
ग्रेटर नोएडा सीवर गैस ब्लास्ट से मचा हड़कंप, BKU ने दी चेतावनी
सेक्टर 36 में वॉशरूम में बैठते ही हुआ धमाका
ग्रेटर नोएडा के सेक्टर 36 में एक मकान में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब वॉशरूम में बैठे एक युवक के नीचे से अचानक कमोड में ब्लास्ट हो गया। हादसा इतना तेज था कि कमोड टूट गया और साथ लगे शीशे चकनाचूर हो गए। युवक की पहचान आशु नागर के रूप में हुई है जो गंभीर रूप से झुलस गया। हादसे की वजह मीथेन गैस बताई जा रही है जो सीवर लाइन में भरने के कारण इकट्ठा हुई थी।
जिम्स हॉस्पिटल में चल रहा है इलाज, डॉक्टरों की टीम कर रही निगरानी
घटना के तुरंत बाद परिजन घायल आशु को कासना स्थित जिम्स हॉस्पिटल ले गए जहां उसे भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों ने बताया कि शरीर पर जलने के गंभीर निशान हैं और यह सब गैस के कारण हुआ है। अस्पताल के डायरेक्टर ब्रिगेडियर डॉ. राकेश गुप्ता, प्रोफेसर डॉ. मोहित माथुर, सर्जरी विभाग के प्रमुख प्रोफेसर डॉ. सतेंद्र कुमार और असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. कुलदीप नागर मिलकर इलाज कर रहे हैं।

प्राधिकरण पर लापरवाही का आरोप, पवन खटाना ने सौंपा ज्ञापन
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश प्रवक्ता पवन खटाना ने आज ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी अभिषेक पाठक को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि सीवर लाइन में लापरवाही के कारण मीथेन गैस बनी और उससे यह हादसा हुआ। उन्होंने कहा कि घटना को कई दिन हो गए हैं लेकिन अब तक किसी अधिकारी ने आशु के परिवार से संपर्क नहीं किया और न ही ब्लास्ट की जांच शुरू की गई है।


चेतावनी- जांच नहीं हुई तो होगा धरना प्रदर्शन
BKU ने स्पष्ट किया है कि अगर 14 मई 2025 तक इस घटना की जांच और उचित कार्रवाई नहीं की गई तो प्राधिकरण के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने चेताया कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और शहरवासियों की सुरक्षा के लिए जवाबदेही तय करनी ही होगी।
मौके पर मौजूद रहे संगठन के कई पदाधिकारी
इस मौके पर संगठन के अन्य पदाधिकारी रोबिन नागर, हरेंद्र भाटी, सुनील प्रधान, विनोद शर्मा, इंद्रेश और अजीत गैराठी उपस्थित रहे। सभी ने मिलकर ज्ञापन सौंपा और पीड़ित परिवार से मुलाकात की।

शहर की सुरक्षा के लिए सिस्टम को सुधारना जरूरी
यह हादसा एक गंभीर चेतावनी है कि शहर में सीवर लाइन का प्रबंधन सही ढंग से नहीं हो रहा है। मीथेन गैस जैसी खतरनाक गैसें किसी भी समय हादसे को अंजाम दे सकती हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को तत्काल जांच कर, जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि दोबारा ऐसा हादसा न हो।

