UP News: उत्तर प्रदेश के संभल शहर में कैलादेवी मंदिर और जामा मस्जिद के विवाद ने एक बार फिर माहौल को गर्मा दिया है। जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर का मूल स्वरूप बताकर सिविल न्यायालय में याचिका दायर की गई थी। इसके एक वर्ष पूरे होने पर महंत ऋषिराज गिरि महाराज ने बुधवार को पदयात्रा निकालने का एलान किया, जिससे शहर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर दिए गए। श्रद्धालुओं और साधु-संतों की भारी भीड़ मंदिर परिसर में इकट्ठा होने लगी। पुलिस ने बैरियर लगाकर भीड़ को रोकने का प्रयास किया, लेकिन महंत ने लोगों को मंदिर तक पहुंचने दिया, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया।
धारा 163 लागू, जुलूस निकालने पर सख्त पाबंदी
सिंहासन संभालने वाले पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने साफ किया कि जिले में धारा 163 लागू है, जिसके तहत किसी भी प्रकार के जुलूस या बड़ी भीड़ को जमा होने की अनुमति नहीं है। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था को बनाए रखना उनकी पहली प्राथमिकता है और किसी को भी इसे बिगाड़ने नहीं दिया जाएगा। पुलिस थाने के अधिकारियों को लगातार निगरानी और पेट्रोलिंग करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही संवेदनशील इलाकों जैसे जामा मस्जिद, चौधरी सराय और प्रमुख चौराहों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
पदयात्रा और इसके उद्देश्य पर महंत ऋषिराज गिरि महाराज का बयान
महंत ऋषिराज गिरि महाराज ने कहा कि पदयात्रा का मुख्य उद्देश्य सनातन धर्म के अनुयायियों को जोड़ना और हरिहर स्थल की परिक्रमा करना है। उनका कहना है कि यह धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जिसका किसी भी तरह का राजनीतिक उद्देश्य नहीं है। बावजूद इसके, इस पदयात्रा को लेकर शहर में सुरक्षा की सख्ती बढ़ा दी गई है। पुलिस ने मंदिर और आसपास के इलाकों में सुरक्षा के लिए पीएसी और आरआरएफ के जवानों को तैनात किया है।
जामा मस्जिद बनाम हरिहर मंदिर याचिका का इतिहास और हिंसक घटनाएं
19 नवंबर 2024 को हिंदू पक्ष की ओर से याचिका दायर की गई थी जिसमें दावा किया गया था कि जामा मस्जिद का मूल स्वरूप हरिहर मंदिर था। इस याचिका पर कोर्ट ने अधिवक्ता रमेश सिंह राघव को कमिश्नर नियुक्त किया था, जो सर्वे के लिए पहुंचे थे लेकिन पहला सर्वे पूरा नहीं हो पाया। इसके बाद 24 नवंबर को दोबारा सर्वे के दौरान हुई हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हुए। इस घटना में करीब 107 लोग गिरफ्तार हुए, जिनमें सांसद जियाउर्रहमान बर्क और जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली भी आरोपी हैं।
सुरक्षा व्यवस्था सख्त, अभद्रता करने वाले आरोपी की तलाश जारी
8 अक्टूबर को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम जब जामा मस्जिद के गुंबद का निरीक्षण करने गई थी, तो वहां उन्हें रोक दिया गया और टीम के साथ अभद्रता हुई। इस मामले में पुलिस ने दो लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। एक आरोपी हफीज की गिरफ्तारी हो चुकी है, जबकि दूसरे आरोपी काशिफ खान की तलाश जारी है। इस घटना ने सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता और बढ़ा दी है और संभल में स्थिति अभी भी संवेदनशील बनी हुई है।



