
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब नीति से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में Manish Sisodia की जमानत शर्तों में बदलाव की मांग को मंजूरी दे दी है। जमानत की शर्तों के अनुसार, सिसोदिया को सप्ताह में दो बार जांच एजेंसियों के कार्यालयों में उपस्थित होना पड़ता था। कोर्ट ने आज इस शर्त को हटाने का आदेश दिया। हालांकि, कोर्ट ने सिसोदिया को नियमित रूप से ट्रायल में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है।
Manish Sisodia ने जताया आभार
Manish Sisodia ने ट्वीट कर सुप्रीम कोर्ट का आभार व्यक्त किया। सिसोदिया ने लिखा, “माननीय सुप्रीम कोर्ट का हृदय से आभार, जिसने जमानत की शर्त को हटाकर राहत प्रदान की। यह फैसला न केवल न्यायपालिका में मेरे विश्वास को मजबूत करता है, बल्कि हमारे संवैधानिक मूल्यों की ताकत को भी दर्शाता है। मैं हमेशा न्यायपालिका और संविधान के प्रति अपने कर्तव्यों का सम्मान करूंगा।”

अगस्त में मिली थी जमानत
सुप्रीम कोर्ट ने 11 दिसंबर को सिसोदिया की याचिका पर सुनवाई की। वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच के सामने सिसोदिया की मांग रखी। इससे पहले, 9 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया को दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़े मामलों में जमानत दी थी। कोर्ट ने कहा था कि “आरोपी को अनिश्चितकाल तक जेल में नहीं रखा जा सकता, खासकर तब, जब ट्रायल को पूरा होने में लंबा समय लगने की संभावना हो।”

मामले में हजारों गवाह और दस्तावेज शामिल
शराब नीति घोटाले के मामले में, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के केस में 493 गवाहों के नाम शामिल हैं। इस मामले में हजारों पन्नों के दस्तावेज और एक लाख से अधिक डिजिटाइज्ड पन्ने मौजूद हैं। यह दर्शाता है कि मामले का ट्रायल जल्द खत्म होने की संभावना नहीं है।
भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप
दिल्ली शराब नीति घोटाले का मामला 2021-22 में लागू हुई नई नीति से जुड़ा है, जिसमें शराब लाइसेंसिंग प्रक्रिया में अनियमितताओं के आरोप हैं। सीबीआई और ईडी ने आरोप लगाया है कि इस नीति के तहत शराब विक्रेताओं को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों में हेरफेर किया गया।
आप पार्टी का बयान
आप पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है। पार्टी ने कहा कि यह फैसला न केवल सिसोदिया के प्रति अन्याय को उजागर करता है, बल्कि न्यायपालिका की निष्पक्षता को भी प्रमाणित करता है।
ट्रायल के दौरान नियमित उपस्थिति जरूरी
सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया को निर्देश दिया है कि वह ट्रायल की सभी कार्यवाही में नियमित रूप से उपस्थित रहें। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि जमानत शर्तों में बदलाव का मतलब यह नहीं है कि वह ट्रायल से अनुपस्थित रहें।

