
PM Narendra Modi ने सोमवार को फ्रांस की राजधानी पेरिस में तीन दिवसीय यात्रा के लिए कदम रखा। इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ ‘ए.आई. एक्शन समिट’ की सह-अध्यक्षता करेंगे और उनसे द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। इस वार्ता को लेकर काफ़ी उम्मीदें जताई जा रही हैं, क्योंकि इसमें भारतीय वायुसेना के लिए नए लड़ाकू विमानों की खरीद और फ्रांस के सहयोग से भारत में छोटे परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे को भारत और फ्रांस के संबंधों को और मजबूत करने के तौर पर देखा जा रहा है, साथ ही यह दोनों देशों के बीच रक्षा, ऊर्जा और विज्ञान के क्षेत्र में नई साझेदारियों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।

प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा की विशेषताएँ
प्रधानमंत्री मोदी के इस तीन दिवसीय दौरे का मुख्य उद्देश्य ‘ए.आई. एक्शन समिट’ में भाग लेना है, जहां वह राष्ट्रपति मैक्रों के साथ कृत्रिम बुद्धिमत्ता (ए.आई.) के वैश्विक पहलुओं पर चर्चा करेंगे। इस समिट का उद्देश्य दुनिया भर में ए.आई. के विकास, इसके उपयोग और इसके संभावित खतरों पर ध्यान केंद्रित करना है।

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों के बीच द्विपक्षीय वार्ता में भारतीय वायुसेना के लिए नए लड़ाकू विमानों की खरीद और फ्रांस के सहयोग से भारत में छोटे परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के निर्माण पर महत्वपूर्ण चर्चाएँ हो सकती हैं। इस चर्चा के बाद, दोनों देशों के रक्षा और ऊर्जा क्षेत्र में नई साझेदारियों की संभावना बढ़ सकती है।
PM @narendramodi interacts with President @EmmanuelMacron and USA @VP @JDVance in Paris. pic.twitter.com/FFBLCRvRoM
— PMO India (@PMOIndia) February 10, 2025
फ्रांस में आयोजित हुआ VVIP डिनर
सोमवार की रात, फ्रांसीसी सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी के सम्मान में प्रसिद्ध एलिसी पैलेस में एक VVIP डिनर का आयोजन किया। इस डिनर में फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और अन्य देशों के नेताओं ने भाग लिया। यह डिनर प्रधानमंत्री मोदी के फ्रांस दौरे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, जो दोनों देशों के नेताओं के बीच मित्रता और साझेदारी को और मजबूत करने का एक अवसर था।
यात्रा का कार्यक्रम: ए.आई. समिट से लेकर युद्ध स्मारक तक
प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों के साथ ए.आई. एक्शन समिट की सह-अध्यक्षता करेंगे। इस समिट का उद्देश्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देना और इसके संभावित खतरे तथा लाभ पर गंभीर चर्चा करना है। समिट के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों के नेतृत्व में विभिन्न देशों के प्रतिनिधि इस क्षेत्र के भविष्य को लेकर विचार-विमर्श करेंगे। इसके बाद, दोनों नेता ‘इंडिया-फ्रांस सीईओ फोरम’ को संबोधित करेंगे, जिसमें भारत और फ्रांस के व्यापारिक और निवेश संबंधों को मजबूती देने के उपायों पर चर्चा होगी।
बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों माजरग्स युद्ध स्मारक पर भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे, जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध में अपने प्राणों की आहुति दी थी। यह श्रद्धांजलि समारोह भारतीय सैनिकों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता को व्यक्त करने का एक महत्वपूर्ण अवसर होगा, क्योंकि भारत ने प्रथम विश्व युद्ध में बड़ी संख्या में सैनिकों को फ्रांस में भेजा था, जो कि उनकी वीरता का प्रतीक है।
इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी भारत के नए कांसुलेट जनरल का उद्घाटन करेंगे, जो मार्सेली में स्थित है। यह कांसुलेट जनरल भारत और फ्रांस के बीच कूटनीतिक और व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
ITER प्रोजेक्ट का दौरा: विज्ञान और ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों के यात्रा कार्यक्रम में एक और अहम स्थल है कदाराचे, जहां इंटरनेशनल थर्मोन्यूक्लियर एक्सपेरिमेंटल रिएक्टर (ITER) का निर्माण हो रहा है। ITER एक उच्च विज्ञान परियोजना है, जो ऊर्जा के क्षेत्र में नई क्रांति ला सकती है। इस परियोजना का उद्देश्य परमाणु संलयन ऊर्जा से बिजली उत्पादन करना है, जो कि भविष्य के ऊर्जा संकट का समाधान हो सकता है। भारत ITER प्रोजेक्ट में फ्रांस के साथ मिलकर काम कर रहा है, और इस दौरे से दोनों देशों के बीच ऊर्जा क्षेत्र में और अधिक सहयोग की संभावना है।
प्रधानमंत्री मोदी का फ्रांस दौरा: एक नई दिशा में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह फ्रांस दौरा भारत और फ्रांस के बीच द्विपक्षीय संबंधों को एक नई दिशा देने के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने का अवसर प्रदान करता है। विशेष रूप से रक्षा, ऊर्जा और विज्ञान के क्षेत्र में भारत और फ्रांस के बीच साझेदारी को नया मुकाम मिल सकता है। इस दौरे से दोनों देशों के बीच न केवल कूटनीतिक संबंध मजबूत होंगे, बल्कि व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी नए अवसर उत्पन्न होंगे।
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा न केवल भारत और फ्रांस के बीच कूटनीतिक रिश्तों को मजबूत करेगा, बल्कि दोनों देशों के बीच आर्थिक और ऊर्जा संबंधों को भी नई ऊँचाइयों पर पहुंचाने का मौका मिलेगा।

