CJI DY Chandrachud का योगदान और उनके रिटायरमेंट पर न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की सराहना
CJI DY Chandrachud: भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) को विदाई देने के लिए सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) द्वारा आयोजित एक समारोह में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने उन्हें भावुक विदाई दी। इस समारोह में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने CJI चंद्रचूड़ की जमकर सराहना की और कहा कि उनके सेवानिवृत्त होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में एक बड़ा खालीपन आएगा, जिसे भरना मुश्किल होगा।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने चंद्रचूड़ को एक अद्वितीय न्यायाधीश के रूप में पुकारते हुए कहा कि उनका योगदान सुप्रीम कोर्ट में अभूतपूर्व था, और उनकी भूमिका समावेशीता को बढ़ावा देने में अत्यधिक महत्वपूर्ण रही। उनका कार्यकाल सुप्रीम कोर्ट के लिए एक स्वर्णिम युग के रूप में याद किया जाएगा।
“जब एक विशाल वृक्ष हटता है”
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने अपने भाषण में कहा, “जब न्याय के जंगल में एक विशाल पेड़ पीछे हटता है, तो पक्षी अपना गीत बंद कर देते हैं। हवा भी अलग दिशा में बहने लगती है। बाकी पेड़ उस खाली स्थान को भरने की कोशिश करते हैं, लेकिन जंगल कभी पहले जैसा नहीं हो सकता।”
उन्होंने आगे कहा कि CJI चंद्रचूड़ के सेवानिवृत्त होने के बाद यह बदलाव गहरे तौर पर महसूस किया जाएगा और अदालत के हर सदस्य के दिल में यह खालीपन गूंजेगा। यह एक ऐसा परिवर्तन होगा जो सिर्फ सुप्रीम कोर्ट में ही नहीं, बल्कि पूरे न्यायिक प्रणाली में महसूस किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट में गूंजेगा बदलाव
न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा, “सोमवार से हम इस बदलाव को महसूस करेंगे। सुप्रीम कोर्ट के बलुआ पत्थर के स्तंभों में यह खालीपन गूंजेगा। बार और बेंच के दिलों में इसका शांत प्रतिध्वनि होगी।” न्यायमूर्ति खन्ना ने यह भी कहा कि CJI चंद्रचूड़ न केवल एक महान वक्ता हैं, बल्कि उनके लिखित शब्दों में भी अद्वितीय मास्टर हैं, जो उनके कार्यकाल के दौरान सुप्रीम कोर्ट को दिशा देने में सहायक रहे।
ट्रोलर्स की बेरोजगारी का मजाक
विदाई समारोह में CJI चंद्रचूड़ ने अपने ऊपर हुए ट्रोलिंग का जिक्र करते हुए मजाकिया अंदाज में कहा, “मैं शायद पूरे न्यायिक सिस्टम में सबसे ज्यादा ट्रोल किए जाने वाले न्यायाधीशों में से एक हूं। आप सभी जानते हैं कि मैंने कितनी बार ट्रोलिंग का सामना किया है। अब मुझे ये देखना होगा कि सोमवार से क्या होगा, क्योंकि अब मेरे ट्रोलर्स बेरोजगार हो जाएंगे!” इसके बाद, उन्होंने बशीर बद्र की एक मशहूर शेर पढ़ी – “मुखालिफत से मिरी शख्सियत संवरती है, मैं दुश्मनों का बड़ा एहतिराम करता हूं।”
CJI चंद्रचूड़ ने इस तरह के हल्के-फुल्के अंदाज में विदाई दी, जबकि उनके शब्दों में गहरी समझ और सच्चाई भी छिपी हुई थी। उन्होंने अपने कार्यकाल को लेकर एक गहरी सोच साझा की और न्यायपालिका के सुधार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को भी व्यक्त किया।
सुप्रीम कोर्ट के भविष्य पर विश्वास
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, “मैं सुप्रीम कोर्ट को इस विश्वास के साथ छोड़ रहा हूं कि यह अदालत न्यायमूर्ति संजीव खन्ना के स्थिर, मजबूत और विद्वान हाथों में है। मुझे पूरी उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट का भविष्य उज्ज्वल रहेगा।” यह एक गंभीर और आशावादी संदेश था, जो उनकी भूमिका के प्रति उनके विश्वास को दर्शाता था।
चंद्रचूड़ का कार्यकाल और भविष्य
CJI चंद्रचूड़ ने दो वर्षों तक सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश के रूप में अपनी जिम्मेदारियों को निभाया। उनके कार्यकाल में सुप्रीम कोर्ट ने कई महत्वपूर्ण फैसले सुनाए और विभिन्न मुद्दों पर नीतिगत दिशा निर्देश जारी किए। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय को एक समावेशी और अधिक पारदर्शी संस्था बनाने की दिशा में कई कदम उठाए।
10 नवंबर 2024 को 65 वर्ष की आयु में CJI चंद्रचूड़ का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा। इसके बाद, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना 11 नवंबर से 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में अपना कार्यभार संभालेंगे। चंद्रचूड़ के बाद, न्यायमूर्ति खन्ना को सुप्रीम कोर्ट के सर्वोच्च पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना का कार्यकाल सुप्रीम कोर्ट के लिए एक नई दिशा और विश्वास लेकर आएगा। उनके नेतृत्व में न्यायपालिका का मजबूत होना तय है, और इससे न्यायिक प्रक्रिया को लेकर लोगों का विश्वास और मजबूत होगा।
CJI DY चंद्रचूड़ के विदाई समारोह ने न केवल उनकी भूमिका और कार्यकाल को याद किया, बल्कि यह भी स्पष्ट किया कि उनका योगदान सुप्रीम कोर्ट और भारतीय न्याय व्यवस्था में कितना गहरा और स्थायी है। उनका कार्यकाल समावेशीता, सुधार, और न्यायिक स्वतंत्रता के सिद्धांतों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण था। अब, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट का भविष्य और अधिक उज्ज्वल दिख रहा है।