उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने किसानों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण फैसला लिया है। इस फैसले से प्रदेश के लाखों किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN) के तहत मिलने वाले फंड्स तक आसानी से पहुंच मिलेगी। सरकार ने भूमि अभिलेखों (लैंड रिकॉर्ड) में सुधार करने की प्रक्रिया को सरल बनाया है, जिससे अब किसानों को कोर्ट-कचहरी का झंझट नहीं झेलना पड़ेगा। यह बड़ा कदम किसानों को योजनाओं का लाभ दिलाने में एक क्रांतिकारी बदलाव साबित होगा।
खाता-खतौनी और आधार के नामों में मिलान के लिए अब नहीं लगेगा कोर्ट का झंझट
योगी सरकार के इस निर्णय के अनुसार अब खाता-खतौनी में दर्ज नाम और आधार कार्ड के नाम में किसी भी तरह के भिन्नता को सुधारने के लिए लंबी कानूनी प्रक्रियाओं या कोर्ट के चक्कर नहीं लगाने होंगे। अब ये सुधार केवल लेखपाल या राजस्व निरीक्षक की जांच के बाद किए जाएंगे। इसमें जन्म प्रमाण पत्र, राशन कार्ड या अन्य प्रमाणिक दस्तावेजों से नाम मिलान किया जाएगा। इससे धोखाधड़ी की संभावना लगभग खत्म हो जाएगी और किसानों को जल्द और आसानी से अपनी समस्याओं का समाधान मिलेगा।
किसानों को मिलेगा व्यापक लाभ, केवल सम्मान निधि तक सीमित नहीं
यह सुधार केवल प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि फसल बीमा, कर्ज माफी, और भूमि अधिग्रहण मुआवजे जैसी अन्य सरकारी योजनाओं में भी इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इसके जरिए अब उन किसानों को भी लाभ मिलेगा जिनके नामों में थोड़ी बहुत गलती या असंगति के कारण वे अब तक इन योजनाओं से वंचित रह गए थे। अनुमान है कि उत्तर प्रदेश के लगभग 3 करोड़ किसानों को इस फैसले से सीधे लाभ होगा।
उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक संख्या में किसान हैं पंजीकृत
उत्तर प्रदेश में देश के सबसे अधिक 2.65 करोड़ से अधिक किसान पंजीकृत हैं। इनमें से लाखों किसान अपने आधार कार्ड और भूमि अभिलेखों के नामों में मतभेद के कारण कई बार सम्मान निधि की किस्तों से वंचित रह गए। कई मामलों में तो किसान पूरी योजना से बाहर ही हो गए। अब सरकार ने दो महीनों के भीतर ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही सॉफ्टवेयर अपडेट के साथ-साथ जिला स्तर पर शिविर लगाने का प्रबंध किया है। ये शिविर तहसील कार्यालयों पर आयोजित किए जाएंगे जहां किसानों से आवेदन लिए जाएंगे।
25-30 लाख किसानों को मिलेगा सीधे लाभ
राजस्व विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस फैसले से कम से कम 25-30 लाख ऐसे किसान लाभान्वित होंगे जो अब तक नामों में त्रुटि के कारण सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रहे थे। यह निर्णय किसानों के लिए राहत की बड़ी खबर है जो उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार और सामाजिक सुरक्षा के लिए अहम साबित होगा। योगी सरकार का यह कदम किसानों के हित में पारदर्शी और सरल प्रशासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।



