
Delhi के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर कस्टम्स विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए एक जंगली जानवरों की तस्करी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। कस्टम्स विभाग ने तीन भारतीय नागरिकों से दुर्लभ प्रजाति के जानवरों को जब्त किया है, जिन्हें थाईलैंड से दिल्ली लाया जा रहा था। कस्टम्स विभाग की मुस्तैदी और सटीक जानकारी की वजह से इन जानवरों की तस्करी का प्रयास विफल हो गया, और आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है।
यह घटना 22 और 23 फरवरी की रात की है, जब कस्टम्स विभाग को सूचना मिली थी कि दिल्ली आने वाली फ्लाइट AI 303 में तीन व्यक्ति दुर्लभ प्रजातियों के जानवरों को तस्करी कर ला रहे हैं। इसके बाद कस्टम्स अधिकारियों ने फ्लाइट के तीन यात्रियों की बारीकी से तलाशी ली, और उनके बैग्स में जो सामान पाया गया, वह अधिकारियों के होश उड़ा देने वाला था।

तस्करी किए गए दुर्लभ और संकटग्रस्त प्रजातियों के जानवर
कस्टम्स विभाग की तलाशी में, तीन यात्रियों के बैग्स से दुर्लभ और संकटग्रस्त प्रजातियों के कई जिंदा जानवरों को बरामद किया गया। इनमें से अधिकांश जानवर ऐसे थे, जिन्हें तस्करी करके भारत में लाया जा रहा था। जब इन जानवरों को देखा गया तो कस्टम्स विभाग के अधिकारियों की आंखें खुली की खुली रह गईं।

बरामद किए गए जानवरों में विभिन्न प्रकार के सांप, गिरगिट, मिलिपीड, मकड़ी और कीड़े शामिल थे। इन जानवरों की तस्करी का प्रयास कस्टम्स विभाग की सख्त निगरानी के कारण नाकाम हुआ और सभी जानवरों को जब्त कर लिया गया।
बरामद जानवरों की सूची:
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सांप:
- कॉर्न स्नेक – 5
- मिल्क स्नेक – 8
- बॉल पाइथन – 9
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गिरगिट:
- बियर्डेड ड्रैगन – 4
- क्रेस्टेड गेको – 7
- कैमरून ड्वार्फ गेको – 11
- अन्य गेको – 1
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अन्य जीव-जंतु:
- मिलिपीड – 14
- मकड़ी – 1
इन जानवरों का कोई प्रमाणिक रिकॉर्ड नहीं था, और यह तस्करी पूरी तरह से अवैध थी। कस्टम्स विभाग ने इन जानवरों को वाइल्डलाइफ और पर्यावरण प्राधिकरण के हवाले कर दिया है।
यह घटना पहली बार नहीं
यह पहली बार नहीं है जब दिल्ली एयरपोर्ट पर ऐसे दुर्लभ और संकटग्रस्त प्रजातियों के जानवरों की तस्करी का मामला सामने आया हो। इससे पहले भी इस तरह के कई प्रयास किए जा चुके हैं, जिनमें तस्करों द्वारा अवैध रूप से जंगली जानवरों को भारत लाने की कोशिश की जाती रही है।
इस बार, कस्टम्स विभाग की मुस्तैदी और उनकी तेज़ निगरानी के कारण यह अवैध तस्करी का प्रयास नाकाम हो गया। इससे यह साबित होता है कि कस्टम्स विभाग देश की सीमाओं में ऐसी अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है।
कस्टम्स विभाग के अधिकारियों ने यह भी कहा कि इस घटना को गंभीरता से लिया जाएगा और उन तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जो इन दुर्लभ और संकटग्रस्त प्रजातियों के जानवरों की तस्करी में शामिल थे।
कस्टम्स विभाग की सख्त कार्रवाई
कस्टम्स विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि “हमने इस तस्करी की सूचना मिलने पर तत्काल कार्रवाई की। हम समय पर कार्यवाही करने में सफल रहे और इन दुर्लभ जीवों की तस्करी के प्रयास को विफल किया। यह हमारे विभाग की सतर्कता का परिणाम है कि इन जानवरों को बचाया जा सका और तस्करों को पकड़ा गया।”
अधिकारियों ने यह भी कहा कि आने वाले समय में कस्टम्स विभाग इस प्रकार के मामलों में और अधिक कड़ी निगरानी रखेगा ताकि इस तरह की तस्करी को रोका जा सके।
जानवरों की तस्करी पर रोक लगाना है महत्वपूर्ण
दुनिया भर में जंगली जानवरों की तस्करी एक बड़ी समस्या बन चुकी है। दुर्लभ और संकटग्रस्त प्रजातियों के जानवरों की तस्करी ना केवल जीवों की सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि यह पर्यावरण संतुलन को भी प्रभावित करता है। इस प्रकार की तस्करी में शामिल लोग केवल मुनाफे के लिए इन जीवों का शोषण कर रहे हैं।
भारत में इस तरह की तस्करी पर काबू पाने के लिए कस्टम्स विभाग और अन्य सरकारी एजेंसियों ने कई कदम उठाए हैं। इन जानवरों को उनकी प्राकृतिक आवासों में छोड़ने की कोशिश की जाती है, ताकि उनका जीवन बच सके और वे प्राकृतिक पर्यावरण में वापस लौट सकें।
वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट और अन्य पर्यावरणीय कानूनों के तहत, जंगली जानवरों की तस्करी करने वालों के खिलाफ कड़ी सजा का प्रावधान है। इसके बावजूद, तस्करी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, जो इस गंभीर मुद्दे की ओर इशारा करते हैं।
सजा और आगामी कार्रवाई
कस्टम्स विभाग के अनुसार, इस तस्करी के आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) और वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। तस्करी में शामिल व्यक्तियों को कड़ी सजा का सामना करना पड़ेगा। इसके अलावा, उनके खिलाफ जमानत के बिना गिरफ्तारी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि भारत में इस प्रकार की तस्करी के खिलाफ कड़ा कानून है और कस्टम्स विभाग तथा अन्य एजेंसियां इसकी रोकथाम के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही हैं।
दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर कस्टम्स विभाग ने जो बड़ी कार्रवाई की है, वह वाइल्डलाइफ संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कार्रवाई दिखाती है कि कस्टम्स विभाग और अन्य सरकारी एजेंसियां इस प्रकार की तस्करी पर रोक लगाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए और अधिक सख्त कदम उठाए जाएंगे ताकि हमारे प्राकृतिक संसाधनों और जीवों को बचाया जा सके।
जंगली जानवरों की तस्करी को रोकने के लिए हर किसी को जागरूक होना चाहिए और इस दिशा में सक्रिय कदम उठाने चाहिए।

