
Delhi election: दिल्ली में चुनावी प्रचार खत्म हो चुका है और मतदान में केवल 21 घंटे बाकी हैं, लेकिन राजधानी में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। Kalkaji सीट से उम्मीदवार और दिल्ली की मुख्यमंत्री अतिशी ने भाजपा प्रत्याशी रमेश बिधूड़ी के परिवार पर आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगाया है। इस आरोप को लेकर दिल्ली पुलिस पर भी सवाल उठाए गए हैं, क्योंकि पुलिस ने अतिशी की शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की।
आचार संहिता उल्लंघन का आरोप
अतिशी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक के बाद एक कई पोस्ट किए, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा प्रत्याशी रमेश बिधूड़ी के बेटे मनीष बिधूड़ी और उनके भतीजों ने आचार संहिता का उल्लंघन किया। इसके बाद, उन्होंने दिल्ली पुलिस पर भी आरोप लगाया कि उन्होंने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। अतिशी ने कहा कि जब उन्होंने इस मामले की शिकायत की थी, तब पुलिस ने कोई कदम नहीं उठाया और आरोपियों को न छोड़ते हुए कार्रवाई नहीं की।

पुलिस वालों ने अभी तक तुग़लक़ाबाद गाँव वालों पर कोई एक्शन नहीं लिया। पर एक लोकल लड़का जो वीडियो बना रहा था, उसको बर्बरता से मारते हुए पुलिस पकड़ कर ले गई।
अब उस वीडियो बनाने वाले को थाने के अंदर पीटा जा रहा है।
पुलिस के गुंडा राज का खुला खेल pic.twitter.com/smhNXtqspu
— Atishi (@AtishiAAP) February 3, 2025

अतिशी ने दो वीडियो साझा किए
अतिशी ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में दो वीडियो भी साझा किए। इन वीडियो में वह आरोप लगा रही हैं कि रमेश बिधूड़ी के परिवार की वीडियो बनाने वाले लोगों को पुलिस ने बुरी तरह से पीटा। अतिशी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने इस मामले में हस्तक्षेप करने के बजाय लोगों को दबाने की कोशिश की और वीडियो बनाने वालों के साथ बर्बरता की। अतिशी ने कहा, “यह पुलिस के गुंडागर्दी का एक खुला खेल है।”
पुलिस की कार्रवाई पर सवाल
दिल्ली पुलिस की ओर से अभी तक इस मामले में कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है। अतिशी ने अपनी पोस्ट में लिखा, “टुगलकाबाद गांव के लोग आज भी पुलिस की कार्रवाई का सामना कर रहे हैं। एक स्थानीय लड़के को, जो वीडियो बना रहा था, पुलिस ने बुरी तरह से पीटा और पुलिस स्टेशन ले गए। अब वीडियो बनाने वाले व्यक्ति को पुलिस स्टेशन के अंदर भी पीटा जा रहा है। यह पुलिस के अत्याचार का खुला खेल है।”
रमेश बिधूड़ी का जवाब
इस मामले पर भाजपा प्रत्याशी रमेश बिधूड़ी ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अतिशी के आरोपों को झूठा बताते हुए कहा, “अतिशी जी, कृपया हार के बाद केजरीवाल की तरह कोई ऐसी बात न कहें, जिससे संविधानिक पद की गरिमा को ठेस पहुंचे। मेरे दो बेटे हैं, बड़ा बेटा दिल्ली हाई कोर्ट में वकील है और दूसरा बेटा एक मशीनी इंजीनियर है जो विदेश में एक कंपनी का उपाध्यक्ष है। वह फिलहाल विदेश में है।” उन्होंने कहा, “हार की निराशा में धैर्य खोने की जरूरत नहीं है, लोकतंत्र पर विश्वास रखें।”
केंद्रीय चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग
अतिशी ने इस पूरे मामले को लेकर चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के घटनाक्रम से यह स्पष्ट होता है कि भाजपा की ओर से आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। अतिशी ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि चुनावी प्रक्रिया की स्वच्छता बनी रहे।
भाजपा पर आरोपों का असर
यह घटना दिल्ली में चुनावी माहौल को और गर्मा सकती है। दिल्ली की मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) की नेता अतिशी ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं और चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा के खिलाफ यह आरोप आम आदमी पार्टी के लिए एक बड़ा हथियार बन सकता है, खासकर जब दिल्ली विधानसभा चुनाव नजदीक हैं।
पुलिस का रुख
दिल्ली पुलिस की ओर से मामले पर प्रतिक्रिया देने में देर की जा रही है, जिससे यह सवाल उठ रहा है कि क्या पुलिस ने राजनीतिक दबाव में आकर कार्रवाई में ढिलाई बरती है। चुनाव आयोग के पास अब यह अवसर है कि वह इस मुद्दे की गंभीरता को समझे और इस पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करे।
आगे की दिशा
चुनाव के दिनों में इस प्रकार के आरोप और घटनाएं राजनीतिक तनाव को बढ़ाती हैं, लेकिन यह भी जरूरी है कि आरोपों की निष्पक्ष जांच की जाए और कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाए। अगर भाजपा के परिवार के सदस्य या पुलिस ने आचार संहिता का उल्लंघन किया है, तो उन्हें सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में इस प्रकार के घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। इसके अलावा, इस मामले की त्वरित और निष्पक्ष जांच से दिल्ली में होने वाले चुनावों की स्वच्छता पर भी सवाल नहीं उठेगा।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के इस समय में जब मतदान के कुछ ही घंटे बाकी हैं, राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं। अतिशी के आरोप और भाजपा प्रत्याशी रमेश बिधूड़ी का जवाब चुनावी माहौल में उथल-पुथल मचाने का कारण बन चुके हैं। दिल्ली पुलिस और चुनाव आयोग के सामने यह चुनौती है कि वह इस मामले में तुरंत और निष्पक्ष कार्रवाई करें ताकि चुनावी प्रक्रिया पर किसी प्रकार का धब्बा न लगे।

