तैयार कर रहा है।
आर्थिक समावेशन: एक नई दिशा की ओर
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के सचिव ने अपने संबोधन में कहा कि यह सेमिनार भारत के सामाजिक सुरक्षा ढांचे में एक नए दृष्टिकोण को लेकर आया है। इस नए दृष्टिकोण का उद्देश्य न केवल योजनाओं के कार्यान्वयन में सुधार करना है बल्कि विभिन्न समाजों के बीच की आर्थिक खाई को भी पाटना है।
वर्ल्ड बैंक के साथ दीर्घकालिक साझेदारी का संकल्प
वर्ल्ड बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों ने भारत में दीर्घकालिक साझेदारी और सहयोग की इच्छा जताई। उनका कहना है कि सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को सशक्त और व्यावहारिक बनाना तभी संभव है जब सरकारी और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के बीच बेहतर तालमेल हो। वर्ल्ड बैंक इस दिशा में भारत को सहायता और तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
समाज के सबसे कमजोर वर्गों तक पहुँच बनाने का संकल्प
यह सेमिनार इस बात का भी प्रतीक था कि भारत सरकार और उसके विभिन्न मंत्रालय वंचित और कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए गंभीर हैं। सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत आने वाले सालों में इन वर्गों के जीवन में सुधार लाने का संकल्प लिया गया है।

