बॉलीवुड और टीवी इंडस्ट्री के मशहूर अभिनेता सतीश शाह के निधन के बाद पूरी फिल्म बिरादरी शोक में है। अब फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज (FWICE) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर दिवंगत अभिनेता को मरणोपरांत पद्मश्री पुरस्कार देने की मांग की है। संगठन ने कहा कि यह सम्मान सतीश शाह के अद्भुत करियर और भारतीय मनोरंजन जगत में उनके अमूल्य योगदान के लिए एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
एक रेयर और गिफ्टेड कलाकार’ जिसने भारत को हंसाया
FWICE के पत्र में सतीश शाह को एक “रेयर और गिफ्टेड कलाकार” बताया गया है, जिनके अभिनय ने लाखों लोगों के जीवन में खुशी और हंसी भरी। ‘ये जो है ज़िंदगी’, ‘साराभाई वर्सेस साराभाई’, ‘जाने भी दो यारो’, और ‘मैं हूं ना’ जैसी यादगार परियोजनाओं में उनके प्रदर्शन ने उन्हें घर-घर में मशहूर कर दिया। फेडरेशन का कहना है कि सतीश शाह का अभिनय केवल मनोरंजन नहीं था, बल्कि वह हर भूमिका में इंसानियत और सहजता की झलक दिखाते थे।
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पर्दे के पीछे भी एक दयालु इंसान
सतीश शाह न केवल एक शानदार अभिनेता थे, बल्कि पर्दे के पीछे भी एक दयालु और मददगार इंसान थे। FWICE ने अपने पत्र में लिखा कि उन्होंने वर्किंग कम्युनिटी में कई कल्याणकारी पहल का दिल खोलकर समर्थन किया। उनकी सादगी और विनम्रता ने उन्हें इंडस्ट्री के सभी लोगों के दिलों में एक खास जगह दी। उनके निधन से इंडस्ट्री में एक ऐसा खालीपन पैदा हुआ है जिसे भरना मुश्किल है।
पद्मश्री पुरस्कार को बताया सच्ची श्रद्धांजलि
फेडरेशन ने अपनी अपील में कहा कि सतीश शाह को पद्मश्री (मरणोपरांत) देना कला, संस्कृति और मनोरंजन के माध्यम से भारत को मुस्कुराने वाला एक जीवनभर का योगदान मानने जैसा होगा। यह केवल एक अभिनेता को नहीं, बल्कि उस इंसान को सम्मानित करना होगा जिसने चार दशक से अधिक समय तक देश को हंसाया और प्रेरित किया।
सतीश शाह का निधन और आखिरी दिन
74 वर्षीय सतीश शाह का निधन शनिवार को मुंबई में किडनी की बीमारी के चलते हुआ। इस साल की शुरुआत में उनका किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था, लेकिन हाल ही में उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। उनके निधन से फिल्म और टीवी जगत में गहरा शोक है। ‘साराभाई वर्सेस साराभाई’ में उनके इंदरजीत साराभाई के किरदार को आज भी लोग याद करते हैं। इंडस्ट्री अब चाहती है कि उन्हें देश का सम्मान मिलकर उनका नाम अमर हो जाए।


