
Delhi Assembly Election में आम आदमी पार्टी (AAP) की हार के बाद पार्टी और इसके नेताओं की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। अब एक और बड़ा विवाद खड़ा हो गया है, जिसमें AAP नेताओं पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायकों को 15 करोड़ रुपये की पेशकश कर मंत्री बनाने का आरोप लगा है। इस मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) जल्द ही बड़ी कार्रवाई कर सकता है। ACB, AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल और राज्यसभा सांसद संजय सिंह के खिलाफ शिकंजा कसने की तैयारी में है। इसके लिए ACB जल्द ही दिल्ली पुलिस को पत्र लिखेगा।
ACB ने भेजा नोटिस, अब तक नहीं मिला जवाब
सूत्रों के मुताबिक, ACB द्वारा भेजे गए नोटिस का कोई जवाब नहीं मिला है। अगर आम आदमी पार्टी की ओर से इस नोटिस का जवाब नहीं दिया जाता, तो ACB दिल्ली पुलिस को पत्र लिखकर इन नेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की सिफारिश करेगा।
इस मामले में BJP ने भी आम आदमी पार्टी के नेताओं के खिलाफ आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज कराई है।
7 फरवरी को ACB ने केजरीवाल के घर की जांच की
इससे पहले, 7 फरवरी 2025 को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की टीम दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, राज्यसभा सांसद संजय सिंह और आप नेता मुकेश अहलावत के घर जांच के लिए पहुंची थी।
- ACB की टीम ने करीब डेढ़ घंटे तक केजरीवाल के घर पर जांच की।
- टीम ने वहां कानूनी नोटिस सौंपा और फिर रवाना हो गई।
AAP ने BJP पर लगाया था 15 करोड़ रुपये की खरीद-फरोख्त का आरोप
AAP की ओर से दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों से एक दिन पहले गंभीर आरोप लगाए गए थे।
- अरविंद केजरीवाल ने BJP पर आरोप लगाया था कि उनकी पार्टी के उम्मीदवारों और विधायकों को 15 करोड़ रुपये देने की पेशकश की जा रही है।
- उन्होंने कहा था कि BJP नेता फोन कर AAP विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रहे हैं।
BJP ने की शिकायत, दिल्ली LG ने दिए जांच के आदेश
AAP के इन आरोपों के बाद, बीजेपी ने इसे गंभीरता से लिया और तत्काल कार्रवाई की मांग की।
- BJP ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना (LG VK Saxena) को पत्र लिखकर आरोपों की जांच कराने की मांग की।
- इसके बाद LG ने मामले की जांच का जिम्मा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) को सौंप दिया।
ACB की जांच में क्या निकल सकता है?
अब यह देखना होगा कि ACB की जांच में क्या सामने आता है। अगर AAP के आरोपों के समर्थन में कोई ठोस सबूत नहीं मिलता है, तो पार्टी और इसके नेताओं को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
- अगर AAP अपने दावों को साबित नहीं कर पाई, तो BJP द्वारा दायर आपराधिक मानहानि केस में मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
- ACB की रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली पुलिस कार्रवाई कर सकती है।
क्या हो सकते हैं कानूनी विकल्प?
अगर ACB की जांच में आम आदमी पार्टी के आरोप बेबुनियाद साबित होते हैं, तो इन पर कई तरह की कानूनी कार्रवाई हो सकती है—
- आपराधिक मानहानि केस: BJP पहले ही इस मामले में केस दर्ज कर चुकी है। अगर AAP के आरोप झूठे साबित होते हैं, तो AAP नेताओं पर मानहानि का मुकदमा चल सकता है।
- आचार संहिता का उल्लंघन: चुनाव के दौरान बिना प्रमाण के किसी भी दल पर गंभीर आरोप लगाना चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन माना जा सकता है।
- फर्जी आरोपों पर कानूनी कार्रवाई: अगर साबित हुआ कि AAP ने चुनावी फायदे के लिए यह झूठे आरोप लगाए थे, तो यह IPC की कई धाराओं के तहत अपराध हो सकता है।
BJP का पलटवार: ‘AAP अपनी हार छिपाने के लिए आरोप लगा रही है’
BJP नेताओं ने AAP के इन आरोपों को पूरी तरह से बेबुनियाद और राजनीति से प्रेरित बताया है।
- BJP प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, “AAP अपनी हार को छिपाने के लिए झूठे आरोप लगा रही है। जब चुनाव में जनता ने नकार दिया, तो अब BJP पर आरोप लगाने का खेल खेला जा रहा है।”
- दिल्ली BJP अध्यक्ष विरेंद्र सचदेवा ने कहा, “अगर केजरीवाल के पास कोई सबूत है, तो वे अदालत में पेश करें, नहीं तो कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहें।”
AAP का बचाव: ‘हमारे पास पुख्ता सबूत’
वहीं, आम आदमी पार्टी ने इन आरोपों पर कायम रहने की बात कही है।
- AAP सांसद संजय सिंह ने कहा, “हमारे पास सबूत हैं कि BJP ने हमारे उम्मीदवारों को पैसे देने की कोशिश की। हम अदालत में भी इसका खुलासा करेंगे।”
- AAP प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा, “BJP के कई नेताओं के फोन रिकॉर्ड और मैसेज हमारे पास हैं। हम जांच के लिए तैयार हैं।”
क्या होगा AAP के लिए आगे का रास्ता?
अगर AAP इन आरोपों को सही साबित करने में सफल रही, तो BJP के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है। लेकिन अगर AAP झूठे दावे करती पाई गई, तो—
- पार्टी की छवि को नुकसान होगा।
- AAP नेताओं को कानूनी लड़ाई लड़नी होगी।
- भविष्य में चुनाव आयोग भी सख्त कदम उठा सकता है।
दिल्ली चुनाव में हार के बाद आम आदमी पार्टी की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। ACB की जांच में अगर कोई ठोस सबूत नहीं मिला, तो अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह पर कानूनी शिकंजा कस सकता है। अब सभी की नजरें ACB की रिपोर्ट पर टिकी हैं, जो इस मामले की सच्चाई उजागर करेगी।
देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में यह मामला किस दिशा में जाता है—क्या AAP अपने आरोपों को साबित कर पाएगी या फिर उसे खुद कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा?
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