NCR News: राजधानी दिल्ली में यातायात की बड़ी समस्या को हल करने के लिए सरकार ने एक बड़ी पहल की है। 55 किलोमीटर लंबे रिंग रोड को अब छह हिस्सों में बांटकर आधुनिक स्वरूप दिया जाएगा। लोक निर्माण विभाग ने इसके लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट यानी डीपीआर तैयार करने की जिम्मेदारी अमेरिकी कंपनी एईकॉम को सौंपी है। यह रिपोर्ट छह माह यानी 24 सप्ताह में तैयार हो जाएगी जिसके बाद निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
रिंग रोड उत्तर दक्षिण और मध्य दिल्ली को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग है जिस पर रोज लाखों वाहन चलते हैं। इस परियोजना का उद्देश्य केवल सड़क की मरम्मत या चौड़ीकरण नहीं बल्कि इसे पूरी तरह आधुनिक और सतत परिवहन कॉरिडोर में बदलना है। इसमें एलिवेटेड रोड, अंडरपास, ग्रेड सेपरेटर, पैदल पथ और साइकिल ट्रैक जैसी सुविधाएं जोड़ी जाएंगी ताकि जाम और प्रदूषण दोनों से राहत मिल सके। परियोजना के पूरा होने पर यात्रा समय में 30 से 40 प्रतिशत की कमी आने की उम्मीद है जिससे ईंधन की बचत और प्रदूषण में गिरावट होगी।
एईकॉम कंपनी तीन चरणों में डीपीआर तैयार करेगी। पहले छह सप्ताह में सर्वेक्षण और ट्रैफिक डाटा विश्लेषण होगा। अगले छह सप्ताह में पर्यावरण और भूमि से जुड़ी जांच की जाएगी। तीसरे चरण में डिजाइन, लागत अनुमान और निर्माण रणनीति तय की जाएगी। इस रिपोर्ट में ग्रीन कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी, सोलर लाइट्स और पैदल यात्रियों के लिए सुरक्षित व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश साहिब सिंह के अनुसार रिंग रोड सिर्फ एक मार्ग नहीं बल्कि दिल्ली की जीवन रेखा है। सरकार का लक्ष्य इसे स्मार्ट, सुरक्षित और तेज बनाना है ताकि हर दिल्लीवासी को बेहतर यात्रा अनुभव मिल सके। छह हिस्सों में पुनर्विकास से क्षेत्रवार जरूरतों के अनुसार सुधार होगा और दिल्ली की सड़कों पर जाम का बोझ काफी हद तक कम हो जाएगा।


