
Bihar में BPSC (बिहार लोक सेवा आयोग) की परीक्षा को लेकर पिछले कई दिनों से छात्रों का प्रदर्शन जारी है। यह प्रदर्शन अब एक आंदोलन का रूप ले चुका है, जिसे कई नेता और समाजसेवी भी समर्थन दे रहे हैं। पप्पू यादव, जो कि पूर्णिया से स्वतंत्र सांसद हैं, ने भी इस आंदोलन को समर्थन दिया है। वह छात्रों के बीच बैठकर इस विरोध प्रदर्शन का हिस्सा बने हुए हैं। उन्होंने हाल ही में एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि यदि बिहार लोक सेवा आयोग उनकी मांगों को स्वीकार नहीं करता, तो वह पूरे बिहार में 1 जनवरी को ‘बिहार बंद’ आंदोलन करेंगे।
पप्पू यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह आंदोलन राजनीतिक नहीं है, बल्कि यह छात्रों के हक की लड़ाई है। उन्होंने बिहार के सभी विपक्षी दलों के सांसदों और विधायकों से अपील की है कि वे इस आंदोलन में शामिल हों और छात्रों के लिए समर्थन दिखाएं। उनका कहना था कि छात्रों की एकमात्र मांग है – परीक्षा का पुनः आयोजन। पप्पू यादव का कहना था कि यह आंदोलन पूरी तरह से छात्रों के हक की लड़ाई है और इसमें किसी प्रकार की राजनीतिक साजिश नहीं है।

BPSC परीक्षा और छात्रों का आंदोलन
यह आंदोलन बीपीएससी की 70वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा (CCE) के प्रारंभिक परीक्षा में कथित गड़बड़ियों के खिलाफ हो रहा है। छात्रों का आरोप है कि इस परीक्षा में पेपर लीक होने की घटनाएं हुई हैं और परीक्षा में गड़बड़ियां की गई हैं। इसके परिणामस्वरूप, छात्रों ने पूरे परीक्षा को रद्द करने की मांग की है और एक नई परीक्षा की मांग की है।

बीते बुधवार को छात्रों के इस आंदोलन को बिहार पुलिस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज किया, जिससे छात्रों के बीच गुस्सा और बढ़ गया। पुलिस की लाठीचार्जिंग के बाद छात्र संगठनों और विपक्षी नेताओं ने सरकार और पुलिस की कड़ी निंदा की।
VIDEO | Bihar: “I want an investigation in the matter from the High Court bench. If the government won’t cancel the BPSC exam then we will do ‘Bihar Bandh’ on January 1,” says Independent MP Pappu Yadav on BPSC exams, during a press conference in Purnea.
(Full video available on… pic.twitter.com/TswQmdZbLw
— Press Trust of India (@PTI_News) December 25, 2024
पप्पू यादव का बड़ा ऐलान
पप्पू यादव ने आंदोलन का समर्थन करते हुए एक बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि अगर बिहार लोक सेवा आयोग उनकी मांगों को मानता नहीं है तो वह पूरे बिहार में 1 जनवरी को ‘बिहार बंद’ का आह्वान करेंगे। उन्होंने कहा कि यह बंद सिर्फ छात्र-छात्राओं के हक में होगा और इसमें बिहार की जनता को शामिल किया जाएगा।
उनका कहना था कि यह कोई राजनीतिक आंदोलन नहीं है, बल्कि यह छात्रों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक जरूरी कदम है। पप्पू यादव ने कहा, “हम सभी विपक्षी सांसदों और विधायकों से अपील करते हैं कि वे इस आंदोलन का हिस्सा बनें। छात्रों ने अपनी मांगों को शांतिपूर्वक ढंग से रखा है, और अब उन्हें न्याय चाहिए।”
तेजस्वी यादव का सरकार पर हमला
विपक्षी नेता और राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी छात्रों पर लाठीचार्ज की घटना की निंदा की। तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर बिहार सरकार पर हमला करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब खुद को ‘लोकतंत्र का अनुयायी’ बताते हैं, लेकिन छात्रों के लोकतांत्रिक विरोध को बर्दाश्त नहीं कर रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ समय पहले तक एनडीए के नेता नीतीश कुमार को मानसिक रूप से अस्वस्थ बताते थे, लेकिन अब वही नेता उनकी तानाशाही निर्णयों का समर्थन कर रहे हैं।
चंद माह पूर्व तक NDA के नेता नीतीश कुमार को किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित बता उन्हें मानसिक रूप से अस्वस्थ बताते नहीं थकते थे अब वही BJP-LJP-HAM के नेता उनके तानाशाही निर्णयों को शिरोधार्य कर #BPSC परीक्षार्थियों को पुलिस से पिटवा इस गुंडागर्दी को उचित ठहरा रहे है।
नीतीश कुमार खुद… pic.twitter.com/un9IkK8uNG
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) December 25, 2024
तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार खुद को जयप्रकाश नारायण का अनुयायी बताते हैं, लेकिन छात्रों के शांतिपूर्ण आंदोलन के खिलाफ पुलिस का इस्तेमाल करना उनकी लोकतांत्रिक नीति के खिलाफ है। उन्होंने बिहार सरकार को चेतावनी दी कि अगर जल्द ही छात्रों की मांगें पूरी नहीं की जाती हैं तो बिहार में स्थिति और बिगड़ सकती है।
बीपीएससी का रुख और आयोग का बयान
बीपीएससी अध्यक्ष, परमल रवि मनुभाई ने बुधवार को एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि आयोग परीक्षा को रद्द नहीं करेगा, लेकिन जिन उम्मीदवारों ने पटना के बापू परीक्षा परिसर में परीक्षा दी है, उनके लिए पुनः परीक्षा आयोजित की जाएगी। आयोग ने यह भी घोषणा की कि यह पुनः परीक्षा 4 जनवरी 2025 को होगी। हालांकि, छात्रों ने आयोग के इस फैसले को नकारते हुए कहा कि अगर पूरी परीक्षा रद्द नहीं होती है तो उनका आंदोलन जारी रहेगा।
छात्रों के आंदोलन के असर और भविष्य
इस आंदोलन ने बिहार में व्यापक असर डाला है। छात्रों का गुस्सा और सरकार के खिलाफ बढ़ते विरोध ने यह साफ कर दिया है कि छात्रों की समस्याओं को अनदेखा करना अब कठिन हो गया है। छात्र संगठन लगातार सरकार से अपनी मांगों को स्वीकार करने की अपील कर रहे हैं, और अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं तो उनकी ओर से आंदोलन और तेज हो सकता है।
आंदोलन के चलते राज्य में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस ने अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की है। इसके साथ ही, बिहार सरकार ने भी स्थिति को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं। हालांकि, विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस की कार्रवाई ने आंदोलन को और भी उग्र बना दिया है।
BPSC परीक्षा में गड़बड़ियों को लेकर छात्रों का आंदोलन अब एक गंभीर मोड़ पर पहुंच चुका है। पप्पू यादव का ‘बिहार बंद’ का ऐलान और तेजस्वी यादव का सरकार पर हमला इस आंदोलन को राजनीतिक दृष्टिकोण से और भी महत्वपूर्ण बना रहा है। छात्रों की आवाज अब पूरे राज्य में गूंज रही है और सरकार के लिए यह स्थिति चुनौतीपूर्ण बनती जा रही है। अगर सरकार और बीपीएससी आयोग जल्दी इस समस्या का समाधान नहीं निकालते हैं तो यह आंदोलन बिहार में और भी बड़े रूप में फैल सकता है। छात्रों का यह संघर्ष उनके अधिकारों की लड़ाई है, जो बिहार सरकार को सुनने के लिए मजबूर कर सकता है।

