
Shivaji Satam: प्रोफेशनल जीवन में सफलता प्राप्त करना उतना ही कठिन है जितना अपने सपनों को सही समय पर पूरा करना। हालांकि, कुछ लोग ऐसे होते हैं जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए सरकारी नौकरी तक छोड़ देते हैं। आज हम एक ऐसे अभिनेता की बात कर रहे हैं, जो पहले सरकारी नौकरी करते थे, लेकिन बाद में मनोरंजन उद्योग में अपनी पहचान बनाई। उन्होंने एक बैंक में कैशियर के रूप में काम किया था, लेकिन बाद में फिल्मों की दुनिया में कदम रखा। उन्होंने ‘वास्तव’, ‘घुलाम-ए-मुस्तफा’, ‘सूर्यवंशम’ और ‘नायक’ जैसी हिट हिंदी फिल्मों में काम किया है। इसके अलावा, वह टीवी दर्शकों के बीच एक लोकप्रिय चेहरा भी बन चुके हैं।

बैंक कर्मचारी से अभिनेता बनने तक का सफर
हम बात कर रहे हैं, शिवाजी साटम की। हां, इससे पहले कि वह अभिनय की दुनिया में कदम रखते, वह एक बैंक कर्मचारी थे। उनका एक अभिनेता से बहुत अच्छा दोस्ती का रिश्ता था, जो रामानंद सागर के ‘रामायण’ के एक प्रसिद्ध अभिनेता थे, जिन्होंने उन्हें स्क्रीन डेब्यू करने के लिए प्रेरित किया। अब जानते हैं कि कैसे उन्होंने अपनी पहली फिल्म साइन की और अभिनय की दुनिया में कदम रखा।

बैंक में प्रतियोगिता ने जगाई अभिनय की इच्छा
शिवाजी साटम के अभिनय की शुरुआत एक संयोग से हुई। वह अपने बैंक में एक प्रतियोगिता में भाग ले रहे थे, जहां उनका अभिनय का जुनून और बढ़ गया। इस प्रतियोगिता के बाद उनके मन में अभिनय करने की इच्छा और भी गहरी हो गई, और वह इस सपने को पूरा करने के लिए कदम बढ़ाने लगे।
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बाल धुरी से मिली पहली फिल्म का अवसर
इस दौरान, शिवाजी की मुलाकात प्रसिद्ध अभिनेता बाल धुरी से हुई, जिन्होंने ‘रामायण’ में राजा दशरथ की भूमिका अदा की थी। बाल धुरी ने शिवाजी साटम की अभिनय क्षमता को पहचाना और उन्हें अपने पहले मराठी म्यूजिकल ड्रामा में अभिनय का मौका दिया। इसके बाद, 1980 में शिवाजी ने टीवी शो ‘रिश्ते-नाते’ के साथ अभिनय की दुनिया में कदम रखा। इस शो के बाद ही उन्होंने बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत की।
बॉलीवुड में सफलता की शुरुआत
शिवाजी साटम ने 1988 में अपनी पहली फिल्म ‘पेस्टोंजी’ से बॉलीवुड में कदम रखा, जिसमें उन्होंने अनुपम खेर, नसीरुद्दीन शाह और शबाना आजमी के साथ अभिनय किया। इसके बाद उन्होंने ‘पुकार’, ‘गर्व: प्राइड एंड ऑनर’ और ‘उतरन’ जैसी फिल्मों में भी अभिनय किया। वह बॉलीवुड के बड़े सितारों संजय दत्त, सलमान खान और अमिताभ बच्चन के साथ भी काम कर चुके हैं।
‘सीआईडी’ में ACP प्रद्युमन का यादगार किरदार
टीवी की दुनिया में शिवाजी साटम को सबसे ज्यादा पहचाना जाता है उनके चर्चित किरदार ACP प्रद्युमन के रूप में, जो उन्होंने ‘सीआईडी’ नामक टीवी शो में निभाया। यह शो भारतीय टेलीविजन का सबसे लंबा चलने वाला क्राइम थ्रिलर शो था और इसमें उनका किरदार एक दिग्गज पुलिस अधिकारी का था, जो अपने तेज-तर्रार अंदाज और दमदार संवादों के लिए मशहूर था।
छह साल बाद सीआईडी में वापसी
अब खबर है कि शिवाजी साटम ‘सीआईडी’ के नए सीजन में छह साल बाद एक बार फिर ACP प्रद्युमन के रूप में वापसी करने जा रहे हैं। यह खबर उनके फैंस के लिए किसी उत्सव से कम नहीं है, क्योंकि वह लंबे समय बाद इस शो में अपने लोकप्रिय किरदार में नजर आएंगे। उनके इस किरदार को दर्शकों ने बहुत पसंद किया था और उन्हें एक सशक्त और प्रेरणादायक पुलिस अधिकारी के रूप में याद किया जाता है।
शिवाजी साटम का करियर ग्राफ
शिवाजी साटम का करियर एक प्रेरणा है उन लोगों के लिए जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए किसी भी सीमा तक जाने का साहस रखते हैं। वह एक बैंक कर्मचारी से अभिनेता बने और अपने अभिनय कौशल से लाखों दिलों में जगह बनाई। उन्होंने मराठी सिनेमा, बॉलीवुड और टेलीविजन, तीनों ही माध्यमों में अपनी पहचान बनाई। वह एक ऐसे अभिनेता हैं जिन्होंने न केवल फिल्मों में बल्कि टीवी की दुनिया में भी अपार सफलता प्राप्त की।
अभिनेता शिवाजी साटम का योगदान
शिवाजी साटम ने अपने करियर में कई बेहतरीन किरदारों को निभाया है, जिनसे वह दर्शकों के बीच बहुत लोकप्रिय हुए हैं। उनके अभिनय में जो गंभीरता और सटीकता है, वह उन्हें एक उत्कृष्ट अभिनेता बनाती है। उनके अभिनय की क्षमता ने उन्हें दर्शकों के दिलों में एक विशेष स्थान दिलाया है। ‘सीआईडी’ में उनका भूमिका ACP प्रद्युमन एक अमर किरदार बन गया है, जो आज भी लोगों के दिलों में जीवित है।
शिवाजी साटम का जीवन यह सिखाता है कि यदि किसी के पास मेहनत, जुनून और सही दिशा हो, तो कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है। बैंक कर्मचारी से अभिनेता बनने तक की उनकी यात्रा न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह दर्शाती है कि व्यक्ति अपने सपनों के पीछे भाग सकता है, भले ही वह किसी भी क्षेत्र से हो। उनके अभिनय करियर की कहानी ने उन्हें न केवल एक बेहतरीन अभिनेता बल्कि एक प्रेरणा स्रोत भी बना दिया है। अब उनकी वापसी ‘सीआईडी’ में दर्शकों के लिए किसी तोहफे से कम नहीं है।
शिवाजी साटम का यह सफर यकीनन हमें यह सिखाता है कि सही समय पर अपने सपनों के पीछे दौड़ना और उन्हें पूरा करना सबसे महत्वपूर्ण है।

