
दिल्ली के भारत मंडप में चल रहे Ashtalakshmi Mahotsav के दौरान एक ऐसा दृश्य सामने आया, जिसने सभी को हैरान कर दिया। आमतौर पर रैंप पर मॉडल्स को चलते हुए देखा जाता है, लेकिन इस बार रैंप पर कोई मॉडल नहीं था, बल्कि मोदी सरकार के केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने रैंप पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। दोनों मंत्री रैंप पर चलते हुए अपने स्टाइलिश अंदाज से सभी का ध्यान आकर्षित कर रहे थे।
मंत्रियों का स्टाइलिश अंदाज
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया क्रीम रंग की फैशनेबल कोट पहने हुए थे, जिसमें वह बहुत आकर्षक लग रहे थे। उनके गले में लाल रंग की मफलर थी, जो उनके ड्रेस को और भी खूबसूरत बना रही थी। वहीं, उनके साथ रैंप पर चल रहे राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार भी क्रीम रंग के कोट में नजर आए। सुकांत मजूमदार के गले में भी लाल रंग का टुकड़ा था।

दोनों मंत्रियों ने न सिर्फ रैंप पर चलकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, बल्कि आत्मविश्वास और फैशन सेंस के साथ दर्शकों का दिल भी जीत लिया।

सिंधिया का बयान – “यह संस्कृति और सृजनात्मकता का उत्सव है”
इस खास अवसर पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा,
“यह वास्तव में संस्कृति और सृजनात्मकता का उत्सव है। यह फैशन शो उत्तर-पूर्व भारत की जीवंत शैली को प्रदर्शित करने का बेहतरीन अनुभव था। हर राज्य को प्रतिभाशाली कलाकारों और मॉडल्स द्वारा खूबसूरती से प्रस्तुत किया गया। मैं अपने सहयोगी सुकांत मजूमदार के साथ इस कार्यक्रम का हिस्सा बनकर गर्व महसूस करता हूं।”
उत्तर-पूर्व की संस्कृति और परिधानों का प्रदर्शन
यह फैशन शो उत्तर-पूर्व भारत की विविध संस्कृति और परिधानों को प्रदर्शित करने के लिए आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में उत्तर-पूर्व के सभी आठ राज्यों – अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा के पारंपरिक परिधान और रचनात्मक डिजाइनों को प्रस्तुत किया गया।
रैंप पर प्रदर्शित परिधान न केवल उत्तर-पूर्व की समृद्ध संस्कृति को दिखा रहे थे, बल्कि पारंपरिक धरोहर और आधुनिक फैशन का सुंदर संगम भी थे।
सोशल मीडिया पर तारीफों का तांता
मंत्रियों के रैंप पर चलने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। कई उपयोगकर्ता इस वीडियो को देखकर मंत्रियों की तारीफ कर रहे हैं। एक उपयोगकर्ता ने लिखा,
“वाह! नेताओं को भी ऐसे होना चाहिए, जो बॉलीवुड सितारों से भी मुकाबला कर सकें।”
वहीं, दूसरे उपयोगकर्ता ने लिखा,
“यह गर्व की बात है कि हमारे नेता फैशन और संस्कृति दोनों को साथ में लेकर चल रहे हैं।”
आश्तलक्ष्मी महोत्सव का उद्देश्य
आश्तलक्ष्मी महोत्सव का मुख्य उद्देश्य उत्तर-पूर्व भारत की सांस्कृतिक विविधता और कला को पूरे देश में प्रस्तुत करना है। इस महोत्सव में फैशन शो के अलावा संगीत, नृत्य और अन्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ भी की जा रही हैं। यह महोत्सव भारत की सांस्कृतिक एकता और समृद्धि का प्रतीक है।
नेताओं का यह स्टाइल क्यों खास है?
आमतौर पर नेता अपनी गंभीर और औपचारिक छवि के लिए जाने जाते हैं। लेकिन जब नेता अपनी पारंपरिक छवि से बाहर निकलकर ऐसे कार्यक्रमों में भाग लेते हैं, तो यह न केवल उनकी बहुमुखी प्रतिभा को दिखाता है, बल्कि यह जनता से जुड़ने का एक नया तरीका भी बनता है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुकांत मजूमदार ने रैंप पर चलकर यह संदेश दिया कि संस्कृति और कला केवल एक वर्ग तक सीमित नहीं हैं। यह सभी का उत्सव है और इसमें सभी की भागीदारी महत्वपूर्ण है।
फैशन शो से मिली प्रेरणा
यह फैशन शो न केवल मनोरंजन का एक साधन था, बल्कि यह उत्तर-पूर्व की अनूठी परंपराओं और संस्कृति को जानने का एक अवसर भी था। इसके माध्यम से यह संदेश दिया गया कि भारत की विविधता उसकी सबसे बड़ी ताकत है।
भविष्य में ऐसे कार्यक्रमों की उम्मीद
मंत्रियों के इस स्टाइल और आश्तलक्ष्मी महोत्सव की भव्यता को देखकर लोग उम्मीद कर रहे हैं कि भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। ऐसे कार्यक्रम न केवल कला और संस्कृति को बढ़ावा देते हैं, बल्कि देश को एकजुट करने का भी काम करते हैं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुकांत मजूमदार का आश्तलक्ष्मी महोत्सव के रैंप पर चलना एक ऐसा क्षण था, जिसने सभी का ध्यान आकर्षित किया। यह न केवल संस्कृति और फैशन का उत्सव था, बल्कि यह संदेश था कि भारत की विविधता और सृजनात्मकता को बढ़ावा देने में सभी की भागीदारी जरूरी है। नेताओं का यह नया रूप यह साबित करता है कि वे केवल राजनीति तक सीमित नहीं हैं, बल्कि कला और संस्कृति के सच्चे समर्थक भी हैं।

