केंद्रीय मंत्री और अभिनेता सुरेश गोपी ने रविवार को अपने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देने की इच्छा जाहिर की। उन्होंने भाजपा के नवनिर्वाचित राज्यसभा सदस्य सी सदानंदन मास्टर को उनकी जगह केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने की सिफारिश की। यह घोषणा उन्होंने एक समारोह में सदानंद की मौजूदगी में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए की।
सदानंदन मास्टर को केंद्रीय मंत्री बनाने की सिफारिश
गोपी ने कहा कि सदानंदन का राज्यसभा सदस्य बनना उत्तरी कन्नूर जिले की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव है। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनके हटने के बाद मास्टर को केंद्रीय मंत्री बनाया जाना चाहिए। गोपी ने इसे केरल के राजनीतिक इतिहास में एक नया अध्याय बताते हुए कहा कि मास्टर का सांसद कार्यालय जल्द ही मंत्री कार्यालय में बदलना चाहिए।
फिल्मी करियर छोड़कर राजनीति में आए गोपी
सुरेश गोपी ने कहा कि उन्होंने अपना फिल्मी करियर छोड़कर कभी मंत्री बनने का लक्ष्य नहीं रखा था। उन्होंने बताया कि हाल के समय में उनकी आय काफी कम हो गई है और उन्हें पैसे कमाने के लिए अभिनय जारी रखना जरूरी है। गोपी ने कहा कि वे जनसेवा से पीछे नहीं हट रहे हैं, लेकिन वित्तीय कारणों के चलते यह निर्णय लिया।
सदानंदन मास्टर और उनके संघर्ष
गोपी ने सदानंदन मास्टर के राजनीतिक योगदान और संघर्ष पर भी प्रकाश डाला। 1994 में माकपा कार्यकर्ताओं के हमले में मास्टर ने अपने दोनों पैर गंवा दिए थे। उन्होंने बताया कि मास्टर उत्तरी कन्नूर की राजनीति में सम्मानित और अनुभवी नेता हैं और उनकी केंद्रीय मंत्री बनने से क्षेत्र की राजनीति में नई दिशा आएगी।
सुरेश गोपी का यह कदम न केवल उनके व्यक्तिगत कारणों से प्रेरित है, बल्कि यह उत्तर कन्नूर की राजनीति और भाजपा की रणनीति में भी महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है। सदानंदन मास्टर के केंद्रीय मंत्री बनने से क्षेत्र में उनकी राजनीतिक भूमिका और प्रभाव और मजबूत होगा।


