
Delhi Elections 2025: आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए अपनी तैयारी तेज़ कर दी है। पार्टी यह नहीं चाहती कि भविष्य में जीत के लिए कोई कसर छोड़ी जाए। इस बार भी AAP अपनी चुनावी रणनीति में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतना चाहती है। यही वजह है कि आम आदमी पार्टी उन सभी सर्वे एजेंसियों का सहयोग लेना चाहती है, जिनकी मदद से उसने पिछले विधानसभा चुनाव में भारी जीत हासिल की थी।
I-PAC के साथ गठबंधन
आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर प्रशांत किशोर (PK) की सर्वे एजेंसी I-PAC से हाथ मिलाया है। सूत्रों के अनुसार, AAP इस बार I-PAC की मदद से अपनी चुनावी अभियान को और अधिक मजबूती देने की तैयारी कर रही है। यह कोई पहली बार नहीं है जब AAP ने I-PAC से मदद ली है। इससे पहले 2020 के विधानसभा चुनाव में भी AAP ने I-PAC की चुनावी रणनीति का पालन कर एक ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी।

प्रशांत किशोर की टीम का समर्थन
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, I-PAC की एक टीम जिसमें 50 से अधिक सदस्य होंगे, AAP नेताओं से मुलाकात करेगी और आगामी रणनीति पर काम करेगी। I-PAC की टीम AAP को उम्मीदवारों के चयन, चुनावी अभियान की दिशा और पार्टी की चुनावी गतिविधियों को सही दिशा में आगे बढ़ाने में मदद करेगी। इस गठबंधन का उद्देश्य AAP को एक मजबूत चुनावी अभियान के लिए तैयार करना है।

AAP की चुनावी रणनीति
Delhi By Elections 2025 को लेकर AAP को पूरी उम्मीद है कि पार्टी की चुनावी जीत सुनिश्चित हो जाएगी, लेकिन पार्टी यह भी जानती है कि इस बार चुनाव पिछली बार के मुकाबले ज्यादा चुनौतीपूर्ण होंगे। पार्टी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं और सरकार के खिलाफ एंटी-इन्कम्बेंसी (विरोधी लहर) के तत्व भी प्रमुख हैं, ऐसे में पार्टी उतनी मजबूत स्थिति में नहीं है जितनी पिछले चुनावों में थी। यही वजह है कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने यह निर्णय लिया है कि उन प्रमुख कारणों को फिर से इस्तेमाल किया जाए, जिन्होंने AAP की दिल्ली चुनावों में अब तक जीत दिलाई है।
I-PAC की भूमिका
I-PAC, जो कि प्रशांत किशोर द्वारा स्थापित की गई सर्वे एजेंसी है, पहले भी कई राज्यों में चुनावी रणनीतियों को लेकर काम कर चुकी है। पिछले विधानसभा चुनाव में AAP को मिली जीत के बाद, पार्टी का विश्वास I-PAC पर और भी ज्यादा बढ़ा है। I-PAC चुनावी सर्वेक्षण, उम्मीदवारों का चयन, वोटर्स से संपर्क और चुनावी प्रचार जैसी रणनीतियों पर काम करेगी। यह एजेंसी AAP को चुनावी प्रचार को सही दिशा देने में मदद करेगी ताकि पार्टी चुनावी जीत के लिए मजबूत और प्रभावी तरीके से काम कर सके।
चुनौतीपूर्ण चुनाव का सामना
AAP के नेताओं को यह भी एहसास है कि 2025 का चुनाव उनके लिए उतना आसान नहीं होगा जितना पिछले चुनावों में था। हालांकि पार्टी ने पिछले चुनाव में शानदार जीत दर्ज की थी, लेकिन इस बार पार्टी को भ्रष्टाचार के आरोपों और अन्य विवादों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही, आम जनता में सरकार के खिलाफ असंतोष भी बढ़ा है। इन सभी कारकों के मद्देनजर, AAP ने यह तय किया है कि जितने भी महत्वपूर्ण रणनीतिक फैक्टर पिछले चुनावों में जीत का कारण बने, उन्हें एक बार फिर से लागू किया जाए।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए AAP ने अपनी तैयारियों को तेज़ कर दिया है और प्रशांत किशोर की I-PAC को अपनी चुनावी रणनीति में शामिल कर लिया है। पार्टी यह चाहती है कि I-PAC की मदद से उसकी चुनावी गतिविधियाँ और प्रचार अधिक प्रभावी हों और वह 2025 में भी दिल्ली में अपनी सरकार बना सके। इस गठबंधन से AAP को उम्मीद है कि वह आगामी चुनावी चुनौती का सफलतापूर्वक सामना कर पाएगी।

