Harbhajan Singh -Shahnawaz Dahani Shakes Hand: पूर्व भारतीय क्रिकेटर हरभजन सिंह और पाकिस्तानी तेज गेंदबाज शहनवाज दहानी का हाथ मिलाना हाल ही में क्रिकेट जगत में चर्चा का विषय बन गया है। यह नजारा 19 नवंबर को अबू धाबी टी10 लीग में देखने को मिला, जब हरभजन की टीम एस्पिन स्टैलियंस और दहानी की टीम नॉर्दन वारियर्स के बीच मुकाबला हुआ। इस मैच में हरभजन न केवल एस्पिन स्टैलियंस के खिलाड़ी थे बल्कि उनकी कप्तानी भी कर रहे थे। शहनवाज दहानी नॉर्दन वारियर्स की ओर से खेल रहे थे। मैच के बाद दोनों के बीच दोस्ताना हाथ मिलाने का यह दृश्य खासा चर्चा में रहा।
मैच की कहानी: नॉर्दन वारियर्स की जीत
मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए नॉर्दन वारियर्स ने 10 ओवर में 1 विकेट खोकर 114 रन बनाए। इस दौरान हरभजन सिंह ने केवल एक ओवर गेंदबाजी की और 8 रन दिए। एस्पिन स्टैलियंस की तरफ से केवल टिमल मिल्स ने एक विकेट लिया। लक्ष्य का पीछा करते हुए हरभजन की टीम 10 ओवर में 7 विकेट खोकर 110 रन ही बना सकी। मैच के आखिरी गेंद पर हरभजन रन आउट हो गए और उनकी टीम 4 रन से हार गई। इस जीत में शहनवाज दहानी का खास योगदान रहा, जिन्होंने 2 ओवर में 10 रन देकर 2 महत्वपूर्ण विकेट लिए।
हाथ मिलाने का मंजर: दोस्ती के नए रंग
मैच के खत्म होने के बाद हरभजन ने सभी नॉर्दन वारियर्स के खिलाड़ियों से हाथ मिलाया और खासतौर पर शहनवाज दहानी से हाथ मिलाकर दोस्ताना भाव प्रदर्शित किया। यह पल खास इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले कुछ समय से भारत-पाकिस्तान के खिलाड़ियों के बीच दोस्ताना संबंधों की कमी देखी जा रही है। टी20 एशिया कप और राइजिंग स्टार एशिया कप में भारत-पाकिस्तान के बीच कई मौकों पर खिलाड़ियों ने एक-दूसरे से हाथ नहीं मिलाए।
भारत-पाकिस्तान क्रिकेट में बढ़ते तनाव के बीच हरभजन की पहल
भारतीय खिलाड़ियों ने हाल के टूर्नामेंटों में पाकिस्तानी खिलाड़ियों से दूरी बनाकर अपनी राजनीतिक और सामाजिक भावना जाहिर की है। खासतौर पर टी20 एशिया कप में पाकिस्तानी टीम के अचानक बाहर निकलने के बाद भारत के कप्तान सूर्यकुमार यादव ने भी पाकिस्तान क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष मोहसिन नक़वी से हाथ नहीं मिलाया था। ऐसे माहौल में हरभजन का दहानी से हाथ मिलाना एक अलग पहल माना जा रहा है, जो क्रिकेट के जरिए दोस्ती का संदेश देता है।
हरभजन के पूर्व बयानों से विरोधाभास
दिलचस्प बात यह है कि हरभजन सिंह पहले भी पाकिस्तान के साथ संबंधों पर कड़ा रुख अपनाते रहे हैं। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कहा था कि जब तक भारत-पाकिस्तान के बीच रिश्ते सुधर नहीं जाते, तब तक क्रिकेट और व्यापार दोनों को रोका जाना चाहिए। वे पाकिस्तानी खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के खिलाफ थे। ऐसे में अबू धाबी में पाकिस्तानी खिलाड़ी से हाथ मिलाना उनके इन बयानों के खिलाफ एक नया संदेश माना जा रहा है। यह दिखाता है कि व्यक्तिगत रूप से खेल और दोस्ती को राजनीति से अलग रखा जा सकता है।


