नेशनल कॉन्फ्रेंस के लोकसभा सांसद रूहुल्लाह मेहदी ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से राज्यसभा चुनाव में पार्टी के खिलाफ वोट देने वाले विधायकों के नाम सार्वजनिक करने की मांग की है। मेहदी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि किसने किसे वोट दिया या क्रॉस-वोटिंग की।
मुख्यमंत्री का कहना है कि जनता को जानना चाहिए
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें उन विधायकों के नाम पता हैं जिन्होंने पार्टी को धोखा देकर बीजेपी को वोट दिया। उन्होंने कहा कि यह कोई निजी मामला नहीं है और यह जनता के लिए जानना जरूरी है कि एक विधायक अपने वोट के साथ क्या करता है। इसके पीछे का कारण यह है कि इससे जनता को विश्वास और पारदर्शिता मिलती है।
सांसद रूहुल्लाह मेहदी का तर्क
सांसद मेहदी ने कहा कि मुख्यमंत्री को नाम लेना चाहिए क्योंकि यह व्यक्तिगत मामला नहीं है, बल्कि सार्वजनिक मामला है। अगर किसी विधायक ने जनादेश और जनता के विश्वास के खिलाफ वोट किया है, तो उसका नाम सार्वजनिक होना चाहिए। मेहदी ने कहा कि जब तक यह नहीं होगा, सभी विधायक संदेह के घेरे में रहेंगे।
वोट मांगने का वादा और जनादेश
सांसद मेहदी ने सवाल उठाया कि अगर मुख्यमंत्री को लड़ना ही नहीं था, तो वोट मांगते समय यह वादा क्यों किया गया। उन्होंने कहा कि जनता ने विधायक को किसी दूसरे पर निर्भर नहीं बनाया। अगर सत्ताधारी दल ने चुनाव के पहले की तरह ही दूसरों पर निर्भर होना शुरू कर दिया, तो जनता सवाल उठाएगी।
जनता का संदेश
मेहदी ने स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर के लोग किसी पार्टी पर निर्भर नहीं हैं। वे अपने अस्तित्व की लड़ाई के लिए विकल्प तलाशेंगे। अगर किसी पार्टी को यह भ्रम है कि सब कुछ उसके इर्द-गिर्द घूमता है, तो ऐसा नहीं है। जनता ने जनादेश दिया है और उसे सम्मान देना चाहिए। अगर ऐसा होता, तो आज यह विवाद सामने नहीं आता।



