
Ukraine राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेन्स्की ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE) का दौरा किया है, जबकि रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को समाप्त करने के लिए शांति वार्ता की मांग तेजी से बढ़ रही है। इसी दौरान, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी सऊदी अरब का दौरा करने का निर्णय लिया है, जहां वह रूस के अधिकारियों के साथ प्रत्यक्ष बातचीत करेंगे। अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, रुबियो का यह दौरा रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।
रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के प्रयास
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पिछले सप्ताह संकेत दिया था कि वह सऊदी अरब में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे। एक गुमनाम अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल वाल्ट्ज और विशेष दूत स्टीव विटकोफ भी रियाद में होने वाली इन वार्ताओं में हिस्सा लेंगे। रुबियो का यह दौरा एक ऐसे समय पर हो रहा है, जब ट्रम्प और पुतिन के बीच पिछले सप्ताह फोन पर बातचीत हुई थी।

ट्रम्प ने पुतिन से अपनी बातचीत में कहा कि दोनों नेताओं ने सहमति जताई थी कि उनके respective दल तुरंत इस बातचीत की शुरुआत करेंगे। ट्रम्प की यह बातचीत यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद अमेरिका की नीति के खिलाफ थी, जिसमें रूस को अलग-थलग करने की बात की गई थी। हालांकि, ट्रम्प ने ज़ेलेन्स्की से भी अलग से बातचीत की। ज़ेलेन्स्की ने स्पष्ट रूप से कहा था कि वह किसी भी ऐसे वार्ता में शामिल नहीं होंगे जिसमें उनकी सरकार की भागीदारी न हो। यूरोपीय देशों ने भी इस मामले में अपनी भागीदारी की मांग की है।

Official visit to the United Arab Emirates together with the First Lady @ZelenskaUA.
Our top priority is bringing even more of our people home from captivity.
We will also focus on investments and economic partnership, as well as a large-scale humanitarian program. pic.twitter.com/rlVBT38TIV— Volodymyr Zelenskyy / Володимир Зеленський (@ZelenskyyUa) February 16, 2025
रियाद में रूस-यूक्रेन वार्ता की उम्मीदें
‘फॉक्स न्यूज़ चैनल’ के ‘संडे मॉर्निंग फ्यूचर्स’ कार्यक्रम में स्टीव विटकोफ ने कहा कि वह और वाल्ट्ज “राष्ट्रपति के निर्देश पर बैठकें आयोजित करेंगे” और उन्होंने आशा जताई कि रूस-यूक्रेन संबंधों में “कुछ अच्छे प्रगति” की उम्मीद है। इस बीच, ज़ेलेन्स्की ने म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन के बाद अबू धाबी का दौरा किया है। उनके कार्यालय द्वारा जारी फुटेज में दिखाया गया कि उन्हें और उनकी पत्नी ओलेना को रविवार रात अबू धाबी हवाई अड्डे पर अमीराती अधिकारियों द्वारा स्वागत किया गया। यह ज़ेलेन्स्की का यूएई का पहला दौरा है जब से युद्ध शुरू हुआ है।
यूक्रेनी राष्ट्रपति का शांति प्रयास
यूक्रेनी राष्ट्रपति ने अपनी यात्रा के दौरान कहा कि उनका प्राथमिक उद्देश्य अपनी जनता को बंदीगृह से मुक्त कराना और उन्हें घर वापस लाना है। ज़ेलेन्स्की के कार्यालय ने एक ऑनलाइन संदेश जारी किया, जिसमें कहा गया, “हमारा प्रमुख लक्ष्य जितना हो सके हमारे लोगों को कैद से मुक्त कर घर वापस लाना है।” उन्होंने यह भी बताया कि यूक्रेनी सरकार अपने निवेश और आर्थिक साझेदारी पर ध्यान केंद्रित करेगी, साथ ही एक बड़े मानवीय कार्यक्रम पर भी काम करेगी। इसके अतिरिक्त, यूक्रेनी सरकार ने कहा कि शांति वार्ता के लिए यूएई एक संभावित स्थान बन सकता है क्योंकि युद्ध की शुरुआत के बाद से यहां बड़ी संख्या में रूसी और यूक्रेनी प्रवासी आए हैं, और यूएई के पास मध्यस्थता का अनुभव भी है।
यूएई का भूमिका और मध्यस्थता की संभावना
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) का देश के लिए यह एक महत्वपूर्ण समय है क्योंकि वह यूक्रेनी और रूसी नागरिकों के बीच शांति और सहयोग के संकेत देने के लिए एक सकारात्मक स्थल के रूप में उभर सकता है। यूएई में रूस और यूक्रेन दोनों के प्रवासी रहते हैं, और यही कारण है कि इसे शांति वार्ता के लिए एक संभावित स्थल माना जा रहा है। इसके अलावा, यूएई के पास पहले भी मध्यस्थता का अनुभव रहा है, और वह विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संकटों में पक्षकारों के बीच संवाद स्थापित करने का काम कर चुका है।
रूस-यूक्रेन युद्ध और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया
रूस-यूक्रेन युद्ध ने पिछले साल फरवरी में एक नया मोड़ लिया था जब रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण कर दिया था। इस संघर्ष के कारण दुनिया भर में राजनीतिक और आर्थिक तनाव उत्पन्न हुआ है। जबकि अधिकांश पश्चिमी देशों ने रूस के खिलाफ कड़े प्रतिबंध लगाए हैं, वहीं अन्य देशों ने रूस और यूक्रेन के बीच मध्यस्थता की पहल की है। इनमें से कुछ देशों ने शांति वार्ता के लिए एक मंच स्थापित करने की कोशिश की है, ताकि दोनों पक्षों के बीच बातचीत का रास्ता खोला जा सके।
अमेरिकी और यूरोपीय भूमिका
अमेरिका और यूरोपीय देशों ने हमेशा से यूक्रेन का समर्थन किया है, लेकिन अब ये देश शांति वार्ता की दिशा में भी कदम बढ़ा रहे हैं। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि उनका मुख्य उद्देश्य रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करना है और इसके लिए सभी संभावित चैनलों का उपयोग किया जाएगा। जबकि ज़ेलेन्स्की ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि वह किसी भी बातचीत में शामिल नहीं होंगे जिसमें यूक्रेन की सरकार को हिस्सा नहीं दिया जाता।
आगे का रास्ता
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेन्स्की का संयुक्त अरब अमीरात दौरा इस बात का संकेत है कि यूक्रेन युद्ध की समाप्ति के लिए शांति प्रयास तेज हो रहे हैं। सऊदी अरब और यूएई जैसी मध्यस्थता की भूमिका निभा रहे देशों में शांति वार्ता के लिए एक मंच तैयार करने का अवसर हो सकता है। हालांकि, इन वार्ताओं की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि दोनों पक्ष, खासकर रूस और यूक्रेन, किस तरह के समझौते तक पहुंचने के लिए तैयार होते हैं।
यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध ने न केवल इन देशों के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए गंभीर संकट उत्पन्न किया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की इस समय यह जिम्मेदारी है कि वह दोनों पक्षों के बीच बातचीत का रास्ता खोलकर शांति स्थापित करने की दिशा में काम करे।

