
Republic Day Parade 2025: भारत में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की धूमधाम से मनाई जाती है, और इस दिन दिल्ली में आयोजित होने वाली परेड में देश की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का शानदार प्रदर्शन किया जाता है। इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड (Republic Day Parade 2025) में एक नई और ऐतिहासिक झांकी शामिल होने जा रही है, जो पहली बार जनता के सामने आएगी। यह झांकी मौसम विभाग (Meteorological Department) की होगी, जो अपनी 150 वर्षों की यात्रा का प्रदर्शन करेगी। इस झांकी को भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत तैयार किया जा रहा है, और यह पहली बार होगा जब मौसम विभाग की झांकी इस परेड में शामिल होगी।
मौसम विभाग की यह झांकी केवल विभाग के कामकाज को ही नहीं, बल्कि उसके भविष्यवाणी प्रणाली और चेतावनियों के प्रबंधन के तरीके को भी दर्शाएगी। झांकी का मुख्य उद्देश्य यह है कि लोग मौसम विभाग के 150 वर्षों की यात्रा और उसके द्वारा किए गए महत्वपूर्ण कार्यों को जान सकें। यह झांकी ‘स्वर्णिम भारत: धरोहर और विकास’ (Golden India: Heritage and Development) थीम पर आधारित होगी और इसके माध्यम से मौसम विभाग की यात्रा को दर्शाया जाएगा, जो 1875 में अपनी शुरुआत से लेकर आज तक के सफर को दिखाएगी।


मौसम विभाग की यात्रा की शुरुआत
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की स्थापना 1875 में हुई थी, और इसका नेतृत्व किया था एच.एफ. ब्लैनफोर्ड (HF Blanford)। उन्हें ‘मौसम संवाददाता’ (Meteorological Reporter) का खिताब भी दिया गया था। विभाग की शुरुआत के बाद से कई महत्वपूर्ण घटनाएँ घटित हुईं। 1877 में कोलकाता में पहला मौसम विज्ञान अवलोकन केंद्र स्थापित किया गया, और वहीं से भूकंपीय माप गतिविधि की शुरुआत हुई। 1878 में मौसम संचार के लिए टेलीग्राफिक कोड (Telegraphic Weather Code) की शुरुआत की गई, और इसके बाद 1882 में टेलीफोन स्विच बोर्ड की सुविधा शुरू की गई।
1887 में एक्सप्रेस टेलीग्राम सेवा शुरू की गई, और 1890 में भारत सरकार ने सामान्य प्रकार के वर्षा मीटर को अपनाया। 1921 में शिमला से पहली बार विमानन पूर्वानुमान (aviation forecast) जारी किया गया। 1932 में IMD में एक अलग विभाग स्थापित किया गया, जो कृषि मौसम संबंधी अनुसंधान गतिविधियों को संचालित करता था। इसके बाद मौसम विभाग के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया 2007-12 के दौरान शुरू हुई, जिससे विभाग की सेवाओं में कई बदलाव आए।
SMS सेवाओं की शुरुआत
मौसम विभाग द्वारा एसएमएस सेवा (SMS Service) की शुरुआत महत्वपूर्ण मील का पत्थर रही है। 2012 में ग्रामीण कृषि मौसम सेवा (Gramin Krishi Mausam Seva – GKMS) की शुरुआत की गई, जिससे किसानों को सटीक मौसम जानकारी मिल सकी। इसके बाद 2009 में आपदा प्रबंधकों के लिए चेतावनी सेवाएं और 2013 में मछुआरों और किसानों के लिए एसएमएस सेवाएं शुरू की गईं। 2014 से 2023 तक मौसम विभाग के पूर्वानुमान सेवाओं में तेजी से प्रगति हुई, और ये सेवाएं और अधिक प्रभावी हो गईं।
वर्तमान में, IMD 1200 मौसम स्टेशन के लिए अबकास्ट (Nowcast) सेवा प्रदान कर रहा है और साथ ही 1200 शहरों के लिए मौसम पूर्वानुमान भी प्रदान किया जा रहा है। इसके अलावा, जिले और क्षेत्रीय स्तर पर भी पूर्वानुमान और चेतावनी सेवाएं दी जा रही हैं।
मौसम विभाग की महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ
IMD के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि यह सच है कि इस वर्ष पहली बार मौसम विभाग की झांकी गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होगी। इस झांकी के माध्यम से हम विभाग की 150 वर्षों की यात्रा और उसके प्रमुख कार्यों को दर्शाएंगे। इस झांकी में विभाग के वर्तमान अत्याधुनिक रूप पर अधिक ध्यान केंद्रित किया जाएगा, ताकि लोग जान सकें कि किस प्रकार से मौसम विभाग ने अपनी सेवाओं को आधुनिक बनाया है और तकनीकी दृष्टिकोण से कितना विकसित हुआ है।
मौसम विभाग ने अपने सफर में जो कुछ भी हासिल किया है, उसकी झांकी में प्रदर्शित किया जाएगा। इसमें मौसम पूर्वानुमान, आपदा चेतावनियों, और कृषि से जुड़े महत्वपूर्ण मौसम अनुसंधान कार्यों को विशेष रूप से दिखाया जाएगा।
मौसम विभाग की झांकी का उद्देश्य
गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने वाली इस झांकी का मुख्य उद्देश्य यह है कि लोग मौसम विभाग के कार्यों और उसके प्रभाव को समझ सकें। यह झांकी यह भी बताएगी कि कैसे तकनीकी सुधारों और नवाचारों के माध्यम से मौसम विभाग ने अपनी सेवाओं को बेहतर बनाया है। इससे यह भी पता चलेगा कि भारत में मौसम के पूर्वानुमान और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में मौसम विभाग की अहम भूमिका रही है।
गणतंत्र दिवस परेड 2025 में मौसम विभाग की झांकी का शामिल होना भारतीय इतिहास में एक ऐतिहासिक पल होगा। यह न केवल विभाग की यात्रा और उपलब्धियों को दिखाएगा, बल्कि यह भी दर्शाएगा कि किस प्रकार मौसम विभाग ने देश के नागरिकों के जीवन को सुरक्षित और बेहतर बनाने के लिए अपने प्रयासों को तेज किया है। यह झांकी हमें अपने मौसम विज्ञान विभाग के महत्व और योगदान को समझने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करेगी।

