
Pawan Kalyan: आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने महिलाओं के साथ उत्पीड़न और बदसलूकी के खिलाफ कड़ी चेतावनी जारी की है। पिथापुरम विधानसभा क्षेत्र में एक कार्यक्रम के दौरान उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर जोर दिया। उन्होंने समाज में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख करते हुए उन लोगों की कड़ी निंदा की, जो महिलाओं के साथ गलत व्यवहार को बहादुरी का प्रतीक मानते हैं।
1. महिलाओं के साथ बुरा व्यवहार बहादुरी नहीं है: पवन कल्याण

पवन कल्याण ने कहा, “महिलाओं के साथ बुरा व्यवहार करने से आप पुरुष नहीं बन जाते। अगर आप अपनी मर्दानगी साबित करना चाहते हैं, तो जिमनास्टिक्स में हिस्सा लें, सेना में भर्ती हो और देश की सेवा करें। महिलाओं का उत्पीड़न ताकत का प्रदर्शन नहीं है। हम इस सोच को खत्म करेंगे… यह मेरी चेतावनी है।” उन्होंने दुनिया भर में महिलाओं की भूमिका का भी उल्लेख किया और कहा, “हर घर में एक महिला होती है। उनके बिना सृष्टि की कल्पना भी नहीं की जा सकती।”

2. पवन कल्याण ने अपराधियों को दी कड़ी चेतावनी
उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने अपराधियों को स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि महिलाओं के साथ बुरा व्यवहार करने का कोई भी प्रयास नहीं किया जाए। उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति महिलाओं के प्रति अपराध करेगा, तो उसे कड़ी सजा मिलेगी। उनका यह बयान महिलाओं के खिलाफ अपराधों को लेकर सरकार की शून्य सहनशीलता की नीति को स्पष्ट करता है। पवन कल्याण ने इस मुद्दे पर सख्ती से बात की और कहा कि वह महिलाओं के खिलाफ किसी भी प्रकार के अपराध को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
3. पिथापुरम में महिलाओं के खिलाफ उत्पीड़न न होने की दी पुलिस को निर्देश
अपने संबोधन के दौरान पवन कल्याण ने राज्य पुलिस को महिलाओं के खिलाफ उत्पीड़न के मामलों में सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा, “यह मेरी पुलिस को निर्देश है कि मैं पिथापुरम में अब और कभी महिलाओं के खिलाफ उत्पीड़न की बात नहीं सुनना चाहता हूं।” पवन कल्याण ने कहा कि अगर वह महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित नहीं कर सकते हैं, तो उनके उपमुख्यमंत्री पद का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में पुलिस को सजग और सक्रिय रहने की सलाह दी।
4. पवन कल्याण की कानून व्यवस्था पर शून्य सहनशीलता नीति
पवन कल्याण ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कदमों पर चलते हुए कानून और व्यवस्था को लेकर अपनी शून्य सहनशीलता नीति का पालन करने का वादा किया है। उन्होंने कहा कि राज्य में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पवन कल्याण ने हाल ही में अपने ही सरकार के गृह मंत्री से भी नाराजगी जाहिर की थी।
5. तिरुपति और कडप्पा में दुष्कर्म घटनाओं पर पवन कल्याण का गुस्सा
पवन कल्याण ने तिरुपति और कडप्पा में हाल ही में हुई दुष्कर्म घटनाओं पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने इन घटनाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने गृह मंत्री अनिता को निर्देश दिया कि वह इन मामलों में और सक्रिय हों और इस तरह की घटनाओं को फिर से न होने दें। पवन कल्याण ने कहा कि अगर ऐसी स्थिति पैदा हुई, तो उन्हें गृह मंत्री का कार्यभार भी संभालना पड़ेगा।
6. महिला सुरक्षा को लेकर पवन कल्याण की पहल
पवन कल्याण ने महिलाओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि महिलाओं का उत्पीड़न समाज के लिए एक गंभीर अपराध है और इसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। पवन कल्याण ने महिलाओं के प्रति सम्मान और सुरक्षा की आवश्यकता को समझते हुए, राज्य में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने का वादा किया है।
7. पुलिस को किया गया सतर्क और सक्रिय रहने का निर्देश
पवन कल्याण ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों में संलिप्त अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए पुलिस को सतर्क और सक्रिय रहने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि अब राज्य में महिलाओं के खिलाफ उत्पीड़न के मामलों को सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने राज्य के गृह विभाग को भी इस पर ध्यान देने के लिए कहा।
8. पवन कल्याण के बयान से महिलाओं में उम्मीद
पवन कल्याण के इस कड़े बयान से महिलाओं में उम्मीद जगी है। उनके बयान से यह साफ है कि आंध्र प्रदेश सरकार महिलाओं के खिलाफ किसी भी प्रकार के अपराध को बर्दाश्त नहीं करेगी। पवन कल्याण ने अपने संबोधन में यह भी स्पष्ट किया कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में पुलिस को सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए और ऐसे अपराधों में शामिल अपराधियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
पवन कल्याण का यह बयान महिलाओं के अधिकारों और उनकी सुरक्षा की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। उनके इस कड़े और स्पष्ट संदेश से यह साफ हो जाता है कि आंध्र प्रदेश सरकार महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों को गंभीरता से लेगी और इन पर सख्त कार्रवाई करेगी। पवन कल्याण की यह पहल समाज में महिलाओं के प्रति सम्मान और सुरक्षा की आवश्यकता को प्रमुखता से उठाती है और इस मुद्दे पर एक सकारात्मक बदलाव की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकती है।

