यशस्वी जायसवाल वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच की पहली पारी में दोहरा शतक पूरा करने से चूक गए। वह 175 रन बनाकर रन आउट हो गए और पवेलियन लौटे। उनके रन आउट होने के बाद सोशल मीडिया पर चर्चा शुरू हो गई और सब गिल को इस स्थिति का जिम्मेदार मानने लगे।
दूसरे और आखिरी टेस्ट के दूसरे दिन के पहले सेशन में 92वें ओवर की दूसरी गेंद पर जायसवाल ने जायडेन सील्स की फुल लेंथ गेंद को मिड-ऑफ की ओर ड्राइव किया। रन लेने के लिए वह तुरंत दौड़ पड़े, लेकिन नॉन स्ट्राइकर पर खड़े गिल को इस दौड़ में कोई दिलचस्पी नहीं थी, जिससे रन आउट हो गए।
यशस्वी जायसवाल दोहरा शतक पूरा करने के बेहद करीब थे, लेकिन एक रन लेने के चक्कर में रन आउट होकर पवेलियन लौट गए। इस विकेट के बाद फैन्स ने गिल को इसका जिम्मेदार मानना शुरू कर दिया। हालांकि, कमेंट्री कर रहे पूर्व भारतीय क्रिकेटरों ने साफ कर दिया कि इसमें गिल की कोई गलती नहीं थी।
कुंबले ने बताया जायसवाल जिम्मेदार
दिग्गज स्पिनर अनिल कुंबले ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि जायसवाल इस तरह आउट होंगे। कुंबले ने बताया कि जायसवाल ने एक शानदार शॉट खेला और उन्हें लगा कि गेंद फील्डर को मिस कर जाएगी। इसके चलते वह रन लेने के लिए भागे। कुंबले के मुताबिक, जायसवाल ने कॉल किया होगा, लेकिन वह गिल तक नहीं पहुंची। इस स्थिति में गलती जायसवाल की थी।
पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने भी कहा कि जो रन आउट होता है, गलती उसी की होती है और उसे इसका परिणाम भुगतना पड़ता है। उन्होंने कहा कि टेस्ट क्रिकेट में यह दोबारा हो चुका है और यह अच्छी बात नहीं है कि केवल एक रन लेने के चक्कर में खिलाड़ी अपनी विकेट गंवा दें।
बना दिया अनोखा रिकॉर्ड
यशस्वी जायसवाल इस रन आउट के साथ भारत के लिए सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर पर रन-आउट होने वाले तीसरे खिलाड़ी बन गए हैं। इस अनचाही लिस्ट में शीर्ष पर हैं संजय मांजरेकर, जो साल 1989 में पाकिस्तान के खिलाफ लाहौर में 218 रन पर रन आउट हुए थे। दूसरे स्थान पर हैं राहुल द्रविड़, जो साल 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ 217 रन पर आउट हुए थे। वहीं, द्रविड़ तीसरे पायदान पर भी हैं, जो साल 2001 में कोलकाता टेस्ट के दौरान ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 180 रन पर रन आउट हुए थे।


