Google 15 जनवरी से अपनी नीति में बदलाव करेगा, वित्तीय धोखाधड़ी से मिलेगी राहत

Google, दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी, ने 15 जनवरी से अपनी विज्ञापन नीति में बदलाव करने का निर्णय लिया है। यह बदलाव खास तौर पर क्रिप्टो क्षेत्र में हो रहे वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने के लिए किया जा रहा है। इस कदम का मुख्य उद्देश्य क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े धोखाधड़ी के मामलों को रोकना और इससे संबंधित शिकायतों को हल करना है। गूगल द्वारा लिया गया यह निर्णय ब्रिटेन के क्रिप्टो विज्ञापन नियमों के पालन के लिए एक बड़ा कदम है। ब्रिटेन में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी कई शिकायतें सामने आई थीं, जिनके मद्देनजर अधिकारियों ने इसे नियंत्रित करने के लिए नियमों का गठन किया था।
15 जनवरी को नीति में होने वाले बदलाव
गूगल की नई नीति के तहत, अब क्रिप्टो प्लेटफार्मों के विज्ञापन पहले ब्रिटेन के वित्तीय आचार समिति (FCA) के सामने दिखाए जाएंगे, ताकि उन्हें अपनी लाइसेंस की स्थिति बनाए रखने की अनुमति मिल सके। गूगल ने अपनी सपोर्ट पेज पर इस नीति परिवर्तन का उल्लेख किया है। इसके अनुसार, गूगल अब केवल उन विज्ञापनों को अनुमति देगा जो हार्डवेयर वॉलेट्स से संबंधित होंगे, जो क्रिप्टोकरेंसी के प्राइवेट कीज़ को सुरक्षित रखते हैं और इसमें NFTs या अन्य क्रिप्टो-आधारित संपत्तियाँ हो सकती हैं। लेकिन कंपनी किसी भी अतिरिक्त सेवा को बढ़ावा नहीं देगी, जो क्रिप्टो खरीदने, बेचने, एक्सचेंज करने या ट्रेडिंग से संबंधित हो।


क्रिप्टो कंपनियों को नई नीति का पालन करना होगा
गूगल ने स्पष्ट किया है कि जो क्रिप्टो कंपनियाँ इस नई नीति का उल्लंघन करेंगी, उनके खातों को तुरंत निलंबित नहीं किया जाएगा। यदि कोई क्रिप्टो कंपनी बिना FCA रजिस्ट्रेशन के विज्ञापन देती है, तो पहले उसे एक नोटिफिकेशन भेजा जाएगा और 7 दिन का समय दिया जाएगा ताकि वह रजिस्ट्रेशन करा सके। यदि वह निर्धारित समय सीमा के भीतर रजिस्ट्रेशन नहीं कराती है, तो उसका खाता निलंबित कर दिया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि केवल वैध और रजिस्टर्ड क्रिप्टो कंपनियाँ ही गूगल के प्लेटफार्मों पर विज्ञापन दे सकेंगी।
2023 में हुई नीति में बदलाव
ब्रिटेन के अधिकारियों ने पिछले दो वर्षों से उन कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की योजना बनाई थी, जो बिना प्रमाणित क्रिप्टो सेवाओं के माध्यम से निवेशकों को धोखा दे रही थीं। जून 2023 में, ब्रिटेन की FCA ने क्रिप्टो विज्ञापनों को मंजूरी दी थी, लेकिन इसके साथ ही यह निर्देश भी दिया था कि इन विज्ञापनों में क्रिप्टोकरेंसी के जोखिमों और झूठी वादों के बारे में चेतावनियाँ दी जानी चाहिए। इसके अलावा, ब्रिटेन के अधिकारियों ने क्रिप्टो प्लेटफार्मों से यह भी कहा था कि वे बोनस के रूप में रेफरल के माध्यम से प्रमोशन्स को रोकें, जो निवेशकों को धोखा देने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे थे।
ब्रिटेन का क्रिप्टो विज्ञापन नियम
ब्रिटेन सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े धोखाधड़ी के मामलों को गंभीरता से लिया है। क्रिप्टो प्लेटफार्मों के विज्ञापन में छिपे जोखिमों को लेकर बहुत सारी शिकायतें आई थीं, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान हो रहा था। इन शिकायतों के आधार पर FCA ने क्रिप्टो विज्ञापनों पर सख्ती बरतने का फैसला किया है। गूगल ने इस नीति का पालन करते हुए अपने प्लेटफार्मों पर क्रिप्टो से जुड़े विज्ञापनों को नियंत्रित करने का निर्णय लिया है। यह बदलाव इस बात को सुनिश्चित करेगा कि केवल वैध और प्रमाणित क्रिप्टो कंपनियाँ ही विज्ञापन दे सकें।
गूगल का कदम और निवेशकों की सुरक्षा
गूगल का यह कदम निवेशकों को वित्तीय धोखाधड़ी से बचाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। क्रिप्टोकरेंसी के प्रचार में धोखाधड़ी की कई घटनाएँ सामने आई थीं, जिसमें निवेशकों को अवास्तविक लाभ और उच्च जोखिम का लालच देकर उन्हें अपने निवेश के लिए प्रेरित किया गया। गूगल के नए नीति बदलाव से इन धोखाधड़ी मामलों को रोकने में मदद मिलेगी। अब, केवल उन क्रिप्टो कंपनियों को ही प्रचार करने की अनुमति होगी जो एफसीए के द्वारा रजिस्टर्ड हैं और जिन्होंने अपने प्लेटफॉर्म पर निवेशकों को सुरक्षित बनाने के लिए उचित कदम उठाए हैं।
गूगल द्वारा की जा रही नीति में यह बदलाव क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी धोखाधड़ी से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कदम ब्रिटेन के नियामक नियमों के पालन के लिए उठाया जा रहा है और इसके माध्यम से निवेशकों को बेहतर सुरक्षा मिलेगी। गूगल के इस निर्णय से क्रिप्टो विज्ञापन को एक नई दिशा मिलेगी, जिसमें केवल प्रमाणित और भरोसेमंद कंपनियाँ ही अपने उत्पादों का प्रचार कर सकेंगी। इस नीति में बदलाव से क्रिप्टो उद्योग में पारदर्शिता और सुरक्षा बढ़ेगी, जो निवेशकों के लिए फायदेमंद साबित होगा।

