IND vs NZ: भारत और न्यूजीलैंड के बीच तीन टेस्ट मैचों की सीरीज़ का तीसरा और अंतिम मैच आज, 1 नवंबर से मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में शुरू हो चुका है। इस मैच में न्यूजीलैंड के कप्तान टॉम लैथम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया। हालांकि, पहले दिन न्यूजीलैंड की शुरुआत बेहद खराब रही और टीम ने केवल 15 रन के स्कोर पर अपना पहला विकेट खो दिया। चौथे ओवर में ही डेवॉन कॉनवे, आकाश दीप का शिकार बन गए और मात्र 4 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। इसके बाद, 16वें ओवर में कप्तान टॉम लैथम भी वाशिंगटन सुंदर की गेंद पर आउट हो गए।
न्यूजीलैंड का संघर्षपूर्ण प्रदर्शन
न्यूजीलैंड के बल्लेबाज रचिन रवींद्र भी कुछ खास नहीं कर सके और केवल 5 रन बनाकर 20वें ओवर में पवेलियन लौट गए। इसके बाद विल यंग और डेरिल मिचेल ने पारी को संभाला और चौथे विकेट के लिए 87 रनों की साझेदारी की। इस साझेदारी ने न्यूजीलैंड के स्कोर को 150 के पार पहुंचाया। हालांकि, इस साझेदारी को रविंद्र जडेजा ने तोड़ा और भारतीय टीम को एक बार फिर मुकाबले में वापसी कराई। जडेजा ने 45वें ओवर में विल यंग को आउट किया और उसी ओवर में विकेटकीपर बल्लेबाज टॉम ब्लंडेल को बिना खाता खोले पवेलियन भेज दिया। इस प्रकार न्यूजीलैंड ने 159 रन के स्कोर पर आधी टीम खो दी।
रविंद्र जडेजा का शानदार प्रदर्शन: 5 विकेट
डेरिल मिचेल ने एक छोर से पारी को संभाले रखा, लेकिन दूसरे छोर से लगातार विकेट गिरते रहे। इस तरह न्यूजीलैंड की पूरी टीम 65.4 ओवर में 235 रन बनाकर ऑल आउट हो गई। डेरिल मिचेल ने न्यूजीलैंड के लिए सबसे अधिक 82 रन बनाए। भारत की ओर से रविंद्र जडेजा सबसे सफल गेंदबाज रहे, जिन्होंने 5 विकेट झटके। इसके अलावा वाशिंगटन सुंदर ने भी शानदार गेंदबाजी करते हुए 4 विकेट हासिल किए।
आकाश दीप ने लिया एक विकेट, लेकिन अश्विन और सिराज रहे खाली हाथ
भारतीय टीम की गेंदबाजी में आकाश दीप ने एक विकेट लिया, जबकि मोहम्मद सिराज और आर अश्विन को एक भी विकेट नहीं मिला। खासकर आर अश्विन के लिए यह मैच एक अलग तरह का रिकॉर्ड लेकर आया। टेस्ट क्रिकेट में अश्विन के लिए यह पहली बार था कि जब न्यूजीलैंड की टीम एक पारी में ऑल आउट हुई हो और अश्विन को एक भी विकेट नहीं मिला। अश्विन ने अब तक न्यूजीलैंड के खिलाफ 12 टेस्ट मैचों की 22 पारियों में 72 विकेट लिए हैं। इस दौरान उनकी गेंदबाजी औसत 18.43 रही है, लेकिन इस बार वह एक भी विकेट नहीं ले पाए, जो अपने आप में एक अनोखा रिकॉर्ड है।
अश्विन का योगदान और उनकी अहमियत
आर अश्विन भारतीय क्रिकेट टीम के एक अनुभवी और महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं। वह टीम इंडिया के लिए टेस्ट क्रिकेट में सबसे सफल स्पिन गेंदबाजों में से एक माने जाते हैं। उनके नाम टेस्ट क्रिकेट में 500 से अधिक विकेट हैं और वह विभिन्न परिस्थितियों में भारत के लिए मैच विजेता साबित हुए हैं। न्यूजीलैंड के खिलाफ यह अनोखा रिकॉर्ड भले ही उनके नाम दर्ज हो गया हो, लेकिन अश्विन की गेंदबाजी का महत्व कम नहीं हुआ है। अश्विन की किफायती गेंदबाजी ने दूसरे गेंदबाजों को दबाव में डालकर विकेट लेने का मौका प्रदान किया।
टीम इंडिया की गेंदबाजी में विविधता
भारतीय टीम की गेंदबाजी लाइन-अप में विविधता की कोई कमी नहीं है। स्पिन और तेज गेंदबाजों का संतुलन टीम को हर परिस्थिति में प्रतिस्पर्धा में बनाए रखता है। इस मैच में भी रविंद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर ने अपनी स्पिन गेंदबाजी से न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों को खूब परेशान किया। जडेजा की गेंदबाजी ने एक बार फिर यह साबित किया कि वह कितने खतरनाक हो सकते हैं, खासकर भारतीय परिस्थितियों में। वहीं, वाशिंगटन सुंदर ने भी अपनी सटीक लाइन और लेंथ से बल्लेबाजों को कड़ी चुनौती दी और अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया।
भारत-न्यूजीलैंड सीरीज़ की वर्तमान स्थिति
भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेली जा रही इस टेस्ट सीरीज़ के पहले दो मैच ड्रॉ रहे थे। इसलिए यह तीसरा और अंतिम मैच दोनों टीमों के लिए निर्णायक साबित हो सकता है। भारत ने अब तक अपनी बेहतरीन गेंदबाजी और बल्लेबाजी से न्यूजीलैंड पर दबाव बनाने की कोशिश की है। भारतीय टीम को इस मैच में अच्छी बढ़त बनाने की जरूरत है ताकि वह सीरीज़ को अपने नाम कर सके।
भारतीय टीम की रणनीति और आगे की चुनौतियाँ
इस सीरीज़ में भारतीय टीम ने अब तक बेहतरीन प्रदर्शन किया है, लेकिन आखिरी मैच में एक मजबूत बढ़त बनाना और इसे जीत में तब्दील करना उनके लिए महत्वपूर्ण होगा। अश्विन भले ही इस मैच में विकेट नहीं ले पाए हों, लेकिन उनकी गेंदबाजी का दबाव अन्य गेंदबाजों के लिए सहायक साबित हुआ। टीम इंडिया के पास जडेजा, सुंदर और अश्विन जैसे कुशल गेंदबाज हैं, जो किसी भी परिस्थिति में विकेट लेने का माद्दा रखते हैं। ऐसे में टीम का फोकस इस मैच में न्यूजीलैंड पर मजबूत पकड़ बनाकर जीत हासिल करने का रहेगा।
अश्विन का यह अनोखा रिकॉर्ड यह दर्शाता है कि क्रिकेट में परिस्थितियाँ कैसे बदलती हैं और कभी-कभी महान गेंदबाजों को भी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। फिर भी, अश्विन का भारतीय क्रिकेट में योगदान और उनकी प्रतिभा की अहमियत कभी कम नहीं होती। इस सीरीज़ के आखिरी मैच में उनकी भूमिका भले ही विकेट के मामले में कम दिखी हो, लेकिन उनका अनुभव और रणनीति टीम के लिए हमेशा से महत्वपूर्ण रहे हैं। अब यह देखना रोचक होगा कि भारतीय टीम इस निर्णायक मैच में कैसी रणनीति अपनाती है और क्या वे इस सीरीज़ को जीतकर अपना दबदबा कायम कर पाते हैं।