गाजियाबाद नगर निगम द्वारा डीएम सर्किल रेट के आधार पर संपत्ति कर की दर में वृद्धि किए जाने के बाद शहर के लोग भारी असंतोष व्यक्त कर रहे हैं। नगर निगम ने नगर परिषद के सदन से बढ़े हुए संपत्ति कर प्रस्ताव को निरस्त कर दिया था, लेकिन कर की दरों में कोई कमी नहीं की गई है। इस कारण करदाताओं को कई गुना अधिक टैक्स भरना पड़ रहा है, जिससे वे परेशान हैं और कई करदाता अब तक अपना संपत्ति कर जमा नहीं कर पाए हैं।
विधायक संजीव शर्मा ने मुख्यमंत्री से की मुलाकात
शहर विधायक संजीव शर्मा ने मंगलवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने नगर निगम द्वारा की गई कर दरों में वृद्धि को कम करने की मांग की। विधायक ने बताया कि करदाताओं में इस बढ़ोतरी को लेकर गहरा रोष है और कई लोगों पर इस बढ़ोतरी का बुरा असर पड़ा है। उन्होंने मुख्यमंत्री को विस्तार से स्थिति से अवगत कराया और कर में संशोधन की गुहार लगाई।
मुख्यमंत्री ने दिए जल्द समाधान के संकेत
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले पर गंभीरता जताई है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि नगर विकास विभाग के अधिकारियों और मंत्रियों के साथ बैठक कर इस समस्या का समाधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जल्द ही करदाताओं के हित में कदम उठाए जाएंगे और टैक्स दरों को कम करने के निर्देश दिए जाएंगे। इससे करदाताओं को आर्थिक राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
संपत्ति कर वृद्धि का प्रभाव और हाईकोर्ट मामला
गाजियाबाद के पांच जोनों में लगभग छह लाख से अधिक करदाता हैं, जिन पर इस कर वृद्धि का भारी प्रभाव पड़ा है। कर की दरों में इस बढ़ोतरी के कारण कई घरों और व्यावसायिक संपत्तियों के लिए टैक्स कई गुना अधिक हो गया है। इसी वजह से बड़ी संख्या में लोग अभी तक कर जमा नहीं कर पाए हैं। इस विवाद को लेकर हाईकोर्ट में भी मामला लंबित है, जहां करदाताओं की तरफ से वृद्धि को चुनौती दी गई है।
शहरवासियों को जल्द राहत मिलने की उम्मीद
नगर निगम की इस कर वृद्धि के खिलाफ शहरवासियों में भारी असंतोष है और वे जल्द से जल्द राहत की उम्मीद कर रहे हैं। विधायक संजीव शर्मा की मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद यह विश्वास बढ़ा है कि इस मसले का समाधान निकलेगा। शहरवासियों की जेब पर पड़े इस अतिरिक्त बोझ को कम करने के लिए प्रशासन को त्वरित और सकारात्मक कदम उठाने होंगे ताकि करदाता राहत महसूस कर सकें और नगर निगम की वसूली भी सुचारू रूप से हो सके।



