
आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण से युवाओं में जागरूकता, युद्धकालीन सुरक्षा पर फोकस
कॉलेज में हुआ विशेष प्रशिक्षण, युद्धकालीन आपात स्थिति पर फोकस
सिरसा: आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण के तहत शाह सतनाम जी बॉयज़ कॉलेज में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन जिले के उपायुक्त के निर्देश पर किया गया, जिसमें एनसीसी कैडेट्स और कॉलेज के विद्यार्थियों ने भाग लिया। प्रशिक्षण का उद्देश्य युद्धकालीन आपात परिस्थितियों से निपटने की मानसिक और शारीरिक तैयारी कराना था। सिरसा आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण में युवाओं को यह बताया गया कि किस प्रकार हवाई हमले, रासायनिक गैस रिसाव या बम धमाके जैसी स्थितियों में घबराए बिना सुरक्षित रहना चाहिए।
बचाव के उपायों की मिली जानकारी
तीन हरियाणा बटालियन हिसार से आए पीआई स्टाफ ने विद्यार्थियों को विभिन्न हमलों की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया देने के उपायों की जानकारी दी। सिरसा आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण के दौरान छात्रों को यह सिखाया गया कि वे खतरे की स्थिति में सुरक्षित स्थान की पहचान कैसे करें, घायलों को प्राथमिक उपचार कैसे दें और किस प्रकार मिलकर सामूहिक रूप से संकट का सामना करें। उन्होंने यह भी बताया कि सामूहिक सहयोग और शांत मन से कार्य करना ही विपरीत परिस्थितियों में सबसे कारगर तरीका होता है।


मॉक ड्रिल की तैयारी से जुड़ी जानकारी
कॉलेज प्रशासन ने जानकारी दी कि आगामी मंगलवार को जिला प्रशासन द्वारा एक मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। यह मॉक ड्रिल सिरसा आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण का ही हिस्सा होगी, जिसमें जिले के विभिन्न संस्थानों, प्रशासनिक अधिकारियों और सुरक्षा बलों की सहभागिता रहेगी। इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य वास्तविक आपात स्थिति में लोगों की प्रतिक्रिया को परखना और आवश्यक सुधार करना है। ऐसे प्रयासों से आम जनता को भी यह सीखने का मौका मिलता है कि किसी भी आपदा के दौरान क्या करना चाहिए और कैसे खुद को सुरक्षित रखा जा सकता है।
कॉलेज प्रशासन और शिक्षकों ने की सराहना
कॉलेज के प्राचार्य ने सिरसा आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि यह विद्यार्थियों के आत्मविश्वास को मजबूत करता है और उनमें देश के प्रति जिम्मेदारी की भावना को भी बढ़ावा देता है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण विद्यार्थियों को न सिर्फ एक अच्छा नागरिक बनाते हैं, बल्कि आपदा के समय समाज की सहायता करने के लिए भी तैयार करते हैं। इस अवसर पर सीटीओ संदीप कुमार, डॉ. अनिल कुमार, डॉ. बाबुलाल, डॉ. सुमित सिंगला, अशोक कुमार और बसदत्त इंसा सहित अन्य प्रोफेसर मौजूद रहे।
आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण की ज़रूरत क्यों?
आज के समय में जब देश को आंतरिक और बाहरी खतरों का सामना करना पड़ रहा है, तब सिरसा आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण जैसी पहलें बेहद जरूरी हो जाती हैं। यह प्रशिक्षण न केवल छात्रों में आत्मनिर्भरता पैदा करता है, बल्कि उन्हें समाज के लिए उपयोगी बनाता है। सिरसा आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण जैसे प्रयासों से यह संदेश भी जाता है कि सरकार और संस्थान युवाओं को हर परिस्थिति के लिए तैयार करना चाहते हैं।
सामाजिक और राष्ट्रीय जिम्मेदारी की भावना
सिरसा आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण से स्पष्ट होता है कि अब केवल एनसीसी या होमगार्ड ही नहीं, बल्कि आम नागरिकों को भी देश की सुरक्षा में सक्रिय भूमिका निभानी होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में कहा था कि हर नागरिक को आपदा की स्थिति में अपनी भूमिका समझनी चाहिए और सुरक्षा एजेंसियों का सहयोग करना चाहिए। यह बात सिरसा में हुए इस प्रशिक्षण के दौरान भी देखने को मिली।
युवाओं का आत्मविश्वास बढ़ा
इस प्रशिक्षण से छात्रों को यह आत्मविश्वास मिला कि वे कठिन परिस्थितियों का सामना कर सकते हैं। सिरसा आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण ने उन्हें सिखाया कि बिना घबराए, योजना के साथ संकट से निपटा जा सकता है। यह प्रशिक्षण न केवल जानकारी आधारित था बल्कि व्यावहारिक भी था, जिससे छात्रों को प्रत्यक्ष अनुभव मिला। कॉलेज परिसर में आयोजित इस प्रशिक्षण ने सिद्ध कर दिया कि यदि सही मार्गदर्शन मिले तो युवा किसी भी संकट की स्थिति में देश के काम आ सकते हैं।
सिरसा आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण बना उदाहरण
सिरसा आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण अब दूसरे संस्थानों के लिए भी एक उदाहरण बन सकता है। यदि देश भर के कॉलेज और स्कूल इस प्रकार के प्रशिक्षण को अपनाएं, तो युवाओं में सुरक्षा के प्रति गंभीरता बढ़ेगी और देश को भविष्य में अधिक सक्षम नागरिक मिलेंगे। इस प्रशिक्षण ने स्पष्ट कर दिया है कि जागरूक नागरिक ही सुरक्षित राष्ट्र का आधार होते हैं।

