Election Commission: देशभर में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण की प्रक्रिया यानी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) का पहला चरण आज से शुरू होने जा रहा है। चुनाव आयोग आज शाम 4 बजकर 15 मिनट पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी आधिकारिक घोषणा करेगा। मुख्य चुनाव आयुक्त ग्यानेश कुमार इस बैठक का नेतृत्व करेंगे और पहले चरण से जुड़ी सभी जानकारी साझा करेंगे। बताया जा रहा है कि यह प्रक्रिया 10 से 15 राज्यों में शुरू होगी, जिनमें वे राज्य भी शामिल हैं जहां 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं।
पहले चरण में पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, पुडुचेरी और केरल जैसे राज्यों में मतदाता सूची के पुनरीक्षण की प्रक्रिया शुरू होगी। इन सभी राज्यों में 2026 में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। इसके अलावा कुछ अन्य राज्यों को भी पहले चरण में शामिल किया जा सकता है। चुनाव आयोग ने देशभर के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEO) के साथ बैठक कर इस प्रक्रिया का ढांचा तय कर लिया है और सभी को निर्देश दिए हैं कि वे अपनी वेबसाइट पर पिछली मतदाता सूची को अपडेट करके नया फॉर्मेट अपलोड करें।
स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन यानी SIR चुनाव आयोग द्वारा अपनाई जाने वाली एक विशेष प्रक्रिया है जिसके तहत मतदाता सूचियों को अपडेट किया जाता है। कई बार ऐसा होता है कि कोई व्यक्ति अब इस दुनिया में नहीं होता लेकिन उसका नाम अभी भी वोटर लिस्ट में बना रहता है। वहीं कुछ युवा 18 वर्ष के हो जाते हैं लेकिन उनका नाम लिस्ट में नहीं जुड़ता। ऐसे मामलों में SIR के जरिए मृत लोगों के नाम हटाए जाते हैं और योग्य नए मतदाताओं के नाम जोड़े जाते हैं।
जगह बदलने वाले मतदाताओं पर भी होगी कार्रवाई
कई बार लोग अपने क्षेत्र से पलायन कर किसी दूसरे इलाके में रहने लगते हैं। ऐसी स्थिति में उनका नाम पुराने क्षेत्र की मतदाता सूची से हटाना जरूरी होता है ताकि एक व्यक्ति एक ही स्थान पर मतदान कर सके। SIR के दौरान ऐसे मामलों की भी पहचान की जाती है और आवश्यक बदलाव किए जाते हैं। यह प्रक्रिया मतदाता सूची को पूरी तरह साफ और सटीक बनाए रखने के लिए की जाती है।
क्या सभी को दिखाने होंगे दस्तावेज़
लोगों के मन में यह सवाल भी है कि क्या इस प्रक्रिया में सभी मतदाताओं को अपने दस्तावेज़ दिखाने होंगे। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि ऐसा नहीं है। जिन मतदाताओं का नाम पहले से सूची में है उन्हें किसी दस्तावेज़ की आवश्यकता नहीं होगी। लेकिन जिनका नाम किसी कारणवश हट गया है या जो नए मतदाता हैं, वे अपने दस्तावेज़ दिखाकर आसानी से नाम जुड़वा सकते हैं। आयोग का उद्देश्य है कि 2026 से पहले मतदाता सूचियाँ पूरी तरह सटीक और अद्यतन हों ताकि मतदान प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष बनी रहे।



