सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ लखनऊ की एक अदालत में चल रही सुनवाई पर रोक लगाने वाला अंतरिम आदेश 20 नवंबर 2025 तक बढ़ा दिया है। यह मामला उनकी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भारतीय सेना के बारे में कथित अपमानजनक टिप्पणी से संबंधित है। मामले की सुनवाई सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की पीठ के समक्ष हुई, जिसमें जस्टिस एमएम सुंदरेश और विपुल एम पंचोली शामिल थे। इस सुनवाई में मामले की वर्तमान स्थिति और आगामी कार्यवाही पर चर्चा हुई।
पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता के वकील द्वारा जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए स्थगन की मांग की गई है। इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि मामले को 20 नवंबर 2025 को सूचीबद्ध किया जाएगा। साथ ही, चार अगस्त को दिए गए अंतरिम आदेश को भी अगली तारीख तक बढ़ा दिया गया है। इस निर्णय से राहुल गांधी के खिलाफ लखनऊ की अदालत में चल रही सुनवाई फिलहाल रोकी रहेगी और उन्हें इस मामले में तैयार होने के लिए और समय मिलेगा।
यह मामला विशेष रूप से इलाहाबाद हाई कोर्ट के 29 मई 2025 के आदेश से जुड़ा है। राहुल गांधी ने हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें निचली अदालत के समन को लेकर विवाद था। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका को खारिज कर दिया था, जिसके चलते अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान इस बात पर ध्यान दिया गया कि याचिकाकर्ता को जवाबी हलफनामा दाखिल करने का पर्याप्त अवसर मिले और सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद न्यायसंगत निर्णय लिया जाए।
सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से स्पष्ट हो गया कि उच्चतम न्यायालय फिलहाल राहुल गांधी के खिलाफ लखनऊ की अदालत में सुनवाई को रोकने का आदेश जारी रखेगी। इसके साथ ही अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 20 नवंबर तक स्थगित कर दी है। यह कदम अदालत द्वारा सभी प्रक्रियाओं और पक्षकारों की दलीलों का उचित मूल्यांकन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है। इस प्रकार, फिलहाल इस मामले में कोई तात्कालिक कार्रवाई नहीं होगी और अंतरिम आदेश जारी रहेगा।
इस पूरे प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट ने यह सुनिश्चित किया कि न्यायालय की प्रक्रिया में किसी भी पक्ष को निष्पक्ष अवसर मिले और मामले की सुनवाई विधिक नियमों और समयसीमा के अनुसार पूरी की जाए।


