
Dr. Manmohan Singh passed away: देश के प्रमुख नेता और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन गुरुवार रात हुआ, जिससे पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। उनके निधन के बाद, कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। राहुल गांधी ने लिखा कि डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से उन्होंने अपना मार्गदर्शक खो दिया है। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि लाखों लोग जो उनके प्रशंसक थे, उन्हें गर्व के साथ याद करेंगे।
राहुल गांधी ने दी श्रद्धांजलि:
राहुल गांधी ने डॉ. मनमोहन सिंह के बारे में कहा कि उन्होंने भारत को बड़ी समझदारी और ईमानदारी से नेतृत्व दिया। उनका विनम्रता और आर्थिक मामलों की गहरी समझ ने पूरे देश को प्रेरित किया। राहुल गांधी ने उनकी पत्नी कौर साहिबा और परिवार के अन्य सदस्यों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त की। उन्होंने लिखा कि “मेरे दिल की गहरी संवेदनाएं श्रीमती कौर और उनके परिवार के साथ हैं।”

Manmohan Singh Ji led India with immense wisdom and integrity. His humility and deep understanding of economics inspired the nation.
My heartfelt condolences to Mrs. Kaur and the family.
I have lost a mentor and guide. Millions of us who admired him will remember him with the… pic.twitter.com/bYT5o1ZN2R
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 26, 2024

कांग्रेस ने बैठक रद्द की:
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के कारण कांग्रेस पार्टी ने कर्नाटका के बेलगांव में होने वाली कांग्रेस कमेटी की बैठक रद्द कर दी। कर्नाटका के उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने गुरुवार को यह जानकारी दी और कहा कि कांग्रेस का यह सत्र अब नहीं होगा। यह निर्णय डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के कारण लिया गया।
मनमोहन सिंह का दक्षिण दिल्ली से चुनावी इतिहास:
डॉ. मनमोहन सिंह ने अपनी राजनीति की शुरुआत में दक्षिण दिल्ली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया। दक्षिण दिल्ली में मुस्लिम और सिखों की आबादी लगभग 50 प्रतिशत थी, और उन्हें लगा कि यह सीट उनके लिए सबसे उपयुक्त होगी। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस सीट से अपने वरिष्ठ नेता वी. के. मल्होत्रा को चुनावी मैदान में उतारा। मल्होत्रा का राष्ट्रीय स्तर पर इतना बड़ा नाम नहीं था, जबकि डॉ. मनमोहन सिंह एक बड़े आर्थिक विशेषज्ञ और प्रधानमंत्री के रूप में प्रसिद्ध थे।
हालांकि, डॉ. मनमोहन सिंह इस चुनाव में 30,000 वोटों से हार गए थे। भाजपा के विजय मल्होत्रा को 2,61,230 वोट मिले थे, जबकि डॉ. मनमोहन सिंह को 2,31,231 वोट मिले थे। यह हार डॉ. मनमोहन सिंह के लिए एक झटका थी। उन्होंने महसूस किया कि उनका चुनावी करियर शायद यहीं समाप्त हो गया है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। डॉ. मनमोहन सिंह ने अपनी राज्यसभा सीट पर बने रहने का निर्णय लिया, और इसके बाद भी उन्होंने देश की सेवा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शोक संदेश:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया। प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि “भारत अपने सबसे सम्मानित नेताओं में से एक डॉ. मनमोहन सिंह जी के निधन पर शोक मना रहा है।” पीएम मोदी ने उनके योगदान और भारतीय राजनीति में उनके प्रभाव को याद करते हुए कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह ने देश की तरक्की में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
डॉ. मनमोहन सिंह की अर्थव्यवस्था की गहरी समझ और उनके द्वारा किए गए सुधारों ने भारत को वैश्विक मंच पर एक मजबूत स्थिति दिलाई। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह एक ऐसे नेता थे जिन्होंने अपनी विनम्रता और ईमानदारी से भारतीय राजनीति को एक नई दिशा दी।
India mourns the loss of one of its most distinguished leaders, Dr. Manmohan Singh Ji. Rising from humble origins, he rose to become a respected economist. He served in various government positions as well, including as Finance Minister, leaving a strong imprint on our economic… pic.twitter.com/clW00Yv6oP
— Narendra Modi (@narendramodi) December 26, 2024
मनमोहन सिंह का राजनीतिक करियर:
डॉ. मनमोहन सिंह का राजनीतिक करियर बहुत ही प्रेरणादायक रहा है। वह 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे। उनके प्रधानमंत्री बनने से पहले उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर और वित्त मंत्री के रूप में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया था। उनकी आर्थिक नीतियों ने भारत को आर्थिक विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने का मौका दिया।
उनके कार्यकाल के दौरान, भारत ने विकासशील देशों के क्लब में अपनी जगह बनाई और वैश्विक आर्थिक संकट से उबरने में सफलता प्राप्त की। डॉ. मनमोहन सिंह की वित्तीय नीतियों और आर्थिक सुधारों ने देश की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ किया, जिससे भारत को एक नई पहचान मिली।
उनके प्रधानमंत्री पद के कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत की गई, जिनमें एनआरएचएम, मनरेगा, और राइट टू फूड जैसी योजनाएं शामिल हैं। इसके साथ ही, उनके नेतृत्व में भारत ने मॉनिटरी पॉलिसी में सुधार, विदेशी निवेश को आकर्षित करने, और मूल्य वृद्धि को नियंत्रित करने जैसे महत्वपूर्ण कदम उठाए।
डॉ. मनमोहन सिंह की राजनीतिक शैली:
डॉ. मनमोहन सिंह की राजनीति में विनम्रता और ईमानदारी की विशेष पहचान थी। उन्होंने कभी भी बड़े शोरगुल और विवादों से बचने की कोशिश की। उनकी शैली बिल्कुल अलग थी। वह कम बोलते थे, लेकिन जब भी बोलते थे, उनकी बातों में गहरी समझ और विचारशीलता होती थी। उन्होंने कभी भी अपनी राजनीतिक स्थिति का दुरुपयोग नहीं किया और हमेशा देश के सर्वोत्तम हित में काम किया।
डॉ. मनमोहन सिंह का निधन भारतीय राजनीति और समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनकी स्थायी धरोहर उनके द्वारा किए गए आर्थिक सुधारों, उनके नेतृत्व में की गई योजनाओं और उनके आत्मनिष्ठ दृष्टिकोण के रूप में हमेशा जीवित रहेगी। वह एक ऐसे नेता थे, जिन्होंने भारतीय राजनीति को एक नई दिशा दी और जिनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उनके जाने से देश को एक बड़ी क्षति हुई है, लेकिन उनके विचार और कार्य हमेशा हमारे मार्गदर्शक रहेंगे।

