
Delhi Assembly Election: दिल्ली की राजनीति में मतदाता सूची से नाम हटाने और जोड़ने को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच विवाद अपने चरम पर पहुंच गया है। सोमवार को आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर इस मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी पर निशाना साधा। दिल्ली में रोहिंग्याओं को बसाने के मुद्दे पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने केंद्रीय मंत्री पुरी की गिरफ्तारी की मांग की।
अरविंद केजरीवाल का बयान
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा, “मैं केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी की गिरफ्तारी की मांग करता हूं। उनके पास पूरा डेटा है कि उन्होंने रोहिंग्याओं को कहां और कैसे बसाया है – उन्होंने ट्वीट करके जानकारी दी थी। हरदीप सिंह पुरी और अमित शाह के पास पूरा डेटा है कि उन्होंने रोहिंग्याओं को कहां और कैसे बसाया है।”

केजरीवाल ने इस विवाद में सीधे तौर पर भाजपा को घेरते हुए आरोप लगाया कि रोहिंग्याओं को दिल्ली में बसाकर उनकी मदद करने के पीछे भाजपा का बड़ा खेल है।

क्या रोहिंग्या भाजपा को वोट देंगे?
अरविंद केजरीवाल के इस बयान के बाद केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने तीखा पलटवार किया। उन्होंने कहा, “यह वही केजरीवाल और उनकी पार्टी (आप) है, जो कह रही थी कि हमने (भाजपा ने) रोहिंग्याओं को लाया है। क्या आपको लगता है कि वे (रोहिंग्या) किसी भी हालत में भाजपा को वोट देंगे? आप ने उन्हें दिल्ली में वोट के लिए बसाया है। लोकतंत्र के लिए बेहतर होगा कि उनके नाम मतदाता सूची से हटा दिए जाएं।”
हरदीप सिंह पुरी का पलटवार
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आगे कहा, “दिल्ली के चुनाव परिणाम हरियाणा और महाराष्ट्र की तरह होंगे। अरविंद केजरीवाल ने मेरा पुराना ट्वीट देखा, लेकिन उसके कुछ ही घंटों बाद दिए गए स्पष्टीकरण को नहीं देखा।”
उन्होंने यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी के नेताओं ने अब तक ऐसा कोई सबूत पेश नहीं किया है, जिससे यह साबित हो सके कि किसी रोहिंग्या को कहीं घर मिला है।
पुरी ने केजरीवाल पर हमला करते हुए कहा कि उनका इतिहास ऐसे आधारहीन बयान देने और फिर अदालत में माफी मांगने का रहा है।
#WATCH | Delhi | Union Minister Hardeep Singh Puri says, "This is the (Arvind) Kejriwal and AAP, who were saying that we (BJP) have brought Rohingyas… Do you think that they (Rohingyas) will in any circumstance vote for the BJP? They (AAP ) have helped them settle here for the… https://t.co/IFOMI6Nhz6 pic.twitter.com/YAUJG1cM0u
— ANI (@ANI) December 29, 2024
क्या है विवाद की जड़?
यह विवाद तब शुरू हुआ जब रोहिंग्याओं को दिल्ली में बसाने और उनके मतदाता सूची में शामिल होने की खबरें सामने आईं। भाजपा ने आप पर आरोप लगाया कि वोट बैंक की राजनीति के लिए रोहिंग्याओं को बसाया जा रहा है। दूसरी ओर, आप का कहना है कि भाजपा ने खुद रोहिंग्याओं को बसाने में भूमिका निभाई है।
रोहिंग्या मुद्दा न केवल दिल्ली बल्कि देशभर में संवेदनशील है। ऐसे में यह मामला चुनावी राजनीति में और भी गर्मा गया है।
आप और भाजपा की राजनीति
आप और भाजपा के बीच राजनीतिक खींचतान कोई नई बात नहीं है। Delhi Assembly Election 2025 से पहले यह विवाद और भी गहराता जा रहा है। भाजपा और आप दोनों ही इस मुद्दे का इस्तेमाल अपने-अपने राजनीतिक फायदे के लिए कर रहे हैं।
भाजपा जहां इसे आप की विफलता और वोट बैंक की राजनीति करार दे रही है, वहीं आप भाजपा को घेरने के लिए इस मुद्दे को जोर-शोर से उठा रही है।
अरविंद केजरीवाल पर आरोप
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अरविंद केजरीवाल पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि केजरीवाल का उद्देश्य दिल्ली को ड्रग्स की राजधानी बनाना है।
“केजरीवाल ने शराब घोटाले में जेल जाने का रास्ता तैयार किया और सीएम आवास को बनवाया। उनका इतिहास इस तरह के आधारहीन बयान देने और फिर अदालत में माफी मांगने का रहा है।”
पुरी ने दावा किया कि आप के पास कोई सबूत नहीं है कि रोहिंग्याओं को भाजपा ने बसाया है। उन्होंने इसे आप की विफलता करार दिया।
Delhi चुनाव 2025 पर असर
Delhi में आगामी Assembly Election 2025 से पहले यह मुद्दा चुनावी माहौल को गर्म कर रहा है। रोहिंग्याओं का मामला, मतदाता सूची से नाम हटाने और जोड़ने के विवाद के बीच, भाजपा और आप के बीच तीखी बयानबाजी ने दिल्ली की राजनीति को नई दिशा दी है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि यह विवाद आगामी चुनाव में कितना प्रभाव डालता है।
रोहिंग्या मुद्दा केवल दिल्ली ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति का भी अहम विषय बन गया है। आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच इस विवाद ने राजनीति में नई खाई पैदा कर दी है। जहां एक ओर आप भाजपा पर आरोप लगा रही है, वहीं भाजपा आप को निशाने पर ले रही है।
आम जनता के लिए यह समझना जरूरी है कि ऐसे मुद्दे राजनीतिक फायदे के लिए उठाए जाते हैं। चुनावी माहौल में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहता है, लेकिन सच का पता लगाना और सही जानकारी रखना हर नागरिक का कर्तव्य है।

