
Namaz controversy: आज रमजान के महीने की आखिरी शुक्रवार को नमाज को लेकर देश की राजनीति में एक नया विवाद शुरू हो गया है। BJP के विधायकों द्वारा सड़क पर नमाज अदा करने को लेकर कार्रवाई की मांग के बाद, समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। इकरा हसन ने कहा, “2014 से यह सरकार सिर्फ नफरत फैला रही है। जब पूरे देश में ‘सौगात-ए- मोदी’ की चर्चा हो रही है, तो मुसलमानों के लिए सबसे बड़ी सौगात यह होगी कि उन्हें उनके अधिकार दिए जाएं। हमारे बुजुर्गों का खून इस धरती में मिला है और हम कहीं नहीं जाएंगे। सरकारें आती-जाती रहती हैं, आज उनकी तानाशाही चल रही है, लेकिन यह हमेशा नहीं चलेगी।”
इकरा हसन ने वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा काले बैंड पहनकर विरोध की अपील का भी समर्थन किया। उन्होंने कहा, “मुझे खुशी है कि सरकार से जुड़े कुछ लोग इस बारे में समझ रखते हुए आगे आ रहे हैं और इसके खिलाफ बोल रहे हैं। उम्मीद है कि सरकार इसे समझेगी और इस तानाशाही आदेश को वापस लेगी।”
कैराना से सांसद इकरा हसन ने सड़क पर नमाज को लेकर सरकार और प्रशासन पर जोरदार हमला किया। उन्होंने कहा, “अगर ईद पर सिर्फ 10 मिनट की नमाज अदा की जा रही है, तो इससे किसी को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए, लेकिन सरकार सिर्फ मुसलमानों को निशाना बना रही है।” उन्होंने सम्भल के सीओ के बयान पर भी सवाल उठाए और कहा कि 2027 में उत्तर प्रदेश की जनता यूपी सरकार की तानाशाही का जवाब देगी।
इस बीच, फैजाबाद से समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने भी नमाज विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “आज की नमाज विदाई नमाज है, जो ईद से पहले होती है। इसमें लोग शांति, भाईचारे और समृद्धि की दुआ करते हैं और यह एक परंपरा है।”